भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय रक्षा संपदा सेवा और भूटान की रॉयल सरकार के प्रशिक्षु अधिकारियों सहित भारतीय वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन।

राष्ट्रपति भवन : 24.07.2023

सबसे पहले, मैं आप सभी को प्रतियोगी परीक्षाओं को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने और प्रतिष्ठित सेवाओं में चयनित होने के लिए बधाई देती हूँ। भूटान के प्रशिक्षु अधिकारियों को मेरी विशेष बधाई। इन कठिन परीक्षाओं में आपकी सफलता आपकी क्षमता, आपकी दृढ़ता और संकल्प का प्रमाण है।

आपके सार्थक प्रशिक्षण अनुभवों को सुनकर अच्छा लगा। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आपने विभिन्न आपसी-बातचीत के माध्यम से क्या सीखा और आपके संपर्कों और यात्राओं के दौरान आपको क्या अनुभव मिला। मुझे विश्वास है कि इस अवधि के दौरान, आपने बहुत अच्छे मित्र बनाए हैं जो जीवन भर आपका साथ निभाएंगे।

प्यारे युवा अधिकारियों,

मुझे बताया गया है कि आपके समूहों में विविध पृष्ठभूमि के अधिकारी हैं। विभिन्न पृष्ठभूमियों के युवा अधिकारी देश के साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सेवा के हिस्से के रूप में मिलकर काम करते हैं। आप सभी वास्तव में भारत की 'अनेकता में एकता' का प्रतिनिधित्व और प्रचार करते हैं। मैं, युवा सिविल सेवकों की इस सभा में कुछ महिला अधिकारियों को देख रही हूँ। मैं चाहती हूं की आने वाले समय में इन दोनों सेवाओं में और अधिक महिला अधिकारियों से मिलना हो। मुझे विश्वास है कि महिलाएं महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करेंगी और वन अधिकारियों और रक्षा संपदा प्रबंधकों दोनों के रूप में एक अलग परिदृश्य प्रस्तुत करेंगी।

सिविल सेवकों के रूप में आपकी यात्रा ऐसे समय में शुरू हुई है जब भारत वैश्विक स्तर पर नेतृत्वकारी भूमिका में आ रहा है। भारत अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के साथ-साथ अपनी तकनीकी प्रगति के लिए अपनी ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करता है। भारत ने दुनिया को दिखाया है कि तकनीक और परंपराएं साथ-साथ चल सकती हैं।

भारतीय रक्षा संपदा सेवा के प्यारे प्रशिक्षु अधिकारियों,

मैंने आपकी सेवा के एक अन्य समूह के साथ बात की थी कि रक्षा संपदा महानिदेशालय, भारत सरकार के अधीन सबसे बड़ी भूमि धारक एजेंसी है। छावनी बोर्ड हमेशा संगठित और सुनियोजित भूमि उपयोग, सर्वोत्तम नागरिक सुविधाओं और स्वच्छ वातावरण के लिए जाने जाते हैं। प्रौद्योगिकी के आ जाने से यह आपकी यह जिम्मेदारी बनती है कि आप निवासियों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए उच्च मानक स्थापित करें। यह सुनिश्चित करना भी आपका कर्तव्य है कि आपके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ और सुविधाएँ पर्यावरण-अनुकूल और स्थाई हों।

प्यारे युवा अधिकारियों,

हम सभी जानते हैं कि प्रौद्योगिकी सुशासन के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और इसलिए, आपको डोमेन विशेषज्ञता के साथ-साथ अपने तकनीकी कौशल को बढ़ाते रहना चाहिए। छावनियों के प्रभावी प्रशासन और रक्षा भूमि के प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। मुझे बताया गया है कि रक्षा संपदा महानिदेशालय ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो अनधिकृत निर्माण जैसी गतिविधियों का अपने-आप पता लगा सकता है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि छावनी बोर्डों के साथ नागरिकों के संपर्क को बेहतर बनाने के लिए ई-छावनी पोर्टल भी लॉन्च किया गया है।

भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के प्यारे परिवीक्षाधीन अधिकारियों, देश के परिवर्तनकारी विकास के युग अमृत काल में आपको देश की वन संपदा के संरक्षक के रूप में चुना गया है। वन अधिकारी के रूप में आप सब को लगन से काम करके और अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देकर देश के सर्वांगीण और समावेशी विकास के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। जैसा कि मैंने पहले आपकी सेवा के एक अन्य बैच को कहा था, वन हमारी प्राकृतिक संपदा और भौगोलिक विविधता को बढ़ाते हैं। भारत की जलवायु और भौगोलिक स्थिति इसके वनों से निकटता से जुड़ी हुई है। वन और उनके द्वारा प्रबंध किए जाने वाले वन और वन्य जीवन हमारे देश के अमूल्य संसाधन और विरासत हैं। साथ ही वे कई समुदायों के लिए आजीविका का साधन भी हैं।

प्यारे अधिकारियों,

पर्यावरणीय गिरावट, वन क्षेत्र में कमी, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के खतरे, वैश्विक चर्चा और साझेदारी के केंद्र हैं। इसीलिए, पर्यावरण संरक्षण 21वीं सदी के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गया है। वन समाधान का महत्वपूर्ण अंग हैं और आप समाधान प्रदान करने वाले हैं। समय आ गया है कि आप सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी को समझें और अपनी क्षमताओं को अधिकतम काम में लाएँ। भारत ने दुनिया को 'लाइफ-लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट' का मंत्र दिया है। भारतीय वन सेवा के युवा अधिकारियों के रूप में आप सभी से अपेक्षा है कि आप इस मंत्र के व्यावहारिक कार्यान्वयन के लिए अथक प्रयास करें।

मैं, एक बार फिर यहां उपस्थित सभी अधिकारियों और प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देती हूं। मैं, आप सभी को सफल करियर के लिए शुभकामनाएं देती हूं। मैं भूटान के प्रशिक्षु अधिकारियों को भी उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं।

धन्यवाद,  
जय हिन्द!  
जय भारत!

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