मुंबई विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे, मुंबई विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह संस्थान वास्तव में भारत में उच्च शिक्षा का उद्गम स्थल है। इसकी स्थापना पूर्व मद्रास और कोलकाता विश्वविद्यालयों के साथ 1857 में की गई थी और इसकी ऐसे अनेक नेताओं को शिक्षित करने में प्रमुख भूमिका थी जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलवाई।
स्वर्गीय श्री पी.वी. नरसिम्हा राव स्मृति व्याख्यान के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे आज भारत के महान सपूत स्वर्गीय श्री पी.वी. नरसिम्हा राव के प्रथम स्मृति व्याख्यान के लिए यहां आकर वास्तव में प्रसन्नता हो रही है। वह हमारे प्रधानमंत्री थे, और व्यावहारिक राजनीति के माहिर प्रयोगकर्ता, महान बुद्धिजीवी, प्रकांड विद्वान, विचारक, लेखक और भाषाविद् थे तथा एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें देश को उनके ऐतिहासिक योगदान के लिए याद किया जाएगा।
मॉरिशस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति श्री राजकेश्वर प्रयाग के सम्मान में आयोजित राज-भोज में राष्ट्रपति जी का अभिभाषण
महामहिम राजकेश्वर प्रयाग, मॉरिशस गणराज्य के राष्ट्रपति,
श्रीमती अनीता प्रयाग,
विशिष्ट अतिथिगण,
भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर आपका तथा आपके विशिष्ट शिष्टमंडल का हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। आप भारत के बहुत पुराने मित्र हैं तथा भारत और मॉरिशस के बीच नजदीकी संबंधों के प्रबल समर्थक हैं।
11वें प्रवासी भारतीय दिवस के समापन समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे 11वें प्रवासी भारतीय दिवस के समापन व्याख्यान के लिए आपके बीच उपस्थित होकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। आज का दिन हमारे देश के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसी दिन 98 वर्ष पहले, हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे।
जनगणना पदक प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
जनगणना कर्मियों को उनके असाधारण और उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘जनगणना पदक’ तथा ‘सम्मान पत्र’ प्रदान करने के लिए यहां आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। यह जनगणना 2011 के संचालन के कार्य में लगे हुए सभी लोगों के कठोर परिश्रम का ही परिणाम है कि इस संस्थान के इतिहास के पन्नों में एक और शानदार अध्याय जुड़ गया है।
‘न्यायिक सुधारों में ताजा रुझान : एक वैश्विक परिदृश्य’ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
मुझे, आज ‘न्यायिक सुधारों में ताजा रुझान : एक वैश्विक परिदृश्य’ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर यहां आकर प्रसन्नता हो रही है। यह संगोष्ठी भारतीय अंतरराष्ट्रीय विधि फाउंडेशन द्वारा आयोजित की गई है। मैं आयोजकों को सही समय पर यह विषय चुनने के लिए बधाई देता हूं।
सीआईआई—आईटीसी सततता पुरस्कार 2012 प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
आज मकर सक्रांति के पावन दिन, सीआईआई—आईटीसी सततता पुरस्कार-2012 प्रदान करने के लिए आप सबके बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं आयोजकों का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे भारतीय उद्योगों के प्रमुखों की इस महती सभा में भाग लेने का अवसर दिया।