भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Animal Induction और Gift Milk Programs के वर्चुअल उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)
राष्ट्रपति भवन : 13.01.2025
ओडिशा के मयूरभंज जिले में गो समावेश कार्यक्रम के वर्चुअल उद्घाटन के साथ-साथ National Dairy Development Board के Giftmilk कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। यह भी प्रसन्नता का विषय है कि इस अवसर पर NDDB द्वारा Odisha State Cooperative Milk Producers' Federation (OMFED) की गतिवधियों को विपणन सहयोग द्वारा आगे बढ़ाने की पहल की गई है। मेरी प्रसन्नता का विशेष कारण यह है कि आज का यह कार्यक्रम Cattle के स्वास्थ्य और साथ ही हमारे बच्चों के स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है।
पशुधन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं ग्रामीण घरेलू आय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में पशुधन नस्लों की विविध श्रेणियां हैं, जिनमें ओडिशा के बिंजाहारपुरी तथा खरियार प्रजातियां भी शामिल हैं। देश की समृद्ध कृषि विरासत में इन सभी प्रजातियों का योगदान रहा है। हमारे पशुधन को समर्थन तथा बढ़ावा देने के लिए, सरकार द्वारा पशुधन के Breed Development एवं Genetic Upgradation के लिए कई उपाय व नीतिगत प्रयास किए गए हैं।
दूध के उत्पादन में भारत का विश्व में अग्रणी स्थान है। दूध और दूध के उत्पादों के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां असाधारण हैं। हमारे Milch Cattle की उत्पादकता में भी पिछले 10 वर्षों में असाधारण वृद्धि देखी गई है। ये सभी उपलब्धियां पशुपालन में उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
फिर भी, पशुओं के स्वास्थ्य, विशेषकर मयूरभंज जैसे क्षेत्रों के Cattle के स्वास्थ्य के विषय में बहुत कुछ किया जा सकता है। मुझे प्रसन्नता है कि मयूरभंज जिले में गो समावेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस प्रयास से मयूरभंज और आस-पास के क्षेत्रों में डेयरी उत्पादन से जुड़े अच्छे बदलाव होंगे। मुझे राष्ट्रीय गोकुल मिशन के उद्देश्यों और प्रयासों के बारे में जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है।
ओडिशा में मैंने कुछ समय के लिए Fisheries and Animal Resources Development Minister की ज़िम्मेदारी निभाई थी। तब मुझे मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी के महत्व को और गहराई से समझने का अवसर मिला था। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे प्रयासों के लिए मैं केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह और उनकी पूरी टीम की सराहना करती हूं।
देवियो और सज्जनो,
यह प्रसन्नता का विषय है कि स्कूल जाने वाले कम उम्र के बच्चों में कुपोषण की समस्या का सामना करने के लिए National Dairy Development Board द्वारा हर बच्चे को एक गिलास दूध देने के अभियान पर कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2015 में शुरू किया गया NDDB Foundation for Nutrition बच्चों के पोषण के जरिए राष्ट्र निर्माण में प्रभावी योगदान दे सकता है।
मुझे बताया गया है कि NDDB के Gift Milk कार्यक्रम के तहत मयूरभंज जिले के कुछ स्कूलों में लगभग पंद्रह सौ बच्चों को पोषण-युक्त दूध उपलब्ध कराया जाएगा। मुझे विश्वास है कि इस संख्या में तेजी से वृद्धि की जाएगी और अधिक से अधिक बच्चे लाभान्वित हो सकेंगे।
मयूरभंज क्षेत्र में दूध के उत्पादन, वितरण और गुणवत्ता को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए विपणन सहायता कार्यक्रम एक उपयोगी कदम सिद्ध होगा। मयूरभंज क्षेत्र में पशु संसाधन विकास की प्रचुर संभावना है। पशुओं की संख्या और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान देने से दूध सहित पशुओं से मिलने वाले खाद्य उत्पादों तथा अन्य उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा। देश के सभी क्षेत्रों में ऐसे प्रयास करने से स्वस्थ भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकेगा। इस संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे सभी कार्यक्रमों की सफलता हेतु मैं कामना करती हूं तथा इन कार्यक्रमों के लिए में राज्य सरकार के समर्थन की सराहना भी करती हूं। मैं आशा करती हूं डेयरी व पशुपालन से जुड़े सभी भाई-बहनों को इस का पूरा लाभ मिलेगा।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!