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ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA, SMT. DROUPADI MURMU AT ALGERIAN-INDIAN ECONOMIC FORUM

I am delighted to address the Algerian-Indian Economic Forum today. I thank Minister of Trade and Export Promotion H.E. Mr. Tayeb Zitouni for his gracious presence at this forum. I also thank Algerian Economic Renewal Council and the Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI) for jointly organizing this event. I am happy to see the enthusiastic participation from both sides in the first-ever such Forum organized between our two countries.

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA, SMT. DROUPADI MURMU AT SCIENTIFIC AND TECHNOLOGICAL HUB, MARTYR IHADDADEN ABDELHAFID UNIVERSITY

I am delighted to be here with all of you today. It is, indeed a humbling experience for me to be honoured with the Honorary Doctorate. This is an honour for my country more than for me as an individual. It is an honour you are bestowing on a country, civilization and a culture that has been an ardent and consistent champion of peace and education since time immemorial.

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मॉरिटानिया में भारतीय समुदाय के लिए आयोजित स्वागत समारोह में सम्बोधन (HINDI)

आज मॉरिटानिया में, लघु किन्तु जीवंत और सक्रिय भारतीय समुदाय के बीच उपस्थित होना मेरे लिए वास्तव में प्रसन्नता और सम्मान की बात है। दोनों देशों के संबंधों को बढ़ाने में भारतीय समुदाय की भावना और योगदान को देखकर मैं गौरवान्वित हूं।

मेरे साथ हमारे Minister of State श्री सुकांत मजूमदार, और संसद सदस्य श्री अतुल गर्ग और श्री मुकेशकुमार दलाल भी हैं, और हम अपने साथ 140 करोड़ भारतीयों का अभिनंदन लेकर आए हैं।

भाइयो और बहनो,

भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का न्यूज़ीलैंड के गवर्नर-जनरल द्वारा आयोजित भोज में संबोधन।

मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल का, महामहिम गवर्नर जनरल डेम सिंडी किरो द्वारा व्यक्तिगत तौर पर दिए गए ध्यान और गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं अभिभूत हूं। मुझे वास्तव में आपके खूबसूरत देश में आकर बहुत प्रसन्नता हुई है। मैं, न्यूजीलैंड के मित्रवत लोगों के लिए भारत के 1.4 अरब से अधिक लोगों की ओर से हार्दिक स्नेह और शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)

आज महान विचारक एवं शिक्षाविद तथा भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर राधाकृष्णन की जयंती है। वे चाहते थे कि लोग उन्हें एक शिक्षक के रूप में याद करें। शिक्षक दिवस के इस अवसर पर, मैं सभी देशवासियों की ओर से उनकी स्मृति को नमन करती हूं।

आज स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा तथा कौशल विकास के प्रशिक्षण में उत्कृष्ट योगदान के आधार पर पुरस्कार पाने वाले सभी शिक्षकों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। आपने अपनी प्रतिबद्धता के बल पर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने में सराहनीय भूमिका निभाई है।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का ‘शासन आपल्या दारी’ और ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के कार्यक्रम में सम्बोधन (HINDI)

आज महिलाओं के सशक्तिकरण और जन-कल्याण से जुड़े इस कार्यक्रम में आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। इस कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में एकत्र हुई महिलाओं को संबोधित करना मेरे लिए ख़ुशी की बात है।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय जिला न्यायपालिका सम्मेलन के समापन समारोह में सम्बोधन(HINDI)

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय जिला न्यायपालिका सम्मेलन के समापन समारोह में सम्बोधन(HINDI)

अपनी स्थापना के बाद के पिछले 75 वर्षों के दौरान भारत के उच्चतम न्यायालय ने विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र की न्याय-व्यवस्था के सजग प्रहरी के रूप में अपना अमूल्य योगदान दिया है। उच्चतम न्यायालय ने भारत के न्याय-शास्त्र यानी jurisprudence को बहुत सम्मानित स्थान दिलाया है। इसके लिए उच्चतम न्यायालय सहित भारतीय न्यायपालिका से जुड़े वर्तमान और अतीत के सभी लोगों के योगदा

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Symbiosis International Deemed University के दीक्षांत समारोह में संबोधन (HINDI)

आज Symbiosis International deemed University के दीक्षांत समारोह में आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। सर्वप्रथम मैं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देती हूं। आज स्वर्ण पदक पाने वाले सभी विद्यार्थी विशेष बधाई के पात्र हैं। मैं ‘Prof. Dr. S.B.

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का श्री वारणा महिला सहकारी उद्योग समूह के स्वर्ण जयंती समारोह में सम्बोधन (HINDI)

आज श्री वारणा समूह के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आप सब को संबोधित करके मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। इस अवसर पर वारणा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान देने के लिए मैं इस समूह से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूं। मैं वारणा समूह के संस्थापक श्री विश्वनाथराव कोरे उर्फ तात्यासाहेब कोरे जी को आदर के साथ याद करती हूं जिनकी दूरदर्शिता और मेहनत से वारणा घाटी की बंजर भूमि आज हरी-भरी है। यह बहुत ही खुशी की बात है कि उनके पौत्र श्री विनय विलासराव कोरे जी, तात्यासाहेब के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं।

देवियो और सज्जनो,

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