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भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा नेसेट में संबोधन

Rashtrapati Bhavan : 14-10-2015


सलाम और नमस्ते,

माननीय यूली एडेजस्टीन, नेसेट के स्पीकर, नेसेट के सदस्यो,

महामहिम,

मैं भारतीय राष्ट्रपति के रूप में इजरायल की प्रथम राजकीय यात्रा करने में अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं कल से जब यहां पहुंचा हूं मुझे उस हार्दिक स्वागत और शानदार आतिथ्य का अहसास हो रहा है जो मुझे और मेरे शिष्टमंडल को मिला है। नेसेट और इजराइल की जनता के विशिष्ट प्रतिनिधियों को संबोधित करने के लिए आमंत्रण ग्रहण करना सचमुच बड़े सम्मान का विषय है। मैं भारत के लोगों की ओर से आपको हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

नेसेट के विशिष्ट सदस्यो,

2.1969 में राज्यसभा में प्रथम बार चुने जाने से अब तक, भारतीय संसद के विचार-विमर्श में गहनता से भाग लेते हुए,मुझे विश्व के अन्य बड़े संसदों का दौरा करने में बड़ी खुशी होती है और यह एक ऐसा ही अवसर है। नेसेट जिसमें केवल एक सदन है और जिसके पास लिखित संविधान के प्रति स्थापित करने वाले मूल कानून बनाने की जिम्मेदारी है, ने संसदीय विचार-विमर्श और वाद-विवाद की शक्ति को साबित किया है। पिछले पचास वर्षों से सांसद और लोक सेवक होने के नाते,मैं आज पहले से कहीं अधिक दृढ़ निश्चयी हूं कि एक सभी प्रकार के विचार सहित एक सम्यक विचार-विमर्श अच्छे नीति निर्माण की कुंजी है।

3. आज मेरे साथ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय माननीय केंद्र मंत्री, श्री थावर चंद गहलोत और भारतीय संसद के निचने सदन के सदस्यों का एक शिष्टमंडल जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के माननीय प्रो. के.वी.थॉमस, श्रीमती मीनाक्षी लेखी, प्रो. डॉ. सुभाष भामरे,श्री प्रताप सिंह और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विनोद चावड़ा और त्रिणमूल कांग्रेस के प्रो. डॉ. अनुपम हाजरा शामिल हैं, आए हुए हैं। वे भारत के सुदूर अलग-अलग राजनीतिक दलों और चुनाव क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वस्तुत: भारतीय संसद भारतीय उपमहाद्वीपों का एक सूक्ष्म रूप है और यह हर प्रकार से भारतीय लोगों की एकता, मजबूती और अनेकता का प्रतीक है। जैसा कि आप पूर्णत: जानते हैं कि पिछले वर्ष भारत में हुए चुनाव वर्तमान इतिहास में वोट के प्रति अधिकार का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक प्रयास था। इसकी भीड़ आश्चर्यजनक रही और निष्कर्ष ऐतिहासिक: 30 वर्ष में पहली बार भारतीय निर्वाचक मंडल ने बहुमत वाली सरकार के लिए वोट डाला था। मुझे यह कहने में बड़ी खुशी हो रही है कि पिछली सरकार के समय में राष्ट्रपति के रूप में मत देते हुए एक लोकतांत्रिक चयनित सरकार से दूसरे सरकार को बहुत ही शांति से हस्तांतरण की अध्यक्षता करने से मैं संतुष्ट था। नेसेट की तरह भारतीय संसद के पास विधायी शाखा के सभी महत्वपूर्ण कार्य हैं जो भारत सकरार की कार्यकारी शाखा पर नज़र रखती है, उसके कार्यों पर प्रश्नचिह्न लगाती है और उसकी नीतियों को पूरी तरह से जांच करती है। यह कानून बनाता है और इसे व्यापक वित्तीय शक्तियां प्राप्त हैं। इसकी अनुमति के बगैर कोई भी कर नहीं लगाया जा सकता और इसके प्राधिकरण और स्वीकृति के बगैर कोई भी व्यय वहन नहीं किया जा सकता।

महामहिम नेसेट के माननीय सदस्यो,

4. इजराइल में मेरी राजकीय यात्रा एक ऐसे समय पर हुई है जब हमारी दोनों सरकारों और हमारे लोगों के बीच संबंध एक बहुत ही सकारात्मक प्रक्षेपपथ पर हैं। भारत और इजराइल में जोड़ीदार लोकतांत्रिक के रूप में अनेक समान्यताएं हैं। हमारे लोगों के बीच में संबंध पुरातन समय से हैं। दो हजार से अधिक वर्ष पूर्व कष्टकारी यहूदियों के एक समूह ने पश्चिमी तट से भारत में प्रवेश किया। अपने लंबे इतिहास के दौरान, भारत में यहूदी समुदायों ने निर्वाह किया, विकास किया और अपने अपूर्व धरोहर में भारतीय समावेश से अपनी परंपराओं को समृद्ध किया। यहूदी लोग भारत के मिश्रित समाज का एक आंतरिक हिस्सा थे और सदैव रहेंगे।

माननीय स्पीकर

5. भारत और इजराइल दोनों ने ही ब्रिटिश शासन के विरुद्ध समानान्तरर संघर्ष किया। हमारे नेताओं ने भिन्न-भिन्न तरीके अपनाए परंतु वे समान मानव मूल्यों और आदर्शों से प्रेरित हुए। मैं यह जानकर विस्मित हूं कि महात्मा गांधी ही केवल एक ऐसे नेता हैं जिनकी फोटो भूतपूर्व प्रधानमंत्री डेविड लेन गुरीन ने अपने मरुगृह में लगा रखी है।

6. स्वतंत्रता के बाद की अवधि में,हमारे देश अलग-अलग मार्ग पर थे। तथापि, भारत के लोगों ने कृषि के क्षेत्र में इजराइल के नवाचार,किबुट्ज प्रणाली और आपके वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की शानदार उपलब्धि की सदैव सराहना की है। हम उस चाह और संकल्प की प्रशंसा करते हैं जिसके सुदृढ़ विश्वास से यहूदी लोग गहरे अवर्णनीय कष्ट से उभरे हैँ और उन्होंने अपने देश को वह बनाया है जो वह आज दिखायी देता है,प्रयासशील, प्रगतिशील और खुशहाल समाज जो विश्व के लिए अनेक क्षेत्रों में अग्रणी हैं। जब भी नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की जाती है, हम अकसर पाते हैं कि वैज्ञानिक या तो हिब्रू विश्वविद्यालय से शिक्षित होते हैं या टक्नोनियन से। इजराइल के मित्र के रूप में, हम आपकी सफलता से बहुत प्रसन्न हैं।

7. हम दोनों देशों ने वर्ष 1992में पूर्ण रूप से राजनयिक संबंध स्थापित किए, तबसे हमारे सहयोग अलग-अलग क्षेत्रों मे निरंतर बढ़े हैं। भारत आभार सहित वह समय याद करता है जब इजराइली सरकार ने 1999 में भारत को महत्वपूर्ण सेना की आपूर्ति तब की थी जब भारत को इसकी बहुत आवश्यकता थी। हम इजराइल द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के अधिकारिक दावे के लिए दिए गए समर्थन की भी प्रशंसा करते हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुमुखी संगठनों में विकासशील देशों की ओर से भारत की आवाज बुलंद रही है। भारत को विश्वास है कि मामलों को संवाद और शांतिपूर्ण वार्ता के द्वारा सुलझाने का कोई बेहतर विकल्प नहीं है। हम देखते हैं कि अंतरराष्ट्रीय एककों के प्रशासनिक आर्किटेक्चर अपने निर्णयों को लागू करने में पर्याप्त रूप से प्रभावी नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में हुई थी। आज इसके संगठनों को विश्व द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों के प्रति उत्तरदायी होने की अधिक आवश्यकता है और इसकी संरचना और प्रशासनिक और वित्तीय ढांचे में परिवर्तित विश्व के प्रति अधिक विचारशील बनाने के लिए सुधार करने की आवश्यकता है।

8. भारत की इजराइल के साथ सुदृढ़,स्थायी और परस्पर लाभकारी संबंध बनाने की सतत नीति रही है। हम इसे उच्च स्तरीय यात्राओं और आदान-प्रदान द्वारा बनाए रखेंगे ताकि भारत-इजराइल संबंधों को अत्यधिक प्राथमिकता मिल सके। दोनों देशों के पूर्णरूपेण राजनयिक संबंधों की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर हम दोनों देश हमारे भविष्य को भावी साझेदारी के दृष्टिकोण को विकसित करने की उम्मीद करते हैं।

9. भारत सरकार ने आर्थिक नीतियों में कुछ नई पहलें की हैं और वह सामाजिक और आर्थिक बदलाव को तीव्र करने के लिए नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकीय विकास पर जोर दे रहा है। इन नीतियों का उद्देश्य भारत की कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना, रोजगार सृजन के लिए विनिर्माण में संवर्धन और सेवा उद्योग को प्रोत्साहित करना है।

10. महामहिम, कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। इस विशिष्ट क्षेत्र में हमारी सरकार की नीति कम से कम पानी में अधिक फसल पाने की है। हमारे किसान पानी के असमान वितरण की चुनौति का सामना करते हैं- अकसर हमारे देश के एक भाग में बाढ़ आ जाती है और अन्य किसी भाग में सूखा पड़ जाता है। हमारे वैज्ञानिकों को इन चुनौतियों से निपटने में सहयोग करना चाहिए। हमें अपनी नदियों, विशेषकर पवित्र गंगा की सफाई करने के लिए भी सहायता चाहिए।

11. हमारे घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में तेजी लाने के लिए भारत सरकार ने एक अभियान ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत की है। इजराइली नवाचार और प्रौद्योगिकी भारतीय इंजीनियरिंग के साथ मिलकर कार्य कर सकते हैं और भारत में विनिर्माण संबंधी प्रगति कर सकते हैं।

12. हमारे दोनों देशों में सेवा क्षेत्र में बहुत तेजी से प्रगति हो रही है। यह एक और क्षेत्र है जहां हमारी शक्तियां एक दूसरे की पूरक हैं। भारत सॉफ्टवेयर निर्यातकों में विश्व का सबसे बड़ा देश है। प्रतिवर्ष भारतीय विश्वविद्यालयों से 4,00000 से भी अधिक अंग्रेजी बोलने वाले इंजीनियर स्नातक की डिग्री प्राप्त करते हैं। आगामी दो वर्षों में भारत में शुरुआत करने वालों की संख्या 10,000को पार करने की उम्मीद है। मुझे प्रसन्नता है कि इजराइली सरकार ने भारत के ‘सिलिकॉन प्लेट्यू’ के नाम से बंगलूरू में एक कन्सुलेट की शुरुआत की है।

13. भारत में 114 उच्चतर शिक्षा संस्थानों के कुलाध्यक्ष होने की हैसियत से,मैंने भारतीय संस्थानों और विदेश में विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षिक संबंध विकसित करने पर व्यक्तिगत रूप॒ से बड़ा जोर दिया है। भारत प्रथम वर्ग के ऐसे मैनेजर और इंजीनियर तैयार करता है जिनका वैश्विक कंपनियां पूरा सम्मान करती हैं। वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट और गूगल दोनों के सीईओ इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्नातक हैं। आगामी दशक में,हमारे संस्थानों के नवाचार और अनुसंधान पर बल दिया जाएगा। मेरे इस दौरे में भारतीय विश्वविद्यालयों के उपकुलपतियों का शिष्टमंडल मेरे साथ है। मुझे विश्वास है कि इजराइली समकक्षों के साथ उनके संपर्क से एक बड़े क्षेत्र में अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा से ‘स्मार्ट’ शहरों के निर्माण तक विभिन्न भागीदारी के परिणाम निकलेंगे।

देवियो और सज्जनो,

14. भारत को खुशी है कि इजराइली नागरिक, विशेषकर युवा वर्ग, ने भारत की यात्रा का आनन्द उठाया। वे भारत को एक सुरक्षित और दिवंगत स्थान के रूप में देखते हैं, जहां वे आरामदायक महसूस करते हैं। मुझे बताया गया है कि उत्तरी भारत के कुछ गांवों में हिब्रू बोली जाती है जिसकी आबादी ह्यूस का भी आनंद उठाती है।

15. भारत में यहूदी समुदाय हमेशा से ही भारत के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कलाकारी का आंतरिक हिस्सा रहा है। हाल ही में स्थानीय प्राधिकारियों ने केरल में कोचीन के निकट पेरावूर और चेन्नामंगलम के यहूदी उपासना गृह का नवीकरण किया है। ये संस्थाएं भारतीय यहूदी परंपरा के लिए गौरव के साक्ष्य हैं। मुझे इजराइल में एक भारतीय यहूदी ने बताया कि शायद कोचीन में उनका गांव ही विश्व का एक ऐसा गांव है जहां एक ही गली में एक यहूदी उपसना गृह, एक मस्जिद, एक मंदिर और एक चर्च शांतिपूर्वक ढंग से अस्तित्व बनाए हुए हैं। मुंबई के यहूदियों ने शहर की शिल्पकारिता,बैंकिंग विश्व,इसकी साक्षरता और यहां तक कि बॉलिवुड में भी अपना नाम कमा लिया है।

नेसेट के माननीय सदस्यो,

16. भारत और इजराइल के बीच दो समुद्र की दूरी है परंतु वे अनेकता और लोकतंत्र की शक्ति में विश्वास से जुड़े हुए हैं। इस वर्ष नेसेट ने अपनी शानदार ‘हरी’ बल्डिंग में अपने अस्तित्व के 50वें वर्ष में प्रवेश किया है। मैं नेसेट के माननीय सदस्यों को हार्दिक बधाई देते हुए एकबार फिर से आपके द्वारा किए गए संबोधन के सम्मान के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं आप सभी को भारत में आपके संसदीय समकक्षों से मिलने के लिए और हमारी द्विपक्षीय वार्तालाप को समृद्ध करने के लिए आमंत्रित करता हूं।

जय हिन्द!

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