भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हिपा, गुरूग्राम में 98वें विशेष फाउंडेशन कोर्स कर रहे प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन।

राष्ट्रपति भवन : 24.11.2023

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हिपा, गुरूग्राम में 98वें विशेष फाउंडेशन कोर्स कर रहे प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन।(हिन्दी, 191.38 किलोबाइट)

भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हिपा, गुरूग्राम में 98वें विशेष फाउंडेशन कोर्स कर रहे प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन।

सबसे पहले, मैं प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में आपके चयन के लिए आप सब को बधाई देती हूं। मुझे बताया गया है कि हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का विशेष फाउंडेशन कोर्स आपको सुशासन में प्रशिक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है।

आपके अनुभवों को सुनने के बाद, मुझे विश्वास है कि तीन महीने के प्रशिक्षण ने आप सबको देश के शासन के मुद्दों और स्मार्ट व कुशल शासन की प्रथाओं के बारे में काफी जानकारी दे दी है।

सुशासन एक प्रसिद्ध शब्द है। हालाँकि, समय और परिस्थिति के अनुसार सुशासन के मायने बदल जाते हैं। नवीनतम तकनीक आ जाने से, नागरिकों को तेज और प्रभावी सेवा प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस, स्मार्ट गवर्नेंस, प्रभावी गवर्नेंस और अन्य नाम सामने आए हैं।

सुशासन नागरिक-केन्द्रित शासन का भी प्रतीक है। इन दिनों सरकार की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के बारे में जनता की फीडबैक एक कुशल और जवाबदेह प्रशासन के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

प्रिय अधिकारियों,

सोशल मीडिया के दिनों में जब लोग सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें तुरंत पोस्ट कर सकते हैं, लोगों तक सेवा पहुँचाने के लिए अद्यतन शासन उपकरणों और उन्नत तकनीक का उपयोग करने की आवश्यकता कई गुना बढ़ गई है। युवा और जागरूक सिविल सेवकों के रूप में, आम लोगों की शिकायतों और समस्याओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देना आपका कर्तव्य है। आपको ऐसे नए-नए उपाय करने चाहिए जिनका लाभ आज भी और बाद में भी नागरिकों और देश को मिले।

मुझे विश्वास है कि आप सभी चुनौतियों का सामना करने और सबसे कठिन मुद्दों को हल करने के लिए तत्पर और सक्षम हैं। हमारे सिविल सेवकों ने देश के बहुमुखी विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है। पूरे देश के सिविल सेवकों पर देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी है। आज देश जिस परिवर्तन से गुजर रहा है, वह हमारे सिविल सेवकों के दृढ़ संकल्प के बिना संभव नहीं हो सकता था। आज देश हर क्षेत्र में उन्नत तकनीकों का विकास कर रहा है और देश के विभिन्न भागों में आम जनता, विशेषकर हमारे युवा ऐसे नए-नए आविष्कार कर रहे हैं जो लागत प्रभावी तो हैं ही, पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। हम स्टार्टअप इको सिस्टम और डिजिटल भुगतान में अग्रणी देशों में हैं। इन उपलब्धियों को हासिल करने में हमारे सिविल सेवकों का महत्वपूर्ण योगदान है।

प्रिय प्रशिक्षु अधिकारियों,

सिविल सेवकों का कर्तव्य है की देश के समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करें। भारत के नागरिक देश की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। आपको विभिन्न कार्यक्रमों के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जनभागीदारी को बढ़ाना है। निजी क्षेत्र, गैर-सरकारी क्षेत्र और विभिन्न जागरूक और प्रतिबद्ध नागरिकों सहित सभी हितधारकों के सहयोग से ही विकसित भारत के लक्ष्य को साकार किया जा सकता है।

आपको यह हमेशा याद रखना है कि आपको देश की सेवा के लिए चुना गया है। यही आपका मुख्य लक्ष्य होना चाहिए और आप सबको देश के समग्र लक्ष्यों को व्यक्तिगत लक्ष्यों से ऊपर रखना चाहिए। सबका साथ-सबका विकास की इस यात्रा में आप सबको चुनौतियों का सामना करने और सदा उन्हें अवसर में बदलने के लिए तैयार रहना है।

अंत में, मैं आप सबके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं। आप देश का नाम ऊंचा करें!

धन्यवाद, 
जय हिन्द! 
जय भारत! 
 

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