भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सीएलईए-कॉमनवेल्थ अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल सम्मेलन के समापन समारोह में संबोधन।
मुझे यहां अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरलों, कानूनी और न्यायिक संस्थान के अन्य सदस्यों और राष्ट्रमंडल देशों के कानूनी विद्वानों की गरिमामयी सभा में आकर प्रसन्नता हो रही है। आप में से अनेक लोग दूर-दूर से आए हैं, और आप सभी ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे, अर्थात् न्याय प्रदान करने में सीमा पार की चुनौतियों पर विचार-मंथन के लिए दो दिन का समय निकाला है। मुझे आशा है कि सम्मेलन के दौरान आप सब ने औपचारिक और अनौपचारिक यादगार चर्चाएँ तथा विचारों और अनुभवों का उपयोगी आदान-प्रदान किया होगा।