भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का ATAL BIHARI VAJPAYEE - INDIAN INSTITUTE OF INFORMATION TECHNOLOGY & MANAGEMENT के दीक्षांत समारोह में संबोधन

ग्वालियर : 13.07.2023
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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का ATAL BIHARI VAJPAYEE - INDIAN INSTITUTE OF INFORMATION TECHNOLOGY & MANAGEMENT के दीक्षांत समारोह में संबोधन

आज यहाँ Atal Bihari Vajpayee - Indian Institute of Information Technology & Management के दीक्षांत समारोह में आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह दीक्षांत समारोह इसलिए भी विशेष है क्योंकि इस संस्थान के कार्यकाल के 25 वर्ष भी पूरे हो गए हैं। इस silver jubilee दीक्षांत समारोह में उपाधियाँ और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूँ। साथ ही आप सबके परिवारजनों और प्राध्यापकों को भी बधाई देती हूँ। आज आप सबकी कई वर्षों की मेहनत सफल हुई है और आप अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुँच गए हैं। आज डॉ. अनिल काकोडकर को atomic energy के क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए Doctor of Science की Honoris Causa डिग्री से भी सम्मानित किया गया है। मैं डॉ काकोडकर को भी बहुत-बहुत बधाई देती हूँ।

ग्वालियर मध्य प्रदेश के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है। यह शहर अपने महलों, मंदिरों और किलों के लिए प्रसिद्ध है। भारत के इतिहास में ग्वालियर शहर और क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। मराठाओं द्वारा किए गए संघर्ष में सिंधिया वंश की उल्लेखनीय भूमिका रही है। बीसवीं सदी में ग्वालियर में आधुनिक उद्योगों को बढ़ावा देने में भी सिंधिया परिवार ने सक्रिय योगदान दिया है।

ग्वालियर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है। ग्वालियर में स्थित संगीत सम्राट तानसेन के गांव को तानसेन नगर का नाम दिया गया है। भारतीय संस्कृति की अनेक बहुमूल्य धरोहरों को ग्वालियर में संरक्षित किया गया है। यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि शून्य अथवा Zero विश्व को भारत की देन है। भारत द्वारा प्राचीन काल में ही शून्य की अवधारणा विकसित कर ली गई थी तथा पाण्डुलिपियों में शून्य के लिखित उदाहरण मिलते हैं। लेकिन कहा जाता है कि शून्य के physical inscription का सबसे प्राचीन रूप सदियों पहले निर्मित ग्वालियर के चतुर्भुज मंदिर में देखा जाता है। मैं समझती हूं कि प्राचीन भारत में विज्ञान के उत्कर्ष के ऐसे उदाहरण technology students के लिए विशेष रूप से प्रेरक हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में यह स्पष्ट किया गया है कि हमारे विद्यार्थी भारतीय परम्पराओं और ज्ञान विज्ञान के स्रोतों से जुड़ें तथा आधुनिकतम Science और Technology को अपनाएं।

ग्वालियर आकर मैं देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का सादर स्मरण करती हूँ और उन्हें नमन करती हूँ। ग्वालियर उनका प्रमुख कर्मस्थल रहा है। भारत रत्न वाजपेयी जी समकालीन भारत के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे, जिन्होंने एक प्रभावशाली विरासत छोड़ी है। अटलजी ने infrastructure development और telecom sector के व्यापक विस्तार को अभूतपूर्व प्रोत्साहन दिया। वे मानते थे कि connectivity राष्ट्र के समावेशी विकास के लिए मूलभूत आवश्यकता है। आज आप सब विद्यार्थी भी technology की दुनिया में प्रवेश करने जा रहे हैं। टेक्नोलॉजी का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यही है कि इससे ‘connectivity’ बहुत बढ़ गयी है। भारत की digital economy आज विश्व में अग्रणी स्थान पर है। आप सब इसे आधुनिकतम technology की मदद से और अधिक मजबूत बना सकते हैं।

प्यारे विद्यार्थियो,

मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले आप सभी युवा विद्यार्थियों से यह अपेक्षा करती हूं कि आप समाज के उन लोगों के बारे में भी सोचें जो विकास की यात्रा में थोड़ा पीछे रह गए हैं। समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना आप की प्रगति के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। दूसरों की सहायता करने से अपनी क्षमताओं का विकास भी होता है, यह मेरा निजी अनुभव है। मेरा आग्रह है कि पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों की सहायता करने पर आप विशेष ध्यान दें।

मध्य प्रदेश की अपनी पिछली यात्रा के दौरान नवंबर में, शहडोल में आयोजित एक समारोह में, मुझे Panchayat Extension to Scheduled Areas Act, जिसे पेसा ऐक्ट कहा जाता है, का शुभारंभ करने का अवसर मिला था। वह Act जनजातीय समुदाय के लोगों के हित में लागू किया गया है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जनजातीय समुदाय की सबसे बड़ी आबादी मध्य प्रदेश में है। जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत भी पहले मध्य प्रदेश में ही की गई थी। जनजातीय समाज के हित में केंद्र और राज्य सरकारें अनेक कदम उठा रही हैं। कमजोर वर्गों के कल्याण हेतु कार्य करने की भावना के साथ देश में महिलाओं के हित में भी अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन समाज में बहुत अधिक शक्ति होती है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति विशेषकर आप सभी युवाओं का यह दायित्व है कि समाज के पिछड़े लोगों के विकास में अपनी भागीदारी समझें। मुझे खुशी है कि हमारा समाज और देश इस सोच के साथ आगे बढ़ रहा है।

प्यारे विद्यार्थियो,

मैं आप सभी विद्यार्थियों से कहना चाहूंगी कि आत्मविश्वास के साथ दुनिया में कदम रखिये और आगे बढ़ते जाइये। कोई भी बाधा, कोई भी चुनौती आपको अपने लक्ष्यों को हासिल करने से नहीं रोक पाएगी। लेकिन अपने लक्ष्य की ओर निरंतर आगे बढ़ना होगा। लक्ष्य से निगाह हटनी नहीं चाहिए और आप जब सफल हो जाएं तो दूसरों की भी आगे बढ़ने में मदद करें।

देवियो और सज्जनो,

आज मुझे इस संस्थान के 500 bed वाले Boys Hostel का शिलान्यास करने का भी अवसर मिला। मैं आशा करती हूँ कि यह hostel और इस Institute की अन्य सुविधाएं विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए उपयोगी वातावरण प्रदान करने में सहायक होंगी। यह ख़ुशी की बात है कि IIITM, ग्वालियर शिक्षा का एक ऐसा उत्कृष्ट केंद्र बनने की ओर अग्रसर है जहाँ उच्च स्तर की शिक्षा और अनुसन्धान को निरंतर बढ़ावा मिलेगा। Institute of National Importance होने के नाते भी इस Institute का यह कर्त्तव्य है कि देश को आगे ले जाने की दिशा में नवीन प्रयास करे और ऐसे विद्यार्थी तैयार करे जो अपनी सोच और कार्य से देश और दुनिया की समस्याओं के समाधान ढूँढने में योगदान दें।

यह ख़ुशी की बात है कि इस संस्थान ने स्थानीय समुदायों की मदद के लिए भी विभिन्न गतिविधियाँ शुरू की हैं। संस्थान के संकाय सदस्य और विद्यार्थी आस पास के गाँवों में सामाजिक सेवा के कार्य करते हैं। Student Gyan Movement (SGM) के द्वारा स्थानीय समुदायों के गरीब स्कूली बच्चों को सलाह और मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। अभी मैं ऐसे कुछ बच्चों से मिली जो इस कार्यक्रम की सहायता से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन बच्चों से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा और यह देखकर संतोष हुआ कि हमारे शिक्षण संस्थान ऐसे बच्चों के बारे में भी सोच रहे हैं और देश के समावेशी विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। मैं IIITM ग्वालियर की इस पहल की सराहना करती हूँ।

देवियो और सज्जनो,

मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई है कि Institute के अधिकांश विद्यार्थियों की placement अच्छी कंपनियों में हो गयी है। नौकरी मिलने की ख़ुशी, खासकर जीवन की पहली नौकरी मिलने की ख़ुशी अलग ही होती है। मैं संस्थान की पूरी टीम को, और सभी विद्यार्थियों को placements के लिए बहुत बधाई देती हूँ। मैं इस बात पर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ कि जिन विद्यार्थियों की placement नहीं हुई है उनकी क्षमता किसी भी मायने में कम नहीं है और उन्हें भी आगे बढ़ने के लिए अनगिनत अवसर मिलेंगे। मुझे यह भी बताया गया है कि आप में से कुछ विद्यार्थी entrepreneur और civil servant बनने की भी तैयारी कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आप सब विभिन्न क्षेत्रों में इस संस्थान और देश का नाम रोशन करेंगे।

मैं आशा करती हूं कि यहाँ से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी हर क्षेत्र में विश्व स्तर पर सिर्फ compete ही नहीं, बल्कि lead भी करेंगे। मुझे विश्वास है कि हमारे संस्थान, विद्यार्थी और हमारे उद्योग मिलकर काम करेंगे और भारत दुनिया का सबसे बड़ा technology hub बन सकेगा।

प्यारे विद्यार्थियो,

मैं समझती हूँ कि आज आप सब बहुत उत्साह से अपने भविष्य की योजनाएं बना रहे होंगे। जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए यह ज़रूरी है कि हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं उसको समय-समय पर परखते रहें। हो सकता है कि आज आपने जो रास्ता चुना है वह आज आपको सही लग रहा हो। लेकिन कुछ समय बाद आपको समझ में आए कि जो आप जीवन में कर रहे हैं, आप उसके लिए नहीं बने हैं। आपको कोई और रास्ता भी मिल सकता है जो आपके लिए बेहतर हो। ऐसी स्थितियों में निर्णय लेने से और नए रास्ते पर चलने से पीछे नहीं हटना है। दृढ़ संकल्प के साथ सही रास्ता चुन कर आगे बढ़ जायेंगे तो लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा और जीवन में संतुष्टि भी मिलेगी। किसी भी नौकरी से मिलने वाला आर्थिक लाभ महत्वपूर्ण होता है, लेकिन Job satisfaction उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए जीवन में खुद से सवाल करते रहिये और खुद को बेहतर बनाते रहिऐ।

अंत में एक बार फिर मैं सभी उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देती हूँ और आप सभी के स्वर्णिम भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूँ।

धन्यवाद!    
जय हिन्द!    
जय भारत!

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