भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का AIIMS – मंगलगिरि के प्रथम दीक्षांत समारोह में सम्बोधन (HINDI)

मंगलगिरि : 17.12.2024
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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का AIIMS – मंगलगिरि के प्रथम दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

मंगलगिरि के इस पवित्र स्थल पर मैं ‘पानकाल-स्वामी’ को सादर नमन करती हूं। मेरी प्रार्थना है कि भगवान लक्ष्मी नरसिम्ह स्वामी का आशीर्वाद सभी देशवासियों को सदैव प्राप्त होता रहे। यहां अध्ययन-अध्यापन करने वाले आप सभी विद्यार्थियों और प्राचार्यों का यह सौभाग्य है कि आपको भगवान विष्णु के पानकम् का मधुर प्रसाद मिलता रहता है।

Dear students,

I express my heartiest congratulations to all the young doctors among you who have received their degrees today. Two-thirds of them are young lady doctors. My special congratulations to these daughters who have done us proud.

I convey my special appreciation for the young doctors who have been awarded gold medals today. Among the medal winners too, our daughters have accounted for the larger share of the glory. The rising participation of women in the medical profession and their significant contributions demonstrate that we are becoming a truly developed society. This also highlights the fact that given opportunities, our daughters excel in every field.

I commend members of the faculty for their role in teaching and mentoring the young doctors. I also praise all the guardians. The guardians of the young lady doctors deserve special appreciation. प्यारे विद्यार्थियो,

किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान के आरंभिक batch उस संस्थान की पहचान बनाते हैं। First batch के आप सब MBBS graduates, medical fraternity में, समाज में तथा देश-विदेश में AIIMS-मंगलगिरि के first brand ambassadors हैं। अपनी इस विशेष भूमिका को ध्यान में रखते हुए, आप सब, इस संस्थान के गौरव को बढ़ाने का प्रयास करते रहिएगा।

AIIMS संस्थानों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान कहा जाता है। स्वास्थ्य रक्षा की हमारी परंपरा के अनुसार आयुर्वेद अथवा आयुर्विज्ञान में अच्छे आहार-विहार तथा दिनचर्या और ऋतुचर्या पर जोर दिया गया है। इस प्रकार की विकार-मुक्त जीवन-शैली के बल पर मनुष्य दीर्घायु भी होता है और स्वस्थ भी रहता है। पश्चिमी देशों के विशेषज्ञ, जिनमें डॉक्टर भी शामिल हैं, अनेक अध्ययन प्रकाशित कर रहे हैं जिनके विषय को Science of Longevity कहा जा रहा है। यह Science of Longevity आयुर्विज्ञान का आधुनिक रूप है। हमारी परंपरा में आयु और आरोग्य अर्थात दीर्घायु होने और रोग-मुक्त एवं स्वस्थ रहने की प्रार्थना की जाती है। आयु और आरोग्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। यह holistic health यानी सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर ध्यान देने की पद्धति है। आपके इस संस्थान का ध्येय वाक्य holistic healthcare तथा healthcare for all के आदर्शों से प्रेरित है। ‘सकल स्वास्थ्ये सर्वदा’, यह motto, आपके संस्थान का उच्च आदर्श है।

Relentless promotion of holistic health and ensuring health for all should be the guiding principle of every medical professional of this Institute.

Holistic health के प्रसंग में, योगासन तथा प्राणायाम की पद्धतियों को आधुनिक दृष्टिकोण से भी स्वीकार किया गया है। इस संस्थान के सभी चिकित्सकों तथा विशेषज्ञों से मैं अनुरोध करती हूं कि हमारी प्राचीन चिकित्सा परम्पराओं में उपलब्ध ज्ञान का, आधुनिक विज्ञान की मान्यताओं के अनुसार परीक्षण करें, तथा तर्क-संगत परम्पराओं को आगे बढ़ाएं। विलुप्त हो रहे लाभदायक उपचारों को पुनः प्रसारित करके आप सब, समाज की तथा चिकित्सा विज्ञान की अमूल्य सेवा कर सकते हैं।

समय और परिस्थिति के अनुसार आयुर्विज्ञान के सामने नई-नई चुनौतियां आती रहती हैं। ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए नए समाधानों की आवश्यकता होती है। आपके संस्थान की Cytogenetics laboratory एक आधुनिक प्रयास है। मैं आशा करती हूं कि इस प्रयोगशाला का उपयोग करके AIIMS मंगलगिरि में नए अनुसंधान और उपचार विकसित किए जाएंगे।

मैं आशा करती हूं कि यहां स्थापित किए गए Centre for Medical Education Technology के माध्यम से लोगों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता का प्रसार किया जाएगा।

प्यारे विद्यार्थियो,

सभी देशवासियों की, विशेषकर ऐसे लोगों की देखभाल के लिए, जिनके लिए चिकित्सा सेवाओं को प्राप्त करना कठिन होता था, सरकार ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ सहित अनेक सहायक अभियान चलाए हैं तथा उनके लिए उपचार सुलभ कराया है। आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए, सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को, उनकी आय पर ध्यान दिए बिना, स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त होगा। कोई भी व्यक्ति आर्थिक या अन्य कारणों से स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रह जाए, यह सरकार के साथ-साथ एक जागरूक समाज का भी दायित्व है।

प्यारे विद्यार्थियो,

देश के विभिन्न क्षेत्रों में कम खर्च पर विश्व-स्तरीय tertiary healthcare उपलब्ध कराने तथा शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए बीते 10 वर्षों में अनेक AIIMS स्थापित किए गए हैं। इस पहल के लाभ सामने आ रहे हैं।

भारत के डॉक्टरों ने अपनी प्रतिभा और परिश्रम के बल पर विश्व के विकसित देशों में अपना अग्रणी स्थान बनाया है। चिकित्सा संबंधी नए अनुसंधान कार्यों में भी भारत के डॉक्टरों तथा विशेषज्ञों ने अपनी अलग पहचान बनाई है। हमारे देश में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का लाभ लेने के लिए अन्य देशों से लोग आते हैं। विश्व-पटल पर भारत, affordable medical tourism के एक प्रमुख केंद्र के रूप में, विकसित हो रहा है। इस विकास में हमारे डॉक्टरों की प्रमुख भूमिका है।

प्यारे विद्यार्थियो,

आप सब तीन सामान्य बातों पर हमेशा ध्यान देंगे तो आप सफलता और सम्मान अवश्य अर्जित करेंगे। पहली बात है, service orientation यानी सेवा भावना। दूसरी बात है, learning orientation यानी हमेशा सीखते रहने का उत्साह। तीसरी बात है, research orientation यानी कुछ नया अनुसंधान करने की आकांक्षा।

कुछ ऐसे डॉक्टर होते हैं जिन्हें विद्यार्थियों, युवा डॉक्टरों, मरीजों और जन- सामान्य का भरपूर सम्मान और स्नेह मिलता है। ऐसे यशस्वी डॉक्टरों को ही अपना आदर्श बनाना चाहिए। मैं मानती हूं कि fame और fortune के बीच चयन करना हो तो fame को प्राथमिकता देनी चाहिए। यश का महत्व पैसे से बढ़कर होता है। स्नेह का महत्व तो अमूल्य होता है।

आप सब युवा डॉक्टरों से यह अपेक्षा की जाती है कि आप सब अपनी स्वयं की जीवन-शैली और स्वास्थ्य के द्वारा भी लोगों के सामने अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें।

By choosing the medical profession, you have chosen the path of serving humanity. You will get invaluable opportunities to save people's lives and improve their health. You have developed the competence to make use of such opportunities. I am sure that you will dedicate yourselves to continuous learning, and keeping your capabilities at par with the best and the latest. The journey of sustained excellence in the medical profession is going to be very rewarding and satisfying.

I would like our young doctors like you to give priority to providing medical care and services to people living in rural, tribal and remote areas. Providing inclusive health care is our national goal. Doctors, especially young doctors like you, have a key role in achieving this goal. I hope that all of you will discharge this responsibility with utmost dedication and make invaluable contribution in building a healthy, prosperous and developed India.

मैं आप सबके तथा इस संस्थान के स्वर्णिम भविष्य की मंगल-कामना करती हूं।

धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!

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