building-logo

मानवाधिकार दिवस समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

speechमुझे, आज भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित मानवाधिकार दिवस समारोह में भाग लेकर बहुत खुशी हो रही है। मुझे इस सभा को संबोधित करते हुए बहुत खुशी हो रही है जो कि सार्वभौमिक महत्त्व तथा समसामयिक प्रासंगिकता के अवसर को मनाने के लिए यहां इकट्ठा हुई है। यह दिन विश्व के सभी नागरिकों के लिए मानवाधिकारों की प्राप्ति के लिए मनुष्य के प्रयासों में एक प्रमुख उपलब्धि का दिन

‘खाद्य सुरक्षा - मानकों की भूमिका’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

speech

मुझे आज ‘खाद्य सुरक्षा-मानकों की भूमिका’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में उपस्थित होकर बहुत गौरव का अनुभव हो रहा है। मैं भारतीय मानक ब्यूरो को खाद्य सुरक्षा तथा भारत में मानकों की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने की इस पहल के लिए बधाई देता हूं।

27वीं इंडियन इंजीनियरिंग कांग्रेस के उद्घाटन समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

देवियो और सज्जनो,

इन्स्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) द्वारा आयोजित 27वीं इंडियन इंजीनियरिंग कांग्रेस के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर यहां उपस्थित होकर मुझे वास्तव में बहुत खुशी हो रही है।

उत्तर भारत के मुख्यमंत्रियों की संगोष्ठी—‘रिफ्यूलिंग ग्रोथ’ के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

speech

 मुझे आज पीएचडी चैम्बर ऑफ कामर्स एवं इंडस्ट्री द्वारा आयोजित उत्तर भारत के मुख्यमंत्रियों की संगोष्ठी में उपस्थित होकर बहुत खुशी हो रही है। मुझे देश के कुछ सबसे बड़े राज्यों का संचालन करने वाले राजनीतिज्ञों और भारतीय उद्योग के मुखियाओं के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हुए तथा हमारे लिए तात्कालिक महत्त्व के और अत्यंत प्रासंगिक मुद्दे पर चर्चा करते हुए बहुत प्रसन

कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार प्राप्त होने के शताब्दी समारोह के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

speechमुझे कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर को नोबल पुरस्कार प्राप्त होने के शताब्दी समारोहों का उद्घाटन करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है, जो कि विश्व भारती, शांतिनिकेतन तथा चीन अध्ययन संस्थान, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘टैगोर और विश्व के बीच एकात्मता : चीन के विशेष संदर्भ सहित, संस्कृति और साहित्य’ नामक इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी से शुरू हो रहे हैं।

सुरी विद्यासागर कॉलेज में स्वागत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

speechमैं आज अपने कॉलेज में आकर खुशी और पुरानी यादों से उद्वेलित अनुभव कर रहा हूं जहां मैंने अपनी युवावस्था के बेहतरीन चार साल बिताए थे। ऐसा लगता है मानो यह कल ही की बात है जब वर्ष 1952 में मुझे आईएससी में दाखिला मिला था। मेरी पंजीकरण संख्या थी 5057। उस समय पंजीकरण शुल्क 2/- रुपए था। वर्ष 1953-56 के दौरान मैंने बी.ए.

समाचार पत्रिका के लिए सदस्यता लें

सदस्यता का प्रकार
वह न्यूज़लेटर चुनें जिसकी आप सदस्यता लेना चाहते हैं।
सब्सक्राइबर का ईमेल पता