37वीं भारतीय समाज विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे, आज की सुबह आप लोगों के बीच आकर बहुत खुशी हो रही है। यह राष्ट्रीय समाज विज्ञान कांग्रेस की मेरी दूसरी सहभागिता है। मैंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 1996 में उन्नीसवीं भारतीय समाज विज्ञान कांग्रेस का समापन व्याख्यान दिया था। मेरे विद्वान मित्र, प
‘जोरास्ट्रियनिज्म इन द ट्वेंटिफर्स्ट सेंचुरी : नर्चरिंग ग्रोथ एंड एफर्मिंग आइडेंटी’ विषय पर 10वें विश्व पारसी सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे इस सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए आज शाम यहां उपस्थित होकर प्रसन्नता हुई है। मैंने गौर किया है कि यह न केवल अपने महत्त्वपूर्ण विषय के कारण बल्कि 23 वर्
भारतीय रसायन इंजीनियर संस्थान के 66वें वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
भारतीय रसायन इंजीनियरिंग कांग्रेस के 66वें अधिवेशन में आपके बीच उपस्थित होना मेरे लिए गर्व का अवसर है। यह भारतीय रसायन इंजीनियर संस्थान का वार्षिक अधिवेशन है। प्रारंभ में मैं विदेश से आए उन प्रख्यात शिक्षाविदों का स्वागत करता हू
मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम के सम्मान में आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के माननीय राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
महामहिम, राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम,
मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति,
मादाम फातिमा इब्राहिम,
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का प्रयोग करते हुए वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय विश्वविद्यालयों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों तथा अन्य संस्थानों/प्रयोगशालाओं के विद्यार
विश्वविद्यालय के कुलपतिगण, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के निदेशकगण, अन्य अकादमिक संस्थानों के अध्यक्षगण, संका
12वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के दीक्षांत सत्र तथा प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे बारहवें प्रवासी भारतीय दिवस के लिए यहां उपस्थित होकर बहुत खुशी हो रही है। प्रवासी भारतीय दिवस एक ऐतिहासिक अवसर है क्योंकि इस दिन आज तक के सबसे महान प्रवासी और हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत लौटे थे। यह नव-वर्ष की शुरुआत भी है जो हममें बेहतर भविष्य के लिए नई उम्मीदें जगाती है। मैं इस अवसर पर सभी को एक खुशगवार और समृद्ध नव-वर्ष की शुभकामनाएं देता हूं।