भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 78वें स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश
मेरे प्यारे देशवासियो,
मैं आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।
मेरे प्यारे देशवासियो,
मैं आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।
न्यूजीलैंड में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करना मेरे लिए खुशी की बात है। यह वास्तव में और खुशी की बात है कि भारत को इस वर्ष के सम्मेलन के लिए 'कंट्री ऑफ ऑनर' के रूप में सम्मान दिया गया है।
आप सभी को भारत में आपके भाइयों और बहनों की ओर से हार्दिक अभिनंदन! Auckland में ऐसे जीवंत और ओजस्वी Indian community के बीच उपस्थित होना, मेरे लिए खुशी और सम्मान की बात है। आज जब मैं आपके सामने खड़ी हूं, तो मैं न्यूजीलैंड में भारतीय प्रवासियों के साहस और उपलब्धियों को देखकर गौरवान्वित हूं।
मेरे साथ, हमारे राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, साथ ही लोक सभा के दो सांसद, श्री सौमित्र खान और श्री जुगल किशोर भी हैं।
मैं भारत सरकार और भारत के लोगों की ओर से, आपको हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। मैं इस खूबसूरत देश, तिमोर-लेस्ट में आप सभी भारतीय साथियों से मिलकर बहुत खुश हूं। मैं तिमोर-लेस्ट की सरकार और यहां के लोगों को मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य के लिए धन्यवाद देती हूं।
मेरे साथ हमारे राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, और संसद सदस्य श्री सौमित्र खान और श्री जुगल किशोर हैं इससे पहले हमारे साथ जुड़ने और मेरे साथ विशेष बातचीत करने के लिए मैं राष्ट्रपति होर्ता की भी आभारी हूं। यह भारत और भारतीयों के प्रति उनके गहरे स्नेह की अभिव्यक्ति है, और ये भावना हमारे दिल में भी है।
मुझे यहां दिली, तिमोर-लेस्ते में आकर प्रसन्नता हुई है। यह भारत की ओर से तिमोर- लेस्ते की यह पहली राजकीय यात्रा है। मैं और मेरा प्रतिनिधिमंडल गर्मजोशी से किए गए स्वागत और राष्ट्रपति होर्ता और तिमोर-लेस्ते के लोगों द्वारा दिए गए खुले हृदय से किए गए आतिथ्य से बहुत प्रभावित हैं। मैं, तिमोर-लेस्ते के मित्रों के लिए भारत के लोगों की ओर से बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।
लोकतंत्र के इस मंदिर में आप सभी, फिजी के निर्वाचित प्रतिनिधियों से मिलना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। मैं, आपके लिए विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत के 1.4 अरब भाइयों और बहनों की तरफ शुभकामनाएं देती हूं।
मुझे यह अवसर प्रदान करने के लिए मैं, माननीय सभापति को धन्यवाद देती हूं। इससे हमारे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का पता चलता है।
Southern Pacific के सबसे खूबसूरत शहर सुवा में, भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों से मिलकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।
सबसे पहले, मैं आपको आपके पूर्वजों की भूमि भारत के 1.4 अरब भाइयों और बहनों की ओर से, हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। पिछले 24 घंटों में, जब से मैं यहां फिजी में हूं, इस खूबसूरत देश के लोगों की गर्मजोशी और स्नेह से मैं बहुत प्रभावित हुई हूं।
आप सब की भागीदारी से इस सम्मेलन में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई। उप-राष्ट्रपति जी, प्रधान मंत्री जी एवं गृह मंत्री जी ने अपने विचारों से राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला है। इसके लिए मैं उन्हें विशेष रूप से धन्यवाद देती हूं।
इस सम्मेलन में राज्यपालों के छ: समूहों ने, अलग-अलग बैठकों में, महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक विश्लेषण एवं समीक्षा की है। मैं सभी समूहों के सारगर्भित विचारों और अच्छे सुझावों के लिए आप सब की सराहना करती हूं। मैं आशा करती हूं कि इन निष्कर्षों को कार्यरूप दिया जाएगा।
मैं आप सभी का राष्ट्रपति भवन में हार्दिक स्वागत करती हूं। इस सम्मेलन में पहली बार भाग ले रहे राज्यपालों तथा हाल ही में नियुक्त हुए राज्यपालों को मैं विशेष बधाई देती हूं।
इस सम्मेलन की कार्यसूची में सम्मिलित विषय हमारे राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
आज इस दीक्षान्त समारोह और कॉलेज के 107वें वार्षिक दिवस में आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं आज उपाधि प्राप्त कर रही सभी बेटियों को बधाई देती हूँ और आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ।
एक महिला को आज भी शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनेक सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मुझे बताया गया है कि आपकेसंस्थान के लोगो में एक लैटिन वाक्य अंकित है - Per ardua ad astra जिसका अर्थ है "through adversity to the stars"।