महामहिम नार्वे नरेश द्वारा आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के माननीय राष्ट्रपति का अभिभाषण
महामहिम नार्वे नरेश हराल्द द फिफ्थ
माहामान्या महारानी सोन्या,
महामहिम युवराज और महामान्या युवराज्ञी,
महामहिमगण,
देवियो और सज्जनो,
महामहिम नार्वे नरेश हराल्द द फिफ्थ
माहामान्या महारानी सोन्या,
महामहिम युवराज और महामान्या युवराज्ञी,
महामहिमगण,
देवियो और सज्जनो,
महामहिम, नरेश,
विशिष्ट अतिथिगण,
देवियो और सज्जनो,
महामहिमगण,
श्रीमती पुओस्कारी, सिटी काउंसिल की अध्यक्षा,
श्री युस्सी पायुनेन, हेलसिंकी के महापौर,
श्री तातु राऊहामाकी, सिटी बोर्ड के अध्यक्ष,और
विशिष्ट देवियो और सज्जनो,
आपके भावपूर्ण शब्दों के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं।
मेडल ऑफ ऑनर ऑफ हेलसिंकी को प्राप्त करना मैं बड़े सम्मान की बात समझता हूं।
सर्वप्रथम, मैं हेलसिंकी सिटी काउंसिल द्वारा किए गए मेरे हार्दिक स्वागत के लिए आपको धन्यवाद देता हूं।
फिनलैंड के राष्ट्रपति, महामहिम श्री सौली नीनिस्तो
मैं आपके सम्मानजनक उद्गारों के लिए आभारी हूं। मध्यरात्रि के सूर्य के देश में इस विशिष्ट जन-समूह के बीच उपस्थित होना वास्तव में मेरे लिए प्रसन्नता और अत्यंत सम्मान का विषय है। मैं फिनलैंड की सरकार और उसकी मैत्रीपूर्ण जनता के लिए भारत गणराज्य की सरकार और जनता की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं लेकर आया हूं।
महामहिम, सबसे पहले,मुझे और मेरे शिष्टमंडल के हार्दिक स्वागत और आतिथ्य सत्कार के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं। हमें फिनलैंड आकर खुशी हो रही है।
महामहिम, विशिष्ट देवियो और सज्जनो,
महामहिमगण,
विशिष्ट अतिथिगण,
मुझे व्यापार प्रतिभागियों के इस विशिष्ट समूह को संबोधित करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। व्यापार सौदों पर कार्य करने के अलावा,ऐसे समारोह परस्पर सम्बन्ध और बातचीत में घनिष्ठता लाने तथा अपने रिश्तों की संभावनाएं पैदा करने के तरीकों के बारे में रचनात्मक ढंग से विचार करने के महत्त्वपूर्ण मंच होते हैं।
फिनलैंड की संसद के महामहिम अध्यक्ष श्री एरो हैनालुओमा,
माननीय उपाध्यक्ष श्री पेक्का रवि और श्री एन्सी जाउसेनलाती,
फिनलैंड की संसद के माननीय सदस्यगण,
विशिष्ट देवियो और सज्जनो,
मैं, मेरे स्वागत के सम्मानपूर्ण शब्दों के लिए आपका धन्यवाद करता हूं।
मुझे, महान श्रीलंकाई बौद्ध पुनर्जागरणवादी और लेखक अंगारिका धर्मपाल के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए स्मारक डाक टिकट जारी करने के लिए आज यहां उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है।
1.सबसे पहले मैं, इस सम्मेलन से मुझे जोड़ने के लिए नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षा तथा उनके कार्यालय को हार्दिक धन्यवाद देना चाहूंगा। मुझे 27वें महालेखापरीक्षा सम्मेलन में उपस्थित होकर खुशी हो रही है। मैं आरंभ में ही भारत की लेखापरीक्षा संस्थान को बधाई देता हूं जिसका 150 से ज्यादा लंबा इतिहास है।
1. मुझे आज ‘आजीविका सुरक्षा : 1.3बिलियन भारतीयों के लिए परिकल्पना को साकार करना’ विषय पर शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने तथा कुछ समय पूर्व इस विषय पर प्रतिवेदन की प्रथम प्रति प्राप्त करने के लिए यहां उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। आरंभ में मैं हमारे समाज को व्यापक दायरे को छूने वाले इस मुद्दे पर इस सम्मेलन के आयोजन के लिए देश के एक अग्रणी उद्योग संघ एसोचैम की सराहना करता हूं।