सिंगापुर गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम थर्मन शनमुगरत्नम के सम्मान में आयोजित भोज में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अभिभाषण (HINDI)
राष्ट्रपति भवन : 16.01.2025
मुझे राष्ट्रपति भवन में सिंगापुर गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री थर्मन शनमुगरत्नम, श्रीमती जेन इट्टोगी और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।
भारत और सिंगापुर के बीच घनिष्ठ संबंध हैं, जो सदियों पुराने वाणिज्यिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों पर आधारित हैं।
सिंगापुर भारत का महत्वपूर्ण साझेदार है। सिंगापुर ने अपनी स्वतंत्रता के बाद उल्लेखनीय प्रगति की है और आज हर विकासशील देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मैं इस सराहनीय विकास यात्रा को जारी रखने के लिए सिंगापुर की जनता और सरकार को अपनी शुभकामनाएं देती हूं। आपकी प्रगति हमें प्रेरित करती है और हम अपने देश में भी सिंगापुर की विकासात्मक सफलता को दोहराने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि हम इस लक्ष्य के लिए सहयोग कर रहे हैं।
साझे इतिहास, विश्वास और पारस्परिक सम्मान पर आधारित मैत्री की लंबी परंपरा तथा विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सहयोग के कारण भारत-सिंगापुर सहयोग पिछले कुछ वर्षों में और प्रगाढ़ हुआ है।
हमारा द्विपक्षीय व्यापार और निवेश लगातार बढ़ रहा है। हमारे बीच मजबूत रक्षा सहयोग है। Fin-tech और skill development हमारी साझेदारी के महत्वपूर्ण घटक बन कर उभरे हैं। हमारे बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध मजबूत हैं और लोगों के बीच काफी आदान-प्रदान होता है। बहुपक्षीय मंचों पर भी हमारा सहयोग लगातार बढ़ रहा है।
देवियो एवं सज्जनो,
प्रधानमंत्री की हाल की सिंगापुर यात्रा के दौरान भारत-सिंगापुर संबंधों को ‘Comprehensive Strategic Partnership’ का दर्जा दिया गया। हाल ही में स्थापित भारत-सिंगापुर Ministerial Roundtable हमारे द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक अनूठा मंच है, जिसके जरिए हम connectivity, digitisation, स्वास्थ्य तथा शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करेंगे।
सिंगापुर भारत की Act East Policy और Indo-Pacific vision का भी एक प्रमुख स्तंभ है। लोकतांत्रिक मूल्यों में हमारी साझा आस्था हमें एक-दूसरे से जोड़ती है।
महामहिम, मुझे बताया गया है कि आप ओडिशा का भी दौरा करेंगे। मुझे विश्वास है कि आपकी यात्रा से राज्य के लोगों के लिए कई सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
भारत 1965 में सिंगापुर को मान्यता देने वाले पहले देशों में शामिल था और इस वर्ष हम राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। आज इस अवसर पर महामहिम के साथ एक संयुक्त logo का अनावरण करके मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई।
देवियो एवं सज्जनो,
हमारे दोनों देश गहरे सांस्कृतिक और कलात्मक संबंधों से जुड़े हुए हैं, जिन्हें हमारे खान-पान और संगीत विरासत में भी देखा जा सकता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि-भोज के दौरान, आप इन परंपराओं की एक झलक देख पाएंगे।
महामहिम, एक बार फिर मैं आपका और आपके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करती हूं। हमारी आने वाली पीढ़ियों के समृद्ध और समावेशी भविष्य के निर्माण के लिए, भारत सिंगापुर के साथ सहयोग करता रहेगा।
इन शब्दों के साथ, महामहिम, देवियो एवं सज्जनो, आइए हम सब मिल कर:
महामहिम राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम और श्रीमती जेन इट्टोगी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए,
सिंगापुर के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए, और
भारत तथा सिंगापुर के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए,
अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
धन्यवाद।