भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर के नवान्वेषण तथा उद्भवन केन्द्र के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का संदेश।

जोधपुर, राजस्थान : 10.07.2013

डाउनलोड : भाषण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर के नवान्वेषण तथा उद्भवन केन्द्र के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का संदेश।(हिन्दी, 194.51 किलोबाइट)

Message by the President of India, Shri Pranab Mukherjee at the Inauguration of the Innovation and Incubation Centre at the Indian Institute of Technologyमुझे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर द्वारा स्थापित नवान्वेषण तथा उद्भवन केन्द्र का उद्घाटन करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मैं इस संस्थान को, जमीनी स्तर पर प्रचुरता से मौजूद सृजनात्मक तथा नवान्वेषणात्मकता को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू किए गए इस अभिनव पहल के लिए बधाई देता हूं। इस संबद्धता को और मजबूत किया जाना चाहिए जिससे नवान्वेषक अपने विचारों को विपणन योग्य उत्पादों में बदलने में सफल हो सकें। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर राज्य सरकार के सहयोग से काम कर रहा है तथा उसने राजस्थान विद्यार्थी पहल शुरू की है। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की मानीटरिंग के लिए, कम लागत वाले हार्डवेयर समाधान विकसित करने के लिए, प्रतियोगिता के द्वारा, इंजीनियरी कॉलेजों से 13 टीमों का चयन धन उपलब्ध कराने तथा उद्भवन के लिए किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस व्यवस्था से सामाजिक उद्यमिता के तहत और अधिक नवान्वेषणों को प्रोत्साहन मिलेगा।

2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर में एक सशक्त ज्ञान परिवेश मौजूद है, शिक्षा की विभिन्न विधाओं में सुयोग्य विशेषज्ञ हैं तथा विदेशी विश्वविद्यालयों और भारतीय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ इसके व्यापक अकादमिक तथा प्रौद्योगिकीय साझीदारी है। मुझे विश्वास है कि नवान्वेषण तथा उद्भवन केन्द्र इसका लाभ उठाएगा तथा इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा। यह जानकर खुशी होती है कि इस केन्द्र का जोधपुर तथा आस पास के इलाकों में मौजूद सौर तथा वायु अवस्थापनाओं के लिए कंट्रोलर तथा एमुलेटर जैसे सहयोगी उत्पादों को विकसित करने के लिए उद्यमियों के उद्भवन का इरादा है।

3. नवान्वेषण प्रगति एवं समृद्धि की कुंजी है। नवान्वेषण की प्रक्रिया ज्ञान को सामाजिक भलाई तथा आर्थिक संपदा में बदल देती है। यह गहन चिंता को बढ़ावा देती है तथा व्यवहार में शांति, संतुलन तथा विवेक लाती है। यह जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए मेधावी युवाओं को समाज के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

4. मैं पुन: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर को बधाई देता हूं तथा नवान्वेषण तथा उद्भवन केन्द्र के भावी प्रयासों में सहायता की कामना करता हूं। मैं इस संस्थान के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों का आह्वान करता हूं कि वे नवान्वेषणों की खोज करें, उनका प्रचार करें, उन्हें अनुभव करें तथा उनका उत्सव मनाएं। इसी प्रकार की पहलें हमारे देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में शुरू हुई हैं। आइए, हम कामना करें कि नवान्वेषण का उत्सव हमारे देश में चारों ओर फैले।

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