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भूटान नरेश महामहिम जिग्मे खेसर नामग्येल वांग्चुक के सम्मान में आयोजित राज-भोज में राष्ट्रपति जी का अभिभाषण

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महामहिम,

भूटान नरेश, जिग्मे खेसर नामग्येल वांग्चुक,

महामान्या,

भूटान की महारानी अशि जेट्सन पेमा वांग्चुक,

प्रधानमंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह,

महामहिमगण,

देवियो और सज्जनो,

64वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का राष्ट्र के नाम संदेश

मेरे प्यारे देशवासियो :

चौंसठवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं भारत में और विदेशों में बसे आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं। मैं अपनी सशस्त्र सेनाओं, अर्ध सैनिक बलों तथा आंतरिक सुरक्षा बलों को विशेष बधाई देता हूं।

अगले पांच वर्षों में भारत के खाद्य उत्पादन को दोगुना करने पर राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

मुझे आज कृषि मंत्रालय तथा कृषि केयर फैडरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा ‘‘अगले पांच वर्षों में भारत के खाद्य उत्पाद को दोगुना करने’’ पर आयोजित किए जा रहे सम्मेलन के उद्घाटन के लिए यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। मुझे नीति निर्माताओं, एग्रोकैम उद्योग के प्रतिनिधियों तथा प्रख्यात बुद्धिजीवियों और वैज्ञानिकों की इस सभा में शामिल होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है।

27वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

मुझे 27वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के उद्घाटन के लिए यहां उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। यह मेला भारत के पर्यटन तथा सांस्कृतिक कैलेंडर में तथा पूरी दुनिया में जागरूक पर्यटकों के लिए भी महत्त्वपूर्ण तारीख बन चुका है। मुझे याद है कि इस मेले को 1987 में छोटे स्तर पर केवल 3 एकड़ के मैदान में आयोजित किया गया था। मुझे वास्तव में खुशी है कि यह अब विकसित होकर अंतरराष्ट्रीय मेले की शक्ल ले चुका है—अब यह 40 एकड़ में फैला हुआ है तथा इसमें भारत के सभी राज्यों के शिल्पकार तथा बुनकर और 20 देशों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि पिछले वर्षों की उपस्थिति

11वें प्रवासी भारतीय दिवस के समापन समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे 11वें प्रवासी भारतीय दिवस के समापन व्याख्यान के लिए आपके बीच उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। आज का दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसी दिन 98 वर्ष पहले, हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे।

हरित डिजायन पर राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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मुझे, आज सुबह हरित डिजायन पर चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन ‘गृह’ के उद्घाटन पर यहां आकर वास्तव में बहुत प्रसन्नता हो रही है।

देवियो और सज्जनो,

फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री फ्रौंस्वा ओलौन्द के सम्मान में आयोजित राज-भोज में माननीय राष्ट्रपति जी का अभिभाषण

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महामहिम राष्ट्रपति फ्रौंस्वा ओलौन्द,

फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति,

मदाम वैलेरी ट्रीयरवेलैर,

श्री मोहम्मद हामिद अंसारी, भारत के उपराष्ट्रपति,

डॉ मनमोहन सिंह, भारत के प्रधानमंत्री,

देवियो और सज्जनो,

फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री फ्रौंस्वा ओलौन्द के सम्मान में आयोजित राज-भोज में माननीय राष्ट्रपति जी का अभिभाषण

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महामहिम राष्ट्रपति फ्रौंस्वा ओलौन्द,

फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति,

मदाम वैलेरी ट्रीयरवेलैर,

श्री मोहम्मद हामिद अंसारी, भारत के उपराष्ट्रपति,

डॉ मनमोहन सिंह, भारत के प्रधानमंत्री,

देवियो और सज्जनो,

प्रथम एन.के.पी साल्वे स्मारक व्याख्यान देते हुए भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

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आज स्वर्गीय श्री एन.के.पी. साल्वे पर प्रथम स्मारक व्याख्यान के लिए आप सबके बीच आना बहुत प्रसन्नता की बात है, जो कि एक बहुआयामी सख्शियत थे। मुझे ‘संविधान एवं शासन’ पर स्वर्गीय श्री एन.के.पी. साल्वे पर प्रथम स्मारक व्याख्यान देने के लिए यहां आकर बहुत खुशी हो रही है।

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