भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन (HINDI)

lucknow,Uttar Pradesh : 13.02.2023

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का बाबासाहेब भीमरावयह मेरे लिए हर्ष का विषय है कि आज मुझे डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के नाम पर स्थापित बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ है। मैं आज डिग्री,पुरस्कार और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देती हूं। मैं इस विश्वविद्यालय के स्वच्छ और हरित परिसर से बहुत प्रभावित हूं।मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई किइस विश्वविद्यालय का वातावरण पर्यावरण के अनुकूल है।विश्वविद्यालय का परिसरअंतरराष्ट्रीय ग्रीन बिल्डिंग मानकों पर आधारित है।‘No Motor Vehicle Day’ और Bicycle Bankजैसे प्रयास भी प्रशंसनीय हैं। नवीनतम प्रोद्योगिकी का उपयोग करने तथा विद्यार्थियों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिए यहविश्वविद्यालय देश के कई प्रमुख संस्थानों,जैसे Central Drug Research Institute, NIPER रायबरेली और IIT-बीएचयूके साथ सहयोग करके आगे बढ़ रहा है। मैं इस के लिए आप सब की सराहना करती हूं।

बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन में जितना संघर्ष था,उतनी ही उनकीउपलब्धियां भी थी। बचपन से ही मेधावी छात्र रहे,डॉक्टर आंबेडकर ने अनेक चुनौतियों और बाधाओं का सामना करते हुए, देश-विदेश में श्रेष्ठ शिक्षा हासिल की। एक प्रसिद्ध विद्वान,मानवाधिकार कार्यकर्ता और कुशल वकील होने के साथ-साथ,वे स्वतंत्र भारत के संविधान-निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री भी थे। अपनी दूरदर्शिता के द्वारा उन्होंने अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों का इस्तेमाल समाज-कल्याण हेतु व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं को सुधारने के लिए किया। उनका जीवन मूल्यों और सिद्धान्तों पर आधारित था।उनके आदर्श और मूल्यों से प्रेरणा लेकर,आप सब कठिन से कठिन लक्ष्य को भी साध सकते हैं।

देवियो और सज्जनो,

कल ही मैंने UP Global Investors Summit के समापन समारोह में भाग लिया। यह समिट देश और प्रदेश में एक नयी ऊर्जा के संचार का सन्देश दे रहा है। इससे निवेश व व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण बन रहा है। आज मैं यहां से अपील करना चाहूंगी कि आप सब शिक्षा को इस अनुकूल वातावरण से जोड़ें। हमारे विश्वविद्यालयों को एक ऐसे केंद्र के रूप में विकसित करें जहां जन-कल्याण के लिए नए-नए अनुसन्धान किए जाएं,Fourth Industrial Revolutionके hub बनें, Start-ups के लिए Incubation Centreबनें। मुझे हार्दिक प्रसन्नता होगी यदि हमारे शिक्षण संस्थान देश और प्रदेश में, नयी क्रांति और सामाजिक सम्पन्नता और समता के संदेशवाहक भी बनें। आज भारत,विश्व का तीसरा सबसे बड़ा Start-up ecosystem वाला देश है। सभी शिक्षण संस्थानों, विशेष रूप से विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों, से यह अपेक्षा है कि वे इस ecosystemका भरपूर लाभ उठाएँ और अपने विद्यार्थियों को research औरinnovation के लिए प्रोत्साहित करें। उनका यह प्रयास भारत को innovation औरtechnology में एक सशक्त राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान होगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी Research और Innovation की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। कौशल-आधारित शिक्षा,लचीले पाठ्यक्रम और बहु-विषयक दृष्टिकोण पर बल देते हुए भारत को Knowledge Superpower बनाना ही इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय को इस शिक्षा नीति को लागू करने में तत्परता दिखाने के लिए, मैं बधाई देती हूँ।

देवियो और सज्जनो,

बाबासाहेब आंबेडकर का मानना था कि गरीब और ज़रूरतमंद लोगों तक शिक्षा की सुविधाएं पहुँचाना एक विश्वविद्यालय का मूलभूत कर्त्तव्य है। उनके अनुसार एक शिक्षण संस्थान को सभी वर्गों के विद्यार्थियों को बिना किसी भेदभाव के अच्छी शिक्षा देनी चाहिए। मुझे बताया गया है कि यह विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को 50 प्रतिशतआरक्षण देकर, उनके उत्थान के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है। मुझे विश्वास है किबाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर बना यह विश्वविद्यालय उनके आदर्शों के अनुसार देश-प्रदेश में शिक्षा का प्रसार करता रहेगा।

आज इस विश्वविद्यालय में Birsa Munda Student Activity Centre का उद्घाटन करके मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मुझे विश्वास है कि विभिन्न sports facilitiesसे युक्त यह सेंटर, students की physical फिटनेस के साथ-साथ उनकेall-round development में भी मदद करेगा। मैं भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर Student Activity Centre बनाने के लिए विश्वविद्यालय की पूरी टीम को बधाई देती हूँ।

प्यारे विद्यार्थियो,

दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय और विद्यार्थियों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर होता है। आज के दिन आपको कई सालों की कड़ी मेहनत का फल मिलता है। यह आपके और आपके परिवार के लिए हर्ष, उत्साह और गर्व का क्षण होता है। मुझे बताया गया है कि आज डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों में 42 प्रतिशत लडकियां हैं। साथ ही गोल्ड मेडल पाने वालों में भी 60 प्रतिशत छात्राएँ हैं। मैं सभी विद्यार्थियों को बधाई देती हूं और बेटियों की विशेष सराहना करती हूं। इस अवसर पर,मैं उन सभी अभिभावकों को भी बधाई देती हूं,जिन्होंने अपनी मेहनत और तपस्या से देश को इस युवा शक्ति से धनी किया। मैं सभी शिक्षकों की भी सराहना करती हूं जिन्होंने अपने मेहनत और समर्पण से इन छात्र-छात्राओं को ज्ञान से समृद्ध किया।

आज इस अवसर पर मैं सभी विद्यार्थियों से कहना चाहती हूँ कि जीवन में आप जो भी बनना चाहते हैं उसके लिए आज से ही प्रयास करें और अपने लक्ष्य को कभी भी अपने मन मस्तिष्क से दूर ना होने दें। आप में से कुछ विद्यार्थी प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करेंगे, कुछ सरकारी सेवाओं में जायेंगे, कुछ बच्चे entrepreneur बनेंगे। मैं चाहूंगी कि आप में से कुछ बच्चे अच्छे teacher/professor भी बने। Education और teaching एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।उत्तम शिक्षा व्यवस्था के लिए उत्तम शिक्षकों का होना बहुत ही ज़रूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी इस बात पर जोर देती है कि शिक्षक को शिक्षा व्यवस्था में मूलभूत सुधारों के केंद्र में होना चाहिए। इसलिए शिक्षकों और टीचिंग प्रोफेशन को पूरा सम्मान मिलना चाहिए। हमारे होनहार छात्र-छात्राओं को टीचिंग को एक profession के रूप में अपना कर देश के भविष्य को सुंदर बनाने में बहुमूल्य योगदान देना चाहिए।

प्यारे विद्यार्थियो,

आप सब एक चुनौतीपूर्ण और प्रतिस्पर्धा की दुनिया में प्रवेश करने वाले हैं। मुझे विश्वास है कि इस विश्वविद्यालय ने आपको हर चुनौती का सामना करने और देश की सेवा करने के लिए सक्षम बनाया है। आप अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें और देश को विकास के पथ पर आगे लेकर जाने का संकल्प लें। आप सब शिक्षा और ज्ञान के बल पर जीवन में खूब उन्नति करेंगे,ऐसा मुझे विश्वास है। लेकिन इसके साथ-साथ अपने संस्कारों और संस्कृति से जुड़े रहना बहुत ज़रूरी है। तभी आप एक सार्थक और संतोषजनक जीवन जी सकते हैं, जो दूसरों के लिए भी प्रेरणादायक हो।

अमृत काल का यह समय सक्रियता और प्रगतिशीलता का है। देश प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। आप जिस भी क्षेत्र में काम करें उत्कृष्टता से करें। कभी भी crisis  situation आए तो उसका समाधान निकालने के बारे में सोचें,उसे एक अवसर की तरह देखें,यह आपकी प्रतिभा को बढ़ाएगा और आपके व्यक्तित्व को और अधिक उभारेगा। मैं महान कवि मैथिलीशरण गुप्त जी की कविता की कुछ पंक्तियाँ कहती हूँ:


नहीं विघ्न-बाधाओं को हम,स्वयं बुलाने जाते हैं, 
फिर भी यदि वे आ जायें तो,कभी नहीं घबराते हैं। 
मेरे मत में तो विपदाएँ,हैं प्राकृतिक परीक्षाएँ, 
उनसे वही डरें,कच्ची हों,जिनकी शिक्षा-दीक्षाएँ॥


आप सभी से अपेक्षा है कि आप अपने समर्पण और ईमानदार प्रयासों के माध्यम से देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी लेंगे और साथ ही सामाजिक और नैतिक मूल्यों से भी जुड़े रहेंगे।

मैं एक बार फिर से सभी विद्यार्थियों और इस विश्वविद्यालय से जुड़े सभी लोगों को बधाई देती हूं। आप सब को एक पूर्ण रूप से विकसित राष्ट्र के निर्माण कार्य में दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ जुड़ना है और अपना अमूल्य योगदान देना है। आपके स्वर्णिम भविष्य के लिए मेरी अनेक-अनेक शुभकामनाएं!

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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