कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा ‘आधुनिक विश्व की चुनौतियां : भारतविद्या के माध्यम से समाधान’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे आज महाभारत और भगवद् गीता की इस भूमि में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। मुझे ‘आधुनिक विश्व की चुनौतियां : भारतविद्या के माध्यम से समाधान’ विषय पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करके विशेष खुशी हो रही है।
सरसरी तौर पर, यह विषय कुछ लोगों को अप्रासंगिक लग सकता है। परंतु यह आधुनिक समय के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है तथा यह आज की बहुत सी समस्याओं का समाधान सुझा सकता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय आमतौर पर संगोष्ठी के लिए इतने जटिल तथा चुनौतीपूर्ण विषय का कम ही चयन करती है। मैं कुलपति तथा उनकी टीम को इस निर्णय के लिए बधाई देना चाहूंगा।