समावेशी नवान्वेषण पर वैश्विक गोलमेज प्रतिवेदन सारांश के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
1. मैं नवान्वेषण उत्सव 2016के प्रतिनिधियों और समावेशी नवान्वेषण पर वैश्विक गोलमेज में आपका हार्दिक स्वागत करता हूं। मैं यह देखकर खुश हूं कि गोलमेज ने एक बार फिर पूरे विश्व और भारत के विद्वानों,पेशेवरों और विचारकों के एक प्रभावी समूह को आकर्षित किया है।