भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफदरजंग अस्पताल के दीक्षांत समारोह में सम्बोधन (HINDI)
नई दिल्ली : 23.12.2024
आज आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मुझे बताया गया है कि वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफदरजंग अस्पताल, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला सबसे बड़ा अस्पताल है। वर्ष 1942 में एक Base Hospital के रूप में स्थापित, यह संस्थान पिछले आठ दशकों से केवल दिल्ली ही नहीं देश के अन्य राज्यों और पड़ोसी देशों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा प्रदान कर रहा है। इसके लिए मैं केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और इस संस्थान से जुड़े सभी पूर्व और वर्तमान लोगों को बहुत-बहुत बधाई देती हूं।
आज उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। यह दिन आपके जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आज प्राप्त की गई उपाधि आपको समाज में एक अलग पहचान देती है। इस सफलता में आपकी योग्यता, लगन और मेहनत के साथ-साथ आपके शिक्षकों और माता- पिता की तपस्या भी शामिल है। आपको यह स्मरण रखना चाहिए कि आपकी शिक्षा में समाज का भी योगदान है।
प्यारे विद्यार्थियो,
Medical profession केवल आजीविका का साधन मात्र नहीं है। यह एक ऐसा profession है जो लोगों के दुखों को कम करने, बीमार लोगों का उपचार करने और समाज की भलाई में योगदान देने की पवित्र जिम्मेदारी देता है। मेरा मानना है कि आप चाहे एक चिकित्सक बनें, एक शोधकर्ता बनें या एक शिक्षक बनें, आपके उपर लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को बेहतर बनाने तथा रक्षा करने की जिम्मेदारी है।
आपके पास आने वाला रोगी केवल एक medical case नहीं होता है। वह बीमारी से परेशान तथा आशंका और उम्मीद के बीच उलझा हुआ एक इंसान होता है। उसका केवल medical treatment ही नहीं, बल्कि उत्साहवर्धन भी आवश्यक होता है। इसलिए आपकी भूमिका, केवल एक doctor की ही नहीं, बल्कि एक compassionate healer की भी होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि आपने न केवल अपने संस्थान के ध्येय वाक्य ‘in the service of humanity’ को पढ़ा होगा बल्कि पूरी तरह से आत्मसात भी किया होगा। मेरी आपसे अपेक्षा है कि आप समाज, राष्ट्र और सबसे बढ़कर मानवता की सेवा में अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाएं।
देवियो और सज्जनो,
देशभर से औसतन दस हजार लोग प्रतिदिन इलाज़ के लिए इस अस्पताल में आते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि रोगियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए यहां लगातार नए पहल किए जाते हैं। इस संस्थान में robotic renal transplant, robotic cardiothoracic surgery, bone marrow transplant जैसी अत्याधुनिक सुविधा लोगों को कम खर्च पर उपलब्ध कराई जा रही है। उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक भी यहीं पर है।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि NIRF की India Rankings 2024 में यह संस्थान top 20 Medical Institutions में शामिल है। इसके लिए आप सभी को बधाई। मुझे विश्वास है कि आप सब और अधिक लगन और मेहनत से काम करेंगे और निकट भविष्य में ही इस संस्थान को देश के 5 शीर्षस्थ चिकित्सा संस्थानों में स्थान दिलाएंगे।
Medical के क्षेत्र में Technology के बढ़ते उपयोग ने Medical और Engineering संस्थानों के बीच सहयोग को अत्यंत महत्वपूर्ण बना दिया है। Artificial Intelligence, mRNA technology, Robotics, 3D Bioprinting में हो रहे प्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत बड़े परिवर्तन लाने वाले हैं और इनमें Engineering और Technology की अहम भूमिका है। इसी वर्ष अप्रैल में मुझे IIT Bombay और Tata Memorial Center द्वारा विकसित भारत की पहली CAR T-cell therapy का शुभारंभ करने का सौभाग्य मिला था। दिल्ली में भी कई महत्वपूर्ण Engineering और Technology संस्थान स्थित हैं। आप उनके साथ मिलकर research और innovation कर सकते हैं। Inter- disciplinary knowledge sharing सबके हित में होता है।
देवियो और सज्जनो,
हमारे देश में अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा कर रहे लोगों की सूची बढ़ती ही जा रही है। इस कमी को दूर करने में कृत्रिम अंगों का विकास और लोगों द्वारा अंग दान करना महत्वपूर्ण है। अंगदान को बढ़ावा देने के लिए इस अस्पताल परिसर में ही National Organ and Tissue Transplant Organisation (NOTTO) की स्थापना की गई है। यह संगठन अंग दान और प्रतिरोपण के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ अंग और ऊतक दान के लिए लोगों को जागरूक भी बनाता है। लेकिन अंग दान के प्रति आम लोगों में एक तरह की झिझक होती है। इस झिझक को दूर करने में doctors की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। आप लोगों को अंग दान के महत्व को बता कर उन्हें इस पुनीत कार्य के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
देवियो और सज्जनो,
स्वास्थ्य को सबसे बड़ा सुख माना गया है। कहा जाता है कि ‘पहला सुख निरोगी काया’। हमारी परंपरा में समस्त विश्व के आरोग्य और कल्याण की कामना की गई है। सदियों से हम प्रार्थना करते आए हैं ‘सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया:’ अर्थात सभी सुखी रहें और सभी रोग-मुक्त रहें।
विगत कुछ वर्षों में भारत सरकार ने ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जैसे देशभर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या और MBBS तथा PG की सीटों में बहुत वृद्धि हुई है। सभी को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए नए AIIMS स्थापित किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवा को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित, समावेशी और सुलभ बनाने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया है। ‘आयुष्मान वय वंदना कार्ड योजना’ के अंतर्गत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये का निःशुल्क स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जा रहा है। प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए देशभर में एक लाख पचहत्तर हजार से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित किए जा रहे हैं। सरकार के इन प्रयासों के सुखद परिणाम भी आ रहे हैं। लेकिन इन सभी प्रयासों की सतत सफलता में सभी भागीदारों का सहयोग आवश्यक है। बिना कुशल और समर्पित डॉक्टरों के सरकार द्वारा बनाए गए health infrastructure का समुचित उपयोग नहीं हो सकेगा।
प्यारे विद्यार्थियो,
हम सब ने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने में युवा doctors की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। स्वास्थ्य के क्षेत्र में education, research और entrepreneurship के द्वारा भारत को अग्रिम पंक्ति में लाना आपका संकल्प होना चाहिए। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
धन्यवाद,
जय हिन्द!
जय भारत!