भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी में संबोधन
आप जैसे तीव्र बुद्धिऔर उत्साही युवाओंके बीच आज यहां आना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। मैं, केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी की rich history और noble mission को स्वीकार करते हुए अपनी बात शुरू करना चाहती हूं। वर्ष 1940 में श्री विनायक राव विद्यालंकार द्वारा अपने पिता, न्यायमूर्ति केशव राव कोराटकर के सम्मान में स्थापित की गई यह संस्था अपने आदर्श वाक्य ‘विद्ययाऽमृतमश्नुते’ को सार्थक कररही है, जिसका अर्थ है कि ज्ञान, immortal wisdom तक ले जाता है। यह, न केवल पारंपरिक ज्ञान प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि छात्रों को बढ़िया चरित्र वाले अच्छे नागरिकों के रूप में तैयार करने की भी प्रतिब