भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का पोर्ट ब्लेयर में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

पोर्ट ब्लेयर : 19.02.2024

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जिस स्नेह और उत्साह के साथ इस समारोह का आयोजन किया गया है उसके लिए मैं यहां के प्रशासन, जन-प्रतिनिधियों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी निवासियों को धन्यवाद देती हूं।

आज मुझे यहां की ऐतिहासिक सेल्यूलर जेल के परिसर में राष्ट्रीय स्मारक पर देशप्रेमी शूरवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का सौभाग्य मिला। वहां स्थित स्वतन्त्रता ज्योति, वीर सावरकर जी की cell, स्वर्णाक्षरों में अंकित स्वाधीनता सेनानियों के नामों से सुशोभित शिला, संग्रहालय में सुरक्षित स्वाधीनता संग्राम का इतिहास, वे सभी हमारे देश की अनमोल धरोहर हैं। वहां के Light and Sound Show में हमारे देश के इतिहास का एक अत्यंत गौरवशाली और भावनापूर्ण अध्याय जीवंत हो उठता है। सेल्यूलर जेल की काल-कोठरियां स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और संघर्ष की साक्षी हैं। सभी महान स्वाधीनता सेनानियों को मैं सादर नमन करती हूं।

30 दिसम्बर, 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा यहां हमारा तिरंगा फहराया गया था। नेताजी के सम्मान में वर्तमान भारत सरकार ने रॉस आइलैंड को नेताजी सुभाष चंद्र बोस आइलैंड का नाम दिया है। गुलामी की मानसिकता से मुक्त होने के संकल्प के अनुसार हैवलॉक और नील आइलैंड को स्वराज और शहीद आइलैंड का नाम दिया गया है। स्वाधीनता के बाद, देश की सुरक्षा के लिए अद्भुत पराक्रम दिखाने वाले, परमवीर चक्र से सम्मानित भारत-माता के 21 सपूतों के नाम पर, यहां के 21 द्वीपों का नामकरण किया गया है। मुझे विश्वास है कि भावी पीढ़ियां इस द्वीप समूह से जुड़े सभी शूरवीरों के बारे में जानेंगी और उनसे प्रेरणा लेंगी।

देवियो और सज्जनो,

मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को सबसे पहला “स्वच्छ सुजल प्रदेश” घोषित किया गया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में अच्छे प्रदर्शन के लिए अंडमान और निकोबार को “आयुष्मान उत्कृष्टता पुरस्कार” से भी सम्मानित किया गया है। मैं इन उपलब्धियों के लिए प्रशासन और समस्त टीम को बधाई देती हूं।

मैं अपनी अधिकांश यात्राओं के दौरान जनजातीय लोगों से मिलती हूं। परसों यहां के PVTG समुदायों के लोगों से मिलने का मेरा कार्यक्रम है। वर्ष 2023 में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर PM-JANMAN योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के तहत PVTG समुदाय के लोगों को अनेक मूलभूत सेवाएं प्रदान करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके साथ-साथ स्थायी आजीविका के प्रबंध भी किए जा रहे हैं।

जनजातीय समुदायों सहित समाज के सभी पिछड़े लोगों के प्रति संवेदनशील होना एक प्रबुद्ध नागरिक की पहचान है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ‘जारवा जनजाति के जीवन-दाता’ के रूप में प्रसिद्ध डॉक्टर रतन चन्द्र कर जी ने इस पूरे द्वीप समूह में असाधारण सेवा की है तथा जनजातियों का संरक्षण किया है। मेरे लिए विशेष प्रसन्नता की बात है कि डॉक्टर रतन चन्द्र कर जी को वर्ष 2023 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने का अवसर मुझे मिला।

आज यहां, ‘नारियल अम्मा’ के नाम से प्रसिद्ध हमारी बहन कामाची वेल्लम्माल जी उपस्थित हैं। सुदूर गांव में रहते हुए उन्होंने जैविक खेती के नए तरीकों से नारियल के बागान विकसित किए। उनके असाधारण योगदान की चर्चा हर जगह पहुंची और उन्हें वर्ष 2024 के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। उन्हें इस सम्मान के लिए चुना जाना, इस द्वीप समूह की हर बहन-बेटी, पूरे भारत के गांव-गांव में रहने वाली महिलाओं, खासकर खेती-किसानी में परिश्रम करने वाली महिलाओं के लिए गर्व और प्रेरणा की बात है। यहां की एक और बहन, शांति टेरेसा लाकड़ा जी ने नर्स के रूप में मानवता की, विशेषकर जन-जातीय समुदाय के लोगों की, सेवा का आदर्श प्रस्तुत किया और वर्ष 2011 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित की गईं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों और यहां के जन-जीवन को नाटक तथा सिनेमा के माध्यम से कलात्मक अभिव्यक्ति देने वाले श्री नरेश चन्द्र लाल जी को वर्ष 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इतनी कम जन-संख्या वाला यह द्वीप-समूह प्रतिभाओं और आदर्शों से परिपूर्ण है।

देवियो और सज्जनो,

यह द्वीप समूह सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां Tri-Service Theatre Command की स्थापना की गई है। दक्षिण और दक्षिण-पूर्व के एशिया के देशों से भारत को जोड़ने में इन द्वीप समूहों का विशेष भौगोलिक महत्व है। इसलिए, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, भारत की Act East Policy का एक मुख्य घटक है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं, इस द्वीप समूह की अर्थ-व्यवस्था मुख्यत: मत्स्य पालन, पर्यटन एवं कृषि पर आधारित है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता पूरे विश्व को आकर्षित करती है। मुझे बताया गया है कि इस द्वीप समूह में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। वीर सावरकर एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भी बनाया गया है। Digital और Physical Connectivity में प्रभावशाली विकास के कारण वर्ष 2014 से 2022 के बीच यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग दोगुनी हो गयी है। पर्यटन के निरंतर विकास से यहां रोजगार बढ़ेगा और युवाओं को विकास के नए अवसर मिलेंगे।

देवियो और सज्जनो,

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के चारों ओर का Exclusive Economic Zone भारत के समस्त EEZ का लगभग तीस प्रतिशत है। इस द्वीप की Blue economy का भारत की अर्थ-व्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। मुझे बताया गया है कि इस द्वीप समूह से मछली एवं अन्य marine products के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य प्रगति पर हैं।

इस द्वीप समूह के स्वच्छ पर्यावरण और ecology का संरक्षण करना अत्यंत आवश्यक है। विकास कार्यों और पर्यावरण-संरक्षण के बीच संतुलन रखते हुए हमें आगे बढ़ना होगा।

देवियो और सज्जनो,

देशवासियों ने यह संकल्प लिया है कि वर्ष 2047 में, जब हमारी आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे, तब तक भारत एक विकसित देश बन जाएगा। देश की इस विकास यात्रा में, इस द्वीप समूह के निवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

मैं एक बार फिर, इस आयोजन के लिए अंडमान और निकोबार प्रशासन तथा यहां के निवासियों को धन्यवाद देती हूं। मैं आप सब के उज्ज्वल भविष्य की मंगल- कामना करती हूं।

धन्यवाद, 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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