‘इनोवेट फॉर डिजीटल इंडिया चैलेंज’ की सर्वोच्च 10 विजेता टीमों से भेंट के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
नई दिल्ली : 19.11.2015
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1. मैं इनोवेट फॉर डिजीटल इंडिया चैलेंज की विजेता टीमों को उनकी सफलता तथा आज मेरे सम्मुख दी गई सटीक प्रस्तुति के लिए बधाई देता हूं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रतियोगिता के आयोजन के लिए इंटेल इंडिया के साथ सहयोग किया है जिसका लक्ष्य स्वास्थ्य देखभाल,शिक्षा और ई-शासन जैसे अनेक क्षेत्रों की समस्याओं के कारगर सूचना प्रौद्योगिकी समाधान के लिए कंपनियों की पहचान,उन्हें सहयोग और परामर्श देना है। मुझे विश्वास है कि आज प्रस्तुत नवान्वेषी समाधान देशवासियों के हित के लिए विकसित किए जाएंगे।
देवियो और सज्जनो,
2. आज भारत को शिक्षा,स्वास्थ्य देखभाल, वित्तीय समावेशन और सेवा उपलब्धता के क्षेत्रों में कतिपय चुनौतियों पर काबू पाने के लिए नवान्वेषण की आवश्यकता है। हम पैमाने तथा जन संबंधित समस्याओं के समाधान की व्यापक व्यावहारिकता की चुनौती का सामना कर रहे हैं। हम प्रत्येक महीने 10 लाख से अधिक लोगों को न केवल शिक्षित करने बल्कि डिजीटल तौर पर कैसे शामिल करें?हम उन्हें लाभकारी रूप से रोजगारयुक्त बनाने के लिए उद्योग की अपेक्षानुसार कुशल कैसे बनाएं?हम ग्रामीण इलाकों के प्रत्येक घर तक वहनीय रोग प्रतिरोधक और उपचारी स्वास्थ्य सुविधाएं कैसे पहुंचाएं?हम अपने छोटे नगरों और गांवों के लघु किसानों,उद्यमियों को तेजी से देश के आर्थिक विकास में भागीदार बनाने के लिए बैंकों के साथ कैसे जोड़ें?और सबसे बढ़कर, हम नागरिकों को सरकार द्वारा अधिक सुगम्य,समावेशी और पारदर्शी सेवाएं कैसे प्रदान करें?इनका समाधान नवान्वेषणों द्वारा सहायक डिजीटल क्रांति के प्रयोग में निहित है। डिजीटल क्रांति ने एक तरह से शासन को विकेंद्रीकृत किया है। व्यक्ति को चिंतन करने और सभी समस्याओं के हल के लिए बहुत बड़ी कम्पनी अथवा सरकार की जरूरत नहीं है। आज देश या दुनिया में कहीं भी हो रहे नवान्वेषण का विशाल पैमाने पर अनुकरण किया जा सकता है और अपनाया जा सकता है। भारतीय सभ्यता नवान्वेषणों के लिए विख्यात रही है। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई है कि सरकार ने स्रोत विचारों को मिलाने,उनके पोषण, वित्तपोषण और कारगर और अनुकरणीय बनाने के लिए उन्हें परामर्श प्रदान करने के लिए विशाल सूचना प्रौद्योगिकी जैसी कंपनी इंटेल और भारतीय प्रबंधन संस्थान जैसे शैक्षिक संस्थान से हाथ मिलाया है। उत्तम विचार अकेले स्रोत से आ सकता है परंतु इसे व्यवहार में तब्दील करना हमारा सामूहिक दायित्व है।
प्रिय मित्रो, देवियो और सज्जनो,
3. हमारी सरकार के डिजीटल इंडिया अभियान का उद्देश्य नागरिकों को सेवा के रूप में डिजीटल ढांचा प्रदान करने,मांग पर शासन और सेवाएं उपलब्ध करवाने तथा नागरिकों को डिजीटल तौर पर सशक्त बनाने पर कार्य करना है। ये अत्यंत महत्वाकांक्षी परंतु उपयुक्त लक्ष्य हैं।2011में आरंभ राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का लक्ष्य अगले वर्ष के अंत तक देश की सभी ग्राम पंचायतों तक ब्रॉड बैंड सेवाएं पहुंचाना हैं। इस संपर्क से हमारे देश के आंतरिक भाग डिजीटल क्रांति का हिस्सा बन जाएंगे और इससे लाभान्वित होंगे। सभी को डिजीटल साक्षरता और शिक्षा प्रसार के एक अन्य महत्त्वपूर्ण लक्ष्य को तेजी से प्राप्त करना होगा क्योंकि यदि हम आर्थिक रूप से मजबूत और समावेशी बनना चाहते हैं तो अपने समाज के डिजीटल विभाजन का नुकसान सहन नहीं कर सकते। मांग पर सेवाएं उपलब्ध करवाने के तीसरे और एक सबसे महत्त्वपूर्ण लक्ष्य के लिए समाधान तैयार करने,उनका परीक्षण करने और लोकप्रिय बनाने के लिए नवान्वेषण की आवश्यकता होगी। इसके लिए निश्चित तौर पर सरकार,व्यक्तियों, शिक्षाविदों तथा अनुसंधान संस्थानों और उद्यमियों को एकजुट करने की आवश्यकता होगी।
4. मुझे विश्वास है कि ‘इनोवेट फॉर डिजीटल इंडिया चैलेंज’सहयोग करने के लिए नवान्वेषकों और अन्य भागीदारों को एक मंच उपलब्ध करवाएगा। यह जनसाधारण की समस्याओं के वहनीय,कारगर और नवान्वेषी समाधान पेश करता रहेगा।
प्रिय मित्रो, देवियो और सज्जनो,
5. मैं आपके प्रयास के अत्यंत सफल होने की कामना करता हूं और आशा करता हूं कि आपके प्रयास बहुत से लोगों के जीवन में खुशियां लाएं।
धन्यवाद,
जय हिंद!