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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का डॉक्टर बाबासाहब आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान से जुड़े Doctors, Medical and Non-medical Consultants को सम्बोधन

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डॉक्टर बाबासाहब आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान के ‘सेवांकुर भारत’कार्यक्रम में आप सबसे मिलकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। लगभग तीन दशक पहले शुरू हुआ यह गैर-लाभकारी संगठन तेज गति से आगे बढ़ रहा है। मुझे बताया गया है कि यह प्रतिष्ठान लोक कल्याण की भावना से जरूरतमंदों को कम दरों पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का कार्य कर रहा है। कौशल विकास, रोजगार, स्वयं सहायता समूह संचालन आदि लोकोपकार के कार्य भी इस संस्थान द्वारा किए जा रहे हैं। इस प्रतिष्ठान द्वारा किए जाने वाले समाज-सेवा

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

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बाबा बैद्यनाथ के क्षेत्र में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। इस पुण्य भूमि पर स्थित झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आकर मुझे विशेष हर्ष का अनुभव हो रहा है। मैं आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देती हूँ। आज स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मैं विशेष बधाई देती हूँ। मैं सभी विद्यार्थियों के माता-पिता, अभिभावकों और प्राध्यापकों को भी बधाई देती हूँ जिन्होंने विद्यार्थियों की यात्रा के हर पड़ाव पर उनका साथ दिया है, और मार्

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी आदिवासी महिलाओं के सम्मेलन में सम्बोधन

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जनजातीय महिलाओं के सशक्तीकरण के इस महत्वपूर्ण आयोजन में आकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। माही, सोम, और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित बेणेश्वर धाम की यह भूमि बहुत ही पवित्र मानी जाती है। राजस्थान वीरों की भूमि है। यह इंद्रधनुषी संस्कृति की भूमि है। ‘पधारो म्हारे देस’की अतिथि सत्कार की भावना यहां की पहचान है। 

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का पोर्ट ब्लेयर में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

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जिस स्नेह और उत्साह के साथ इस समारोह का आयोजन किया गया है उसके लिए मैं यहां के प्रशासन, जन-प्रतिनिधियों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी निवासियों को धन्यवाद देती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का विविधता का अमृत महोत्सव के अवसर पर अभिभाषण

आज यहां उपस्थित North East के शिल्पकारों, कलाकारों, प्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। North East की जो झलक आप सबने अपने stalls और प्रयासों के जरिए प्रस्तुत की है, वह अत्यंत प्रभावशाली है। इन सुंदर प्रस्तुतियों के लिए मैं आप सबकी सराहना करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का ICAR - Indian Agricultural Research Institute, New Delhi के 62वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

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हरित क्रांति के प्रमुख केंद्र और कृषि के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देने वाले भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 62वें दीक्षान्त समारोह में आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता महसूस हो रही है। सर्वप्रथम मैं आज स्नातक हो रहे विद्यार्थियों को बधाई देती हूँ और आपके स्वर्णिम भविष्य की कामना करती हूँ। मैं आज पुरस्कृत होने वाले वैज्ञानिकों को भी बधाई देती हूं जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान दिया है।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का आदि महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधन

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जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि को प्रदर्शित करने वाले इस ‘आदि महोत्सव’ में आप सब के बीच आकर मैं बहुत खुशी का अनुभव कर रही हूं। आज यहां मुझे विभिन्न राज्यों की जनजातीय संस्कृति और विरासत का एक अनूठा संगम देखने को मिला है। उनकी बोली, भाषा, शिल्प, खान-पान, संगीत और पारंपरिक कला, भारत की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उदाहरण हैं। मैं इस आयोजन के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय, ट्राइफेड और अन्य सभी सहभागियों की सराहना करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 200वां जन्मोत्सव – ज्ञान ज्योति पर्व – स्मरणोत्सव समारोह में संबोधन

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यह मेरा सौभाग्य है कि आज के दिन, महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की जन्म-भूमि, टंकारा में आने का, मुझे अवसर मिला है। स्वामी जी की पावन स्मृति में, सभी देशवासियों की ओर से, मैं उन्हें सादर नमन करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधन

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मुझे आज सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के इस दीक्षांत समारोह में भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं सभी पदक विजेताओं और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देती हूं। दीक्षांत समारोह का दिन, हर संस्थान के लिए ऐतिहासिक होता है। यह प्रत्येक विद्यार्थी के लिए उसके जीवन का यादगार अवसर होता है। आप सब विद्यार्थियों की सफलता के पीछे केवल आपकी कड़ी मेहनत ही नहीं, बल्कि आपके परिवारजन का सहयोग तथा आपके प्राध्यापकों की प्रेरणा और मार्गदर्शन भी शामिल

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का श्रीमद राजचन्द्र आश्रम, धरमपुर में सम्बोधन

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श्रीमद राजचन्द्र आश्रम में आकर मैं एक महान आध्यात्मिक परंपरा के प्रति अपना हार्दिक सम्मान व्यक्त कर रही हूं। श्रीमद राजचन्द्र जी एक महान संत, कवि, दार्शनिक एवं समाज-सुधारक थे। श्रीमद राजचन्द्र जी के व्यापक धर्म-ज्ञान और चारित्रिक बल से महात्मा गांधी भी प्रभावित थे। गाँधी जी ने उनके बारे में लिखा है and I quote “जिसपर मैं मुग्ध हुआ था ... वह था उनका गंभीर शास्त्र-ज्ञान, उनका शुद्ध चरित्र और आत्मदर्शन की उत्कट लगन। बाद को मैंने पाया कि वह आत्मदर्शन के लिए ही जीते थे।”

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