भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 'लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में राजस्थान विधानमण्डल के प्रमुख संवैधानिक पदाधिकारियों की भूमिका' पर सम्बोधन (HINDI)

जयपुर : 14.07.2023
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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 'लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में राजस्थान विधानमण्डल के प्रमुख संवैधानिक पदाधिकारियों की भूमिका' पर सम्बोधन (HINDI)

आज आप सबके बीच यहां उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यहां आने से पहले सीकर स्थित श्री खाटू श्याम जी के मंदिर में दर्शन करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। वहां मैंने सभी देशवासियों के कल्याण और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

भारतीय राजनीति के दिग्गज और राजस्थान की इस पवित्र धरती के सपूत श्री भैरों सिंह शेखावत जी के जन्म शताब्दी समारोह से सम्बद्ध इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए मैं विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सी. पी. जोशी जी और उनकी पूरी टीम की सराहना करती हूं। मुझे बताया गया है कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा द्वारा विभिन्न विषयों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। मुझे प्रसन्नता है कि राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के इस मंच का सदुपयोग किया गया है तथा भारतीय जन-जीवन को प्रभावित करने वाले अत्यंत महत्वपूर्ण लोगों के व्याख्यान संपन्न कराए गए हैं।

देवियो और सज्जनो,

आज मैंने राजस्थान विधान सभा में विधायकों को संबोधित किया। आप में से बहुत से लोग वहां भी उपस्थित थे। ‘लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में राजस्थान विधानमण्डल के प्रमुख संवैधानिक पदाधिकारियों की भूमिका’ के संदर्भ में, राजस्थान के राजप्रमुख सवाई श्री मान सिंह, राज्यपाल सरदार श्री गुरुमुख निहाल सिंह, डॉक्टर सम्पूर्णानन्द, श्री रघुकुल तिलक, श्री बलिराम भगत, श्री कल्याण सिंह तथा वर्तमान राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी तक अनेक दूरदर्शी महानुभावों का मार्गदर्शन राजस्थान की विधान-सभा को मिलता रहा है। मैं महिला राज्यपालों - श्रीमती प्रतिभा पाटिल, श्रीमती प्रभा राव तथा श्रीमती मार्गरेट अल्वा का विशेष रूप से उल्लेख करना चाहती हूं। उन जैसी महिलाओं ने देश की महिलाओं में प्रेरणा का संचार किया है। पूर्ववर्ती राष्ट्रपति के रूप में श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल जी मेरे लिए प्रोत्साहन का स्रोत रही हैं।

राजस्थान के मुख्य-मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले लोकप्रिय जन-सेवकों की परंपरा में श्री मोहनलाल सुखाड़िया, श्री हरिदेव जोशी, श्री भैरों सिंह शेखावत, श्री शिवचरण माथुर, वर्तमान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत तथा श्रीमती वसुंधरा राजे शामिल हैं।

श्री रामनिवास मिर्धा, श्री लक्ष्मण सिंह, श्री पूनम चंद विश्नोई, श्री परसराम मदेरणा, श्रीमती सुमित्रा सिंह तथा वर्तमान अध्यक्ष डॉक्टर सी.पी. जोशी जी जैसे अध्यक्षों ने राजस्थान विधान-सभा का कुशल संचालन किया है। राज्यपालों, मुख्य-मंत्रियों तथा अध्यक्षों की प्रभावशाली सूचियों में से मैं कुछ नामों का ही उल्लेख कर पायी हूं।

देवियो और सज्जनो,

राजस्थान की ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में श्री भैरों सिंह शेखावत जी ने अपने विशाल व्यक्तित्व की अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने राजस्थान के विकास और हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने में अत्यंत प्रभावशाली योगदान दिया। एक साधारण परिवेश में जन्मे, श्री भैरों सिंह शेखावत जी ने कड़ी मेहनत, संघर्ष तथा जन-सेवा के दृढ़ संकल्प के साथ, देश के सबसे लोकप्रिय जन-सेवकों में अपना स्थान बनाया। राजनीति में उनका अभ्युदय राजस्थान में होने वाले बदलावों के समानांतर आगे बढ़ा। उन्होंने राज्य और देश की नियति को स्वरुप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

श्री भैरों सिंह शेखावत जी ने मुख्यमंत्री के रूप में राजस्थान के विकास और यहां के लोगों के कल्याण हेतु अनेक योजनाओं की परिकल्पना की थी, तथा उन्हें कार्यरूप भी दिया था। देश के उप-राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने भारतीय संसद की उच्च परम्पराओं का निर्वहन किया तथा उन्हें और अधिक समृद्ध बनाया। श्री भैरों सिंह शेखावत जी की प्रतिष्ठा दलगत मतभेदों से बहुत ऊपर थी तथा सभी राजनैतिक दलों के नेता उनका आदर करते थे। उनके आदर्श हमारे देश के सभी जन प्रतिनिधियों के लिये अनुकरणीय हैं।

श्री भैरों सिंह शेखावत जी की लोकतान्त्रिक मूल्यों में गहरी आस्था थी। वे संवैधानिक आदर्शों के अनुरूप शासन और सेवा में विश्वास रखते थे। श्री शेखावत एक दूरदर्शी जन-नेता थे। उन्हें हमारे देश के सामने आने वाली चुनौतियों और आवश्यक समाधानों की गहरी समझ थी। वे जन-सामान्य की जरूरतों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते थे।

देवियो और सज्जनो,

भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था निरंतर मजबूत होती जा रही है। विश्व में सबसे अधिक विविधताओं का सफलतापूर्वक समावेश करते हुए लोकतांत्रिक पद्धतियों के साथ हमारे देश की विकास यात्रा आगे बढ़ती रही है। लोकतंत्र पर हमारी आस्था बहुत गहरी है। आजादी के बाद के 75 वर्ष के दौरान हमारे देश ने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत बनाए रखा है। हमारे लोकतंत्र की जीवंतता का सबसे बड़ा प्रमाण है हमारे देश में होने वाले आम चुनाव। वर्ष 2019 के आम चुनाव में 91 करोड़ मतदाताओं के लिए मतदान की व्यवस्था की गई थी। 61 करोड़ 30 लाख मतदाताओं ने 17वें लोकसभा चुनाव में मतदान करके एक नया कीर्तिमान बनाया और महिलाओं ने पुरुषों के लगभग बराबर मतदान किया। आज दुनिया के अन्य देश भारत की चुनाव प्रणाली से ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। हमारी लोकतान्त्रिक व्यवस्था में समाज के सभी लोगों, विशेष रूप से पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों तथा महिलाओं को विशेष रूप से प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है। पंचायती राज व्यवस्था हमारे लोकतन्त्र में बुनियादी भूमिका निभा रही है। आज देश में 2.75 लाख से अधिक स्थानीय ग्रामीण निकायों के 31.5 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में 46 प्रतिशत महिला प्रतिनिधि हैं। यह पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है। पहली बार महिला सांसदों की संख्या 100 से ऊपर हो गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस संख्या में और वृद्धि      
होगी। भारतीय लोकतंत्र की सफलता में राजस्थान के निवासियों की और जन-प्रतिनिधियों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। इसके लिए मैं राजस्थान के सभी लोगों और जन-प्रतिनिधियों की सराहना करती हूँ।

इस राज्य के परिश्रमी और उद्यमी लोगों ने प्रतिकूल प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद अपनी विकास यात्रा को निरंतर आगे बढ़ाया है। मुझे विश्वास है कि राजस्थान के लोग संसदीय लोकतंत्र के मूल्यों को मजबूत बनाएंगे तथा राज्य और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे। यह श्री भैरों सिंह शेखावत जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मैं आप सबके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करती हूं।

धन्यवाद!   
जय हिन्द!   
जय भारत!

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