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35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2015 के उद्घाटन समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

speech1. मुझे 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) के उद्घाटन समारोह में आज यहां उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है,जो कि भारत व्यापार संवर्धन संगठन का प्रमुख कार्यक्रम है।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

speech1. मुझे भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह में भाग लेकर प्रसन्नता हुई है। मैं इस विशेष अवसर पर प्रेस परिषद के सभी सदस्यों तथा सम्पूर्ण मीडिया समुदाय को बधाई देता हूं।

कैवलरी ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित कैवली स्मृति व्याख्यान के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मुझे इस संध्या कैवलरी आफिसर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित कैवलरी स्मृति व्याख्यान देने के लिए यहां उपस्थित होने पर प्रसन्नता हुई है। भारतीय सशस्त्र कोर के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों का यह संगठन,कोर के अलंकार विभूषित सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वार्षिक रूप से इस व्याख्यान का आयोजन करता है।

ध्वज प्रस्तुति परेड के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. मुझे18 स्क्वाड्रन और 22 स्क्वाड्रन को ध्वज प्रदान करने के लिए वायु सेना स्टेशन हासीमारा में उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है।

अमूल के पशु आहार उत्पादन संयंत्र के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

sp1. अमूल के अत्याधुनिक पशु आहार उत्पादन संयंत्र के उद्घाटन के लिए आज यहां उपस्थित होना मेरा सौभाग्य है। सर्वप्रथम मैं,अमूल को अपनी प्रख्यात यात्रा के एक और पड़ाव तक पहुंचने के लिए बधाई देता हूं।

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाईट अवार्ड प्रदान करते समय अभिभाषण

spमुझे इस प्रख्यात संस्थान में, जो उच्चतर शिक्षा में सबसे आगे है और जिसने देश में प्रबंधन और व्यवसाय को नेतृत्व प्रदान किया है,आपके बीच होने में बड़ी खुशी है। इस परिसर में उत्कृष्टता और प्रासंगिकता के मिश्रण ने,जो पूरे देश के युवा बच्चों के सृजनात्मक और नवाचारी विचारों के द्वारा जाहिर हुई है,इस संस्थान को विचारों और ऊर्जा से आकर्षक बना दिया है।

साबरमती आश्रम में अभिलेखागार और अनुसंधान केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

s1. मुझे आज साबरमती आश्रम आकर और इस नए अभिलेखागार और अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन करके प्रसन्नता हुई है।

2. मैं पूर्व में भी अक्सर हृदय कुंज के इस मंच पर बैठ चुका हूं,जो एक विशेष स्थान है। हृदय कुंज एक दुर्बल-पतले व्यक्ति का घर था जिसने शक्तिशाली साम्राज्य के घुटने टिका दिए। जब भी मैं यहां आता हूं,नई आशा और विश्वास के साथ लौटता हूं।

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