भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का डॉक्टर बाबासाहब आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान से जुड़े Doctors, Medical and Non-medical Consultants को सम्बोधन
राष्ट्रपति भवन : 04.03.2024
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डॉक्टर बाबासाहब आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान के ‘सेवांकुर भारत’कार्यक्रम में आप सबसे मिलकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। लगभग तीन दशक पहले शुरू हुआ यह गैर-लाभकारी संगठन तेज गति से आगे बढ़ रहा है। मुझे बताया गया है कि यह प्रतिष्ठान लोक कल्याण की भावना से जरूरतमंदों को कम दरों पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का कार्य कर रहा है। कौशल विकास, रोजगार, स्वयं सहायता समूह संचालन आदि लोकोपकार के कार्य भी इस संस्थान द्वारा किए जा रहे हैं। इस प्रतिष्ठान द्वारा किए जाने वाले समाज-सेवा एवं देश-निर्माण के कार्य अनुकरणीय हैं। मैं इस प्रतिष्ठान से जुड़े सभी doctors, विद्यार्थियों एवं कार्यकर्ताओं की सराहना करती हूँ।
देवियो और सज्जनो,
किसी व्यक्ति की सफलता कभी भी केवल उसकी निजी सफलता नहीं होती है। उसकी सफलता में स्वयं की योग्यता के अलावा परिस्थिति, परिवार, समाज एवं देश का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम युवाओं को जागरूक करें कि उनकी योग्यता की मान्यता ही सफलता नहीं है। न ही धन का संचय उनकी सफलता का मापदंड हो सकता है। जीवन की सार्थकता और सफलता दूसरों की सेवा में समाहित है।
इसी सामाजिक दायित्व-बोध के प्रचार-प्रसार के लिए इस प्रतिष्ठान ने वर्ष 1997 में सेवांकुर भारत कार्यक्रम की शुरुआत की थी। आज तक इस कार्यक्रम के माध्यम से 2000 से भी अधिक विद्यार्थियों के चरित्र-निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास का प्रयास किया जा चुका है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय अखंडता और एकता को भी बढ़ावा देता है। युवा शक्ति को जन-सेवा का रास्ता दिखाने एवं ‘Nation First’ की भावना को प्रबल करने का यह कार्य, विशेष रूप से प्रशंसनीय है।
देवियो और सज्जनो,
हमारे कुछ जन-जातीय भाई-बहन विकास की मुख्यधारा में पीछे रह गए हैं। इसलिए उनके स्वास्थ्य में सुधार की आवश्यकता है। आनुवंशिक एवं संक्रामक रोगों के साथ-साथ गैर-संक्रामक रोग भी इस समाज के लिए बड़ी चुनौती हैं। सरकार द्वारा जन-जातीय समाज के स्वास्थ्य संबंधी सूचकांक में सुधार के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। National Sickle Cell Anaemia Elimination Mission के माध्यम से वर्ष 2047 तक Sickle Cell Anaemia की समस्या से मुक्ति पाने का लक्ष्य रखा है।
‘सेवांकुर भारत’के अंतर्गत चलाये जा रहे ‘During Vacation - One Week for Nation’ कार्यक्रम के बारे में जानकर मुझे अत्यंत हर्ष हुआ। इसके अंतर्गत इस संस्थान से जुड़े विद्यार्थी और कार्यकर्ता जनजातीय क्षेत्रों में रहते हैं और जनजातीय भाई-बहनों के जीवन की समस्याओं को निकटता से देखते हैं। जन-जातीय समुदाय की चुनौतियों, उनके रहन-सहन, जीवन-शैली एवं संस्कृति के बारे में जागरूकता लाने का यह प्रयास प्रशंसनीय है।
मुझे बताया गया है कि इस महीने ही धर्मावाला, उत्तराखंड में आठवां During Vacation - One Week for Nation आयोजित किया जाएगा। मैं इस आयोजन की सफलता के लिए आपको अग्रिम शुभकामनाएं देती हूँ।
देवियो और सज्जनो,
हमारे समाज में doctors को भगवान माना जाता है। इस श्रद्धा और सम्मान के साथ समाज के प्रति नैतिक जिम्मेदारी भी जुड़ी हुई है।
Healthcare एक ऐसा profession है जिसमें धनोपार्जन यदि मुख्य लक्ष्य हो, तब समाज का कल्याण संभव नहीं है। इसीलिए आप सब को अपने professional कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए करुणा, दया, परोपकार जैसे मूल्यों को अपनी चारित्रिक विशेषता बनाना है। हमने कोरोना महामारी के दौरान इन्हीं मानवीय मूल्यों को अपने frontline workers में जीवंत रूप लेते देखा है।
देवियो और सज्जनो,
हम सब बाबासाहब आंबेडकर के जीवन से सीख सकते हैं कि कैसे अपनी व्यक्तिगत सफलताओं का सदुपयोग समाज-कल्याण में किया जाए। बाबासाहब के पास विदेश में बसकर अपने लिए एक आरामदायक जीवन चुनने का विकल्प था। लेकिन उन्होंने अपने देश में रहकर सामाजिक समस्याओं के उन्मूलन के लिए संघर्ष किया। हमें बाबासाहब के दिखाए आदर्शों पर चलते हुए सामाजिक न्याय, समानता एवं बंधुत्व की भावना के लिए कार्य करना है।
मैं आशा करती हूँ कि आज आप लोग समाज सेवा की जिस भावना के साथ यहाँ उपस्थित हैं, जीवन-पर्यंत इसी भावना के साथ कार्य करेंगे। डॉक्टर बाबासाहब आंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान और सेवांकुर भारत कार्यक्रम द्वारा किए जा रहे कार्यों की सफलता की मंगल कामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूँ।
धन्यवाद,
जय हिन्द!
जय भारत!