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भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का आईसीएआर-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में द्वितीय भारतीय चावल कांग्रेस में संबोधन

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मुझे आज आप सबके बीच आकर प्रसन्नता हुई है। मुझे यहाँ युवा वैज्ञानिकों, विशेषकर महिला वैज्ञानिकों को देखकर और प्रसन्नता हो रही है। आज आप यहां दूसरी भारतीय चावल कांग्रेस में भाग लेने के लिए एकत्र हुए हैं, जिसमें इन चार दिनों में इस जरूरी अनाज से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। यह प्रसन्नता की बात है कि चावल अनुसंधान और भारत की खाद्य सुरक्षा और आजीविका के लिए अपना समय और ऊर्जा लगाने वाले प्रतिभाशाली वैज्ञानिक यहाँ इकट्ठे हुए हैं।

भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा के अधिकारियों, केंद्रीय अभियांत्रिकी सेवा (सड़क) के सहायक कार्यकारी अभियंताओं और भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा और वित्त सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स

सरकारी सेवाओं में आपके चयन पर मैं,आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ देती हूं।


प्रतिष्ठित सेवाओं में अपने चयन के साथ आपने एक महत्वपूर्ण व्यक्तिगत उपलब्धि प्राप्त कर ली है। यह महत्वपूर्ण होगा कि आप,अपने समक्ष आने वाले बड़े उद्देश्यों और अवसरों को ध्यान में रखें।

भारत की राष्ट्रपति का भारतीय राजस्व सेवा (सी एंड आईटी), भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय रेल लेखा सेवा और भारतीय डाक और दूरसंचार (वित्त और लेखा) सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों से मुलाकात के अवसर पर संबोधन

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आज युवा सिविल सेवकों से मिलकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। आपसभी कोसरकार के राजस्व प्रशासन और वित्तीय प्रबंधन प्रणाली में एक प्रमुख भूमिकानिभानी है। आप सभी ने इन प्रतिष्ठित सेवाओं मेंआनेके लिए कड़ी मेहनत की है। मैं आपकोइसउपलब्धि के लिए बधाईदेतीहूं।

जैसे-जैसे हमारी शासन प्रणाली अधिक कुशल,जवाबदेह और पारदर्शी प्रशासन और निर्बाध सेवाप्रदान करनेकी दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है,राजस्व सेवा और विभिन्न लेखा सेवाओं कोपहले कीअपेक्षा बहुत बड़ी भूमिका निभानी होगी।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का संसद के समक्ष अभिभाषण

माननीय सदस्यगण,

1. संसद के इस समवेत सत्र को संबोधित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। कुछ ही महीने पहले देश ने अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करके आज़ादी के अमृतकाल में प्रवेश किया है। आज़ादी के इस अमृतकाल में हजारों वर्षों के गौरवशाली अतीत का गर्व जुड़ा है, भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की प्रेरणाएं जुड़ी हैं और भारत के स्वर्णिम भविष्य के संकल्प जुड़े हैं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन

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प्यारे देशवासियो,

नमस्कार!

चौहत्तरवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को, मैं हार्दिक बधाई देती हूं। संविधान के लागू होने के दिन से लेकर आज तक हमारी यात्रा अद्भुत रही है और इससे कई अन्य देशों को प्रेरणा मिली है। प्रत्येक नागरिक को भारत की गौरव-गाथा पर गर्व का अनुभव होता है। जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब एक राष्ट्र के रूप में हमने मिल-जुल कर जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनका हम उत्सव मनाते हैं।

भारत की माननीया राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में समापन संबोधन

मुझे, 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में शामिल होकर और समापन अवसर पर आपसे बातचीत करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मुझे आप सभी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर बहुत प्रसन्नता हो रही है, इसलिए भी कि यह सम्मेलन चार वर्षों के लंबे अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है। मैं इस अवसर पर आप सभी को एक खुशहाल और सफल नव वर्ष की शुभकामनाएं देती हूं।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 में संबोधन

डिजिटल इंडिया अवार्ड्स के सातवें संस्करण में आपको संबोधित करते हुए मुझे खुशी हो रही है, यह सभी स्तरों पर अभिनव डिजिटल पहलों को प्रोत्साहित करने और सम्मानित करने का एक अवसर है।

डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 न केवल सरकारी संस्थाओं बल्कि स्टार्टअप्स को भी डिजिटल इंडिया के विजन को हासिल करने के लिए मान्यता देता, प्रेरित और उत्साहित करता है। ये अवार्ड्स भारत को इस प्रकार डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनाने की दिशा में एक कदम है, जहां डिजिटल गवर्नेंस के प्रभावी उपयोग से लोगों की क्षमता को प्रकट किया जाता है।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सैन्य अभियंता सेवाओं के प्रोबेशनर्स द्वारा भेंट के अवसर पर संबोधन

सैन्य अभियंता सेवाओं के प्रिय प्रोबेशनर्स,

मैं, आप सभी को इन प्रतिष्ठित सेवाओं में आपके चयन के लिए बधाई देती हूं, इसमें आपको हमारे सशस्त्र बलों की सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। मुझे बताया गया है कि आज यहां मौजूद अधिकारियों में एमईएस के भारतीय रक्षा सेवा के इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट कैडर और सर्वेयर कैडर के अधिकारी हैं।


आप ऐसे समय में सेवाओं में शामिल हुए हैं जब भारत ने अभी-अभी अमृत काल में प्रवेश किया है और G20 की अध्यक्षता भी ग्रहण की है। यह वह समय है जब दुनिया नए नवाचारों और समाधानों के लिए भारत की ओर देख रही है।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जी नारायणम्मा महिला प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान में संबोधन

मुझे आज जी. नारायणम्मा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस फॉर वूमेन का दौरा करके खुशी हो रही है। मैं इस वर्ष संस्थान की रजत जयंती के अवसर पर संस्थान के सभी हितधारकों को बधाई देती हूं। आज यहां बड़ी संख्या में युवा और उत्साही महिला इंजीनियरों को देखकर बहुत खुशी हो रही है।

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