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भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा बेल्जियम की राजकीय यात्रा से वापसी के दौरान विशेष विमान में मीडिया को दिया गया वक्तव्य

Rashtrapati Bhavan : 05-10-2013

1. मैंने अभी बेल्जियम राजतंत्र की संतुष्टिदायक यात्रा पूरी की है। 2. बेल्जियम की सरकार द्वारा मेरे स्वागत में दिखाई गई गर्मजोशी तथा मेरे कार्यक्रम के हर पहलू पर उनके द्वारा बारीकी से ध्यान देना हमारे बेल्जियम के साथ द्विपक्षीय संबंधों की सशक्तता का प्रतीक है। बेल्जियम के राजा ने विशिष्ट सम्मान देते हुए हवाई अड्डे पर मेरी आगवानी की जो कि उनके द्वारा विभिन्न अवसरों पर की गई भारत की यात्रा के दौरान पैदा हुई विशेष सद्भावना का प्रतीक है। भारत के साथ उनकी असाधारण निकटता तथा भारत तथा उसकी संस्कृति के बारे में उनकी गहरी जानकारी उनके द्वारा मेरे सम्मान में आयोजित दोपहर के भोज में परिलक्षित हुई। 3. महामहिम किंग फिलिप तथा प्रधानमंत्री, महामहिम श्री एलियो डी रूपो के साथ अपनी बैठकों के दौरान हमने अपने द्विपक्षीय राजनीतिक तथा आर्थिक संबंधों की प्रगाढ़ता को स्वीकार किया। दोनों नेताओं ने भारत के साथ बेल्जियम के अपने संबंधों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं में सुधार तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। बेल्जियम ने असैनिक परमाणु सहयोग को विकसित करने के लिए हमारे प्रयासों का भी समर्थन किया। 4. बेल्जियम के साथ हमारी आर्थिक समझदारी का विशेष महत्व है क्योंकि यह यूरोपीय संघ में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार साझीदार बनकर उभरा है। हमने आर्थिक सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा की, जिसमें कुछ पर कार्य चल रहा है। हमने भारत के रेलवे सेक्टर के विकास तथा आधुनिकीकरण, परमाणु कचरे के प्रबंधन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने संयुक्त प्रयासों पर चर्चा की। हमने अपने देशों के बंदरगाह प्राधिकारियों के बीच मौजूद सहयोग को बंदरगाह प्रबंधन के उच्च क्षेत्रों तक ले जाने की संभावनाओं पर चर्चा की । इस संबंध में नदी तटीय बंदरगाहों, एन्टीवर्प तथा कोलकाता के बीच समानताओं पर चर्चा की जिसका उपयोग द्विपक्षीय सहयोग में किया जा सकता है। बेल्जियम के पास कुछ ऐसे विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता है, जो भारत में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र हैं। मैंने बेल्जियम के नेताओं से आग्रह किया कि वे विशेषकर, बंदरगाह, सड़क, रेलवे, हरित प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस तथा फार्मास्यिटिकल के सेक्टरों में अधिक निवेश को बढ़ावा दें। 5. मैंने सदैव अपने देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, भारत में अनुसंधान अवसंरचना को मजबूत करने तथा अपने अकादमिक संस्थानों में नवान्वेषण को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है। बेहतर अकादमिक सहयोग से भारत को होने वाले फायदों के मद्देनजर, भारत के कुछ सबसे अच्छे विश्वविद्यालयों से उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी मेरे साथ इस यात्रा में आया था। इनमें प्रोफेसर वेद प्रकाश, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, प्रोफेसर दिनेश सिंह, कुलपति, दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रोफेसर एस.के.सोपोरी, कुलपति, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, डॉ. आर रामास्वामी, कुलपति, हैदराबाद विश्वविद्यालय तथा प्रोफेसर विश्वजीत दास, निदेशक, मीडिया एवं गवर्नेंस केंद्र, जामिया मिलिया इस्लामिया शामिल थे। मुझे भारत तथा बेल्जियम के पांच विश्वविद्यालयों के बीच पांच करारों पर हस्ताक्षर होने पर विशेष संतुष्टि है तथा मुझे विश्वास है कि इससे दोनों देशों में अनुसंधान तथा नवान्वेषण को प्रोत्साहन मिलेगा। 6. मुझे विश्वास है कि मेरे यात्रा के दौरान हुए हमारे विचार-विमर्शों से हमारे द्विपक्षीय संबंध और बढ़ेंगे। राजकुमारी एस्ट्रिड इस वर्ष नवम्बर के दौरान भारत में बेल्जियम के एक सबसे बड़े आर्थिक मिशन का नेतृत्व करेंगी। हम इस यात्रा के लिए बहुत उत्सुक हैं। 7. महामहिम किंग फिलिप के साथ संयुक्त रूप से यूरोपालिया-भारत महोत्सव का उद्घाटन बहुत खुशी का मौका था, जो पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत के बाहर सबसे बड़ा भारतीय सांस्कृतिक महोत्सव है। यूरोपालिया-भारत महोत्सव में अगले चार महीनों के दौरान हमारी कला तथा संस्कृति के विभिन्न रूपों के प्रदर्शन से, हमें अपने वर्तमान के माध्यम से अपने भूतकाल को यूरोपीय लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा। एक बिलियन की जनसंख्या का अपेक्षाकृत नया देश भारत, विश्वास के साथ भविष्य की ओर बढ़ता हुआ सतत् और समावेशी विकास के लिए प्रयत्नशील है। भारत और यूरोप के बीच सहयोग से बहुत लाभ संभावित हैं तथा मुझे विश्वास है कि यूरोपालिया-भारत महोत्सव इनके दोहन के लिए अपेक्षित उर्जा पैदा करेगा।

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