स्लोवाकिया में भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सम्बोधन (HINDI)
ब्रातिस्लावा : 11.04.2025


मैं ऐतिहासिक और सुंदर शहर ब्रातिस्लावा में आकर बहुत प्रसन्न हूँ। यह स्लोवाकिया की मेरी पहली यात्रा है, और मैं इस देश की प्राकृतिक सुंदरता और यहाँ के लोगों के सौहार्द से अभिभूत हूँ।
मैं भारत सरकार और भारत की जनता की ओर से आपको हार्दिक शुभकामनाएं देती हूँ। इस यात्रा पर मेरे साथ राज्य मंत्री श्रीमती निमूबेन जयंतीभाई बांभनिया, संसद सदस्य श्री धवल पटेल और श्रीमती संध्या रे, और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी आए हैं।
मैं अपनी विदेश यात्राओं के दौरान भारतीय समुदाय के लोगों से मिलने के लिए सदैव उत्सुक रहती हूँ।
मित्रो,
भारत और स्लोवाकिया के आपसी संबंध एक दूसरे के प्रति सम्मान और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। यद्यपि दोनों देश भौगोलिक दृष्टि से दूर हैं, फिर भी, हमारे आपसी संबंधों की गर्मजोशी हमें करीब लाती है। पिछले कुछ वर्षों में हमने आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों में निरंतर वृद्धि देखी है।
इस मजबूत द्विपक्षीय संबंध के आधार पर, मेरी महामहिम राष्ट्रपति पेलिग्रिनी के साथ सफल बैठक हुई, जिसके दौरान हमने विभिन्न क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। मैंने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में उनकी व्यक्तिगत पहल और प्रतिबद्धता की भी सराहना की।
मैंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष के साथ भी सार्थक बैठकें कीं। मेरी स्लोवाक नेताओं के साथ हुई सभी वार्ताओं में, मुझे यह सुनकर प्रसन्नता हुई कि वे भारतीय समुदाय के कड़े परिश्रम और स्लोवाकिया के विकास और प्रगति में उनके बहुमूल्य योगदान के प्रति काफी सम्मान की भावना रखते हैं।
मुझे आज भारत के अनेक स्लोवाक मित्रों को हमारे बीच उपस्थित देखकर खुशी हो रही है। मैं भारत और स्लोवाकिया के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों और आपसी समझ को और मजबूत करने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करती हूं।
मित्रो,
भारत आज विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और स्लोवाकिया, अपने मजबूत industrial base और Europe में अपनी strategic location के परिणामस्वरूप, व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। हमारा द्विपक्षीय व्यापार 2024 में 1.2 billion Euro पार कर गया है, और दोनों देशों के investments में वृद्धि हुई है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस यात्रा पर मेरे साथ एक उच्चस्तरीय भारतीय trade delegation भी आया है। मुझे विश्वास है कि हमारे व्यापारिक प्रतिनिधियों के बीच होने वाले आदान-प्रदान से व्यापार और निवेश संबंध और मजबूत होंगे तथा सहयोग के नए अवसर पैदा होंगे।
यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि भारत की विरासत और परंपराएँ हमारे स्लोवाक मित्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। योग और आयुर्वेद से लेकर भारतीय व्यंजनों तक, स्लोवाकिया में भारतीय संस्कृति के प्रति दिखाई देने वाला प्रेम दोनों देशों के लोगों के बीच बढ़ते मजबूत संबंधों का प्रमाण है। स्लोवाक भाषा में उपनिषदों का अनुवाद स्लोवाक लोगों को भारत की प्राचीन शिक्षाओं से जुड़ने का एक और अवसर प्रदान करेगा। मुझे आज सुबह स्लोवाक बच्चों को रामायण पर आधारित कठपुतली show का आनंद लेते देखकर भी बहुत खुशी हुई।
मुझे बताया गया है कि पिछले 5 वर्षों में प्रवासी भारतीयों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है और अब यह संख्या 6000 हो गई है। भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह उस सौहार्द और आत्मीयता को दर्शाता है जो आज हमारे संबंधों की विशेषता है।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि दिवाली, होली, नवरात्रि और ओणम जैसे त्यौहार समुदाय द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। ये त्यौहार न केवल हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में सहायता करते हैं, बल्कि हमें अपने स्लोवाक मित्रों के साथ अपनी विविध परंपराओं को साझा करने का अवसर भी देते हैं।
मित्रो,
मैं अपने देश में हो रहे परिवर्तनों के बारे में भी बात करना चाहुंगी। भारत एक अभूतपूर्व परिवर्तन से गुजर रहा है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। इस दशक के अंत से पहले, हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। हमारे युवाओं ने हमें दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा start-up ecosystem बना दिया है। भारत अब e-commerce, AI, fintech और कई अन्य क्षेत्रों हेतु एक वैश्विक केंद्र है।
भारत की development strategy का केंद्र infrastructure रहा है, जिसमें गति शक्ति, भारतमाला, सागरमाला और Smart Cities Mission जैसी परिवर्तनकारी पहलों के माध्यम से प्रगति हो रही है। “आत्मनिर्भर भारत” पहल भारत को वैश्विक manufacturing hub में बदल रही है, जिसमें स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना, आयात निर्भरता को कम करना, और innovation को बढ़ावा देना शामिल है।
हमारा विकास न केवल प्रेरणादायक रहा है, बल्कि समावेशी भी रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि इससे समाज के सभी वर्गों को लाभ मिले। हम महिलाओं को सशक्त बनाने, entrepreneurship को बढ़ावा देने और संसाधनों तक समान पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो भारत की विकास यात्रा के आवश्यक स्तंभ हैं।
Digital India जैसी पहलों के साथ, देश में financial inclusion, e- governance, और digital connectivity में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। जैसे-जैसे भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, इसकी पहचान संकट के समय में First Responder, और एक विश्वसनीय development partner के रूप में हो रही है। Global South के प्रति भारत की प्रतिबद्धता ने एक जिम्मेदार global stakeholder के रूप में हमारी भूमिका को मजबूत किया है।
भारत 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने की अपनी यात्रा पर अग्रसर है। मैं आप सभी को इसका हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करती हूँ। भारत-स्लोवाकिया संबंधों को मजबूत करने में भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि के रूप में आपकी भूमिका अमूल्य है।
मुझे विश्वास है कि आप हमारे देशों के बीच संपर्क का एक मजबूत माध्यम बनने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे। मैं आपके और आपके परिवार के सदस्यों के लिए समृद्धि,शांति और उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ।
धन्यवाद
जय हिन्द!
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