भारत के राष्ट्रपति की नेपाल की राजकीय यात्रा इंडिया फाउंडेशन-नीति अनुसंधान प्रतिष्ठान नेपाल सेमीनार में संबोधन

काठमांडू, नेपाल : 03.11.2016

डाउनलोड : भाषण भारत के राष्ट्रपति की नेपाल की राजकीय यात्रा इंडिया फाउंडेशन-नीति अनुसंधान प्रतिष्ठान नेपाल सेमीनार में संबोधन(हिन्दी, 224.93 किलोबाइट)

1. आपके हार्दिक शब्दों के लिए धन्यवाद।

2. मैं एक बार फिर से नेपाल आने पर बहुत खुश हूं।

3. वर्षों से विभिन्न हैसियत से भारत सरकार में कार्य करते हुए मैंने अनेक अवसरों पर नेपाल की यात्रा की है;मैंने उन सभी चर्चाओं, निर्णयों,योजनाओं और संयुक्त विकास कार्य के कार्यान्वयनों में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया है जो हमारी सरकारों द्वारा भारत के निकट पड़ोस के सभी क्षेत्रों तथा दिशाओं में आरंभ किए गए हैं। जो कुछ हासिल किया है,सही दिशा में प्रगति की गई है, मैं आपके समक्ष उसके प्रति संतोष व्यक्त करता हूं। परंतु नेपाल की वास्तविक क्षमता का दोहन करने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना है।

4. इसलिए मैं इन श्रेष्ठ स्रोतागणों के समक्ष अपने विचार रखने में इस अवसर की प्रशंसा करता हूं।

देवियो और सज्जनो,

5. भारत और नेपाल के बीच सभ्यतागत संबंधों के अनूठे बंधन,हमारे अक्षुण्ण भाइचारे के संबंध,हमारी मुक्त सीमाएं और एक दूसरे के नागरिकों के प्रति हमारा अनुकूल राष्ट्रीय संव्यवहार हमारे इस साझे विश्वास को रेखांकित करते हैं कि हमारा भाग्य एक है। महान हिमालय द्वारा संरक्षित,इसकी नदी प्रणालियों से पोषित, हमारे दोनों लोगों की सामूहिक प्रगति और स्वास्थ्य एवं शांति में महत्त्वपूर्ण भागीदारी है।

6. इसलिए भारत अपनी विदेश नीति ‘पड़ोस पहले’ के फ्रेमवर्क में नेपाल के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को उच्च महत्व देता है। शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और साझी खुशहाली हमारी स्थायी नीति का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत रहा है। भारत का विश्वास है कि बढ़ते हुए वैश्वीकरण,अंतर्संबद्ध और अंतर्निभर विश्व में हमारे क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में पूर्ण क्षमता तक पहुंचने के लिए हमारे देशों को शांति,स्थिरता और विकास के साझे दृष्टिकोण सहित आगे बढ़ना होगा।

7. आज नेपाल नए युग की दहलीज पर है। यह बहुदलीय लोकतंत्र के लाभ को समेकित करने के लिए आगे बढ़ रहा है और इस समय अपने सभी क्षेत्रों में सामाजिक आर्थिक विकास के मार्गों को अंकित करने में संलग्न है। भारत,नेपाल के लोगों के उद्यम और उपलब्धियों की सराहना करता है। हम सशक्त लोकतांत्रिक संस्थान के निर्माण में हमारे अनुभव नेपाल के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं। भारत अपने संविधान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए इसके समाज के सभी वर्गों को शामिल करने के लिए नेपाल की सरकार के मौजूदा प्रयासों का स्वागत करता है। हम नेपाल के लोगों को इस परिश्रम की प्रत्येक सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

8. भारत नेपाल संबंधों की मौजूदा स्थिति के संदर्भ में यह देखा गया है कि यह दीर्घ साझेदारी यूं ही चलती रहेगी और हमारे दोनों देशों के लोगों की सामाजिक-आर्थिक और विकासात्मक आवश्यकताओं द्वारा चिह्नित की जाएगी। व्यापार और आर्थिक सहयोग भारत-नेपाल साझीदारी के स्थापना स्तंभ हैं। हमने द्विपक्षीय व्यापार और परस्पर निवेश में सीधे वृद्धि की है परंतु हम व्यापार की सुविधा और निवेश बढ़ाने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। यह महत्त्वपूर्ण है कि हम अपने-अपने निजी क्षेत्रों को उनकी संलग्नता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें। आज हमारे विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में अनेक संभावनाएं हैं। नेपाली फर्में विकासशील क्षेत्रीय पूर्ति शृंखलाओं से जुड़ सकती हैं और भारत की विकास गाथा से लाभ उठा सकती हैं। इस क्षेत्र में हमारे सहयोग के दीर्घ इतिहास के साथ,हमें बाधाओं से निपटने के लिए निरंतर कार्य करने की स्थिति में होना चाहिए और प्रणाली को सुव्यवस्थित करना चाहिए। एक सहयोगी भावना के रूप में,हमें बाजार पहुंच संबंधी मामलों को प्रभावी रूप से सुलझाने योग्य होना चाहिए और हमारी व्यापार अवसंरचना को मजबूत करने के लिए कदम उठाना चाहिए। हमें अपने व्यवसायिक समुदायों के लिए सरल व्यापार और लेन-देन प्रबंधन तैयार करने के लिए लगातार एक साथ कार्य करना चाहिए।

देवियो और सज्जनो

9. आज भारत गुंजायमान आर्थिक बदलाव के एक अपूर्व कदम वाले बहुत ही सकारात्मक प्रक्षेपण-पथ पर है। विश्व की सबसे तेज बढ़ती हुई आर्थिक व्यवस्थाओं में से एक के रूप में हम विकास की गति कामय रखने,रोजगार सृजन और अवसर बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने की चुनौती का सामना करते हैं कि विस्तार और विकास एक समावेशी तरीके से अपना स्थान प्राप्त करते हैं। मेरी सरकार ने भी इस दिशा में अवसंरचनात्मक विकास,कृषि और ग्रामीण विकास, प्रभावी विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने,नई प्रौद्योगिकीयों का उपयोग करने और कई सेवा क्षेत्र विकसित करने के लिए अनेक नई पहलें लाँच की हैं। यह नेपाल के लिए भी एक अवसर प्रदान करता है। भारत में बढ़ते हुए रोजगार के अवसर हमारी खुली सीमाओं और दूसरे के नागरिकों के प्रति राष्ट्रीय संव्यवहार के कारण नेपाली नागरिकों के लिए भी रोजगार संभावनाओं में संवर्धन करते है। वास्तव में पूरे भारत में700 मिलियन नेपाली नागरिक सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं।

10. हमारे देश में भरपूर युवा आबादी है जो उद्यम,गतिशीलता और उद्यमिता की सशक्त भावना के लिए जानी जाती है। इस ऊर्जा को सही दिशा में प्रवाहित करने के लिए,हमारे पास स्वास्थ्य, शिक्षा,प्रौद्योगिकी और रोजगार सृजन होना चाहिए। हम इतिहास के राजनीतिक सामान और पक्षपात के बंधन के रूप में नहीं रह सकते,ना ही हम उन नीतियों का अनुसरण कर सकते हैं जो हमारे लोगों को गरीबी से उठाने में असफल रही हों। संप्रभु देशों के रूप में हमें बेहतर जीवन के लिए अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक साथ मिलकर चलने की आवश्यकता है। हम नेपाल का भारत की विकास गाथा के एक भाग के रूप में स्वागत करते हैं।

11. नेपाल के साथ हमारी दीर्घजीवी विकास साझेदारी हमारे सहयोगी संबंधों का एक और महत्त्वपूर्ण स्तंभ है। यह संतोष का विषय है कि वे छोटी विकास परियोजनाएं जिन्हें हमने एक साथ आरंभ किया है—नेपाल में स्थानीय समुदायों को लाभ पहुंचा रही हैं। सड़क, पुल, सिंचाई और ऊर्जा ध्यान केंद्रित करने के क्षेत्र हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि भारत सरकार द्वारा प्रदत्त900 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक वाली लाइन्स ऑफ क्रेडिट राशि के अंतर्गत असंख्य परियोजनाएं कार्यान्वयन की अलग-अलग चरणों में हैं।

12. देवियो और सज्जनो,नेपाल भूकंप के बाद भारत पुनर्निमाण प्रयासों में प्राथमिकता के अनुसार नेपाल को सहायता पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने संयुक्त रूप से आवास,अवसंरचना, स्वास्थ्य,शिक्षा, संस्कृति और विरासत के ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जो पुनर्निमाण की प्रथमिकता पर हैं और जिनमें मेरी सरकार द्वारा घोषित भूकंप के बाद पुनर्निमाण सहायता के रूप में एक बिलियन अमरीकी डॉलर का उपयोग हुआ है।

13. हम दोनों देशों के और पूर्ण क्षेत्र के संपर्क बढ़ाना एक अन्य साझा लक्ष्य है। सीमा अवसंरचना विकास और नेपाल के साथ संपर्क परियोजनाएं जैसे हुल्लाकी सड़कें,क्रॉस बार्डर, रेल संर्पक,एकीकृत चेकपोस्ट, क्रॉस बार्डर ट्रांसमिशन लाइन्स क्षेत्र में आर्थिक खुशहाली पाने के लिए प्रयासरत है। यह संतोष का विषय है कि साउथ एशिया में सबसे पहली अंतरराष्ट्रीय तेल पाइप लाइन भारत और नेपाल के बीच निर्माणाधीन है। हमें प्रभावी मॉनीटरिंग के द्वारा यह भी सुनिश्चित करना है कि इन परियोजनाओं का कार्यान्वयन कुशल हो—ताकि हमारे लोगों द्वारा इन पहलों से प्राप्त सफलता का यथासंभव उपयोग किया जा सके।

14. भविष्य में,हमारे पावर टे्रड एग्रीमेंट के फ्रेंमवर्क में ऊर्जा और पनविद्युत क्षेत्र में हमारे सहयोग को बढ़ाने के लिए मैं प्रचुर संभावनाएं देखता हूं। हम विद्युत की पूर्ति बढ़ाने के लिए ट्रांसमिशन अवसंरचना का संवर्धन कर रहे हैं जो नेपाल को भारत से विद्युत आयात करने के लिए सहायक होगी। यदि एक बार अरुण: III और अपर करणाली जैसी परियोजनाएं तैयार हो गई तो ऐसी ही अवसंरचना तो नेपाल से भारत अतिरिक्त विद्युत निर्यात करने के लिए उपयोग में लायी जा सकती है।

15. इसी प्रकार जल संसाधन में हमारा सहयोग बहुत अधिक है। दोनों देशों की सीमाओं में आबादी के सामूहिक हित के लिए यह आवश्यक है कि हमारी दोनों सरकारें एक साथ मिलकर तत्परता से बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई के क्षेत्रों में कार्य करें और पंचेश्वर और सप्तकोशी एवं सन पोषी जैसी वृहद बहुमुखी परियोजनाओं के संबंध में तेजी से आगे बढ़ें।

16. एक क्षेत्र जहां हमारा सहयोग उदाहरणीय है वह है रक्षा और सुरक्षा। भारत की रक्षा में गोरखाओं के अपूर्व साहस और बलिदान के लिए हमें गर्व है। क्योंकि हमारे सुरक्षा हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं हमें अपने साझे सुरक्षा हितों की संरक्षा के लिए निकटतापूर्ण चर्चा और सहयोग करते रहना चाहिए।

17. भारत और नेपाल में अकादमिक और छात्र विनिमय की दीर्घ परंपरा रही है। भारत नेपाल को अपने मानव संसाधन विकास से सहायता पहुंचाने में प्रसन्न है। नेपाल और भारत में अध्ययन के अवसर प्रदान करते हुए इस समय हम नेपाली छात्रों को लगभग 3,000 छात्रवृत्तियां प्रति वर्ष दे रहे हैं। प्रतिवर्ष नेपाल से20,000 से भी अधिक छात्र उच्च शिक्षा के विभिन्न भारतीय उच्च संस्थानों में पंजीकृत किए जाते हैं। अकादमिक और छात्र विनिमय और संयुक्त अनुसंधान और नवान्वेष के द्वारा ज्ञान साझीदारी निर्माण पर पुन: ध्यान केंद्रित करने की परिकल्पना है।

18. हमारी सामान्य सांस्कृतिक विरासत हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक अन्य महत्त्वपूर्ण आयाम है। नेपाल में हिंदुत्व और बौद्धवाद दोनों के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराएं मौजूद रही हैं। हम दोनों दिशाओं में पर्यटन प्रवाह बढ़ाने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं और ‘रामायण’और ‘बौद्धवाद पर्यटन’सर्किट का विकास कर सकते हैं। वायु,रेल और सड़क संपर्क के संवर्धन से पर्यटन और लोगों के सामान्य आवागमन में सुविधा मिलेगी।

19. अन्य अनेक विषयों की तरह हमारा पारितांत्रिक परिदृश्य सामान्य है और इसे संरक्षित किए जाने और बचाए रखने की आवश्यकता है। भारत और नेपाल दोनों ने ही जलवायु परिवर्तन पर पेरिस करार का समर्थन किया है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के शमन के लिए और स्थायी विकास के लिए हमने प्रतिबद्धता और संचलन सहित एक साथ कार्य किया है।

20. एक उप-क्षेत्रीय स्तर पर हमने नेपाल और भूटान के माध्यम से बंग्लादेश से सरलता से माल लाने-ले जाने के लिए पारस्परिक लाभदायी प्रबंधन किए हैं। नि:संदेह बंग्लादेश,भूटान, भारत और नेपाल के बीच सम्पन्न मोटर वाहन करार,क्षेत्र में आर्थिक विकास के सामान्य लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस उपक्षेत्रीय सहयोग प्रणाली की सफलता इसे भावी पहलों के लिए यह एक मॉडल का रूप दे सकती है।

21. इसी संदर्भ में,बीम्सटेक और सार्क के फ्रेमवर्क में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है परंतु पारस्परिक लाभदायी सहयोग को सीमापार आतंकवाद के रहते बढ़ाया नहीं जा सकता। हमें निर्णायक रूप से मानवता के लिए इस अभिशाप के विरुद्ध कार्य करने की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन्हें विफल करने के संयुक्त प्रयास करने होंगे जो राजनीति के एक यंत्र के रूप में सीमापार आतंकवाद का सहारा लेते हैं। किसी भी राज्य को आतंकवाद के कायरतापूर्ण कार्य को प्रायोजित करने और अपराधियों को शरण देने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।

22. हमारी मुक्त सीमा से हमारे दोनों देशों के लोगों को और उनके बीच पर्याप्त लाभ और दैनिक सहक्रियाओं में सुविधाएं प्राप्त हैं जो दोनों पक्षों के अनेक समुदायों के लिए जीवनदायिनी हैं। इसलिए हमें बहुत सतर्क रहना होगा और हमारी मुक्त सीमाओं का दुरुपयोग उनके द्वारा होने से रोकना होगा,जिनके हृदय में भारत और नेपाल के लिए श्रेष्ठ हित नहीं है।

23. अपने स्कोप और विषय में इतने समृद्ध और अनेकता की साझेदारी में अकसर दृष्टिकोण में कुछ अंतर आ जाते हैं। यह बिलकुल सामान्य बात है। दोनों देशों में ज्ञानयुक्त नेतृत्व,नियमित चर्चाओं, मुक्त वार्ताओं,परस्पर विश्वास और सौहार्द के साथ,हम इन घटनाओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि हमारे साझे हितों में हमारी जनता और हमारे क्षेत्र के लिए शांति,स्थिरता और विकास के साझे उद्देश्य पर केंद्रित रहना महत्त्वपूर्ण होगा। मैं इस बात पर बल देना चाहूंगा कि भारत की रुचि एक एकीकृत,स्थायी और शांतिपूर्ण नेपाल देखने में है जिसकी जनता विकास और शांति की फलों का आस्वादन करे। भारत एक खुशहाल नेपाल देखना चाहेगा जो अपने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों का भरपूर उपयोग करे। भारत उसकी जनता द्वारा पोषित अभिलाषाओं को हासिल करने में नेपाल की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है।

24. निष्कर्ष के तौर पर,मैं यह सुझाव देना चाहूंगा कि भारत-नेपाल सहयोग को निजी-सरकारी साझेदारी बनाया जाए। सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं,विचारक और निजी व्यक्तियों का इसमें योगदान हो। वे लोक विचारधारा को आकार देने,व्याप्त स्थिति का विश्लेषण करने और सफलता की प्रभावी रणनीति की संस्तुति करने के लिए समान रूप से साझेदार हों। मैं दोहराना चाहूंगा कि हमें अपने सामान्य उद्देश्यों से नजर नहीं हटानी चाहिए। जब हम प्रत्येक पहल,कार्यक्रम और परियोजना-बड़ी या छोटी के साथ प्रगति करें तो हमें यह देखना चाहिए कि हमारी दृष्टि बड़ी तस्वीर और दीर्घावधि उद्देश्यों पर टिकी हो।

इन शब्दों के साथ मैं नीति अनुसंधान प्रतिष्ठान और इंडिया फाउंडेशन को मुझे यहां आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद करता हूं। मैं आप सभी का भारत नेपाल सहयोग में मजबूती से योगदान देने के लिए धन्यवाद करता हूं और मैं आपके भावी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

एक बार दोबारा धन्यवाद।

जयहिन्द।

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