राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
1. मुझे राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए यहां आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।
1. मुझे राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए यहां आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।
देवियो और सज्जनो,
मुझे 16वीं भारतीय सहकारिता कांग्रेस के उद्घाटन के अवसर पर यह व्याख्यान देकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।
मुझे आज मद्यपान और नशीले पदार्थों (दवा) के दुरुपयोग के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के लिए यहां उपस्थित होकर प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।
मुझे, मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर के आठवें दीक्षांत समारोह के लिए आप सबके बीच आकर बहुत खुशी हो रही है, जिसे इसके स्वर्ण जयंती वर्ष में आयोजित किया जा रहा है। मैं इस संस्थान द्वारा राष्ट्र की समर्पित सेवा में पचास वर्ष पूर्ण करने
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर में प्रथम दीक्षांत व्याख्यान देना मेरे लिए गौरव तथा सम्मान की बात है। मैं इसके अध्यक्ष, निदेशक, बोर्ड के विशिष्ट सदस्यों, शिक्षकों कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि उन्होंने बहुत ही
मुझे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर द्वारा स्थापित नवान्वेषण तथा उद्भवन केन्द्र का उद्घाटन करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मैं इस संस्थान को, जमीनी स्तर पर प्रचुरता से मौजूद सृजनात्मक तथा नवान्वेषणात्मकता को औपचारिक
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 85वें स्थापना दिवस पर उपस्थित होना मेरे लिए वास्तव में सौभाग्य का विषय है तथा प्रख्यात कृषि वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं की इस सभा को संबोधित करते हुए स्थापना दिवस व्याख्यान देने पर मैं सम्मानित
मुझे, इस शाम प्रथम रुकमिणी देवी स्मृति व्याख्यान देने के लिए चेन्नै आकर प्रसन्नता हो रही है। कला क्षेत्र एक प्रभामय भूमि है। यह श्रीमती रुकमिणी देवी की संकल्पना के कारण पवित्र हो गई है। हमारी विरासत के सभी महान विषयों के दशकों के दौरान पालन करने के का
प्यारे देशवासियो :
हमारी स्वतंत्रता की 66वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर, मैं आपको तथा विश्व भर में सभी भारतवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं।
1. गेहूं वैज्ञानिकों की एक महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय साझीदारी, बरलोग ग्लोबल रस्ट इनिसियेटिव की पांचवीं तकनीकी कार्यशाला के उद्घाटन के लिए आज की शाम यहां उपस्थित होना मेरे लिए खुशी की बात है। मैं, इस देश, इसके कृषि वैज्ञानिकों, किसानों और जनता की ओर से आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं।