भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर संबोधन (HINDI)
नई दिल्ली : 25.01.2025
पंद्रहवें National Voters’ Day के अवसर पर मैं देश के लगभग 100 करोड़ मतदाताओं को बधाई देती हूं।
आज के सभी पुरस्कार विजेताओं को मैं विशेष बधाई देती हूं। निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न आयामों में योगदान देने वाले सरकारी और निजी संस्थान प्रशंसा और पुरस्कार के योग्य तो हैं ही, वे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अन्य व्यक्तियों और संस्थानों के लिए अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं।
आज निर्वाचन आयोग का स्थापना दिवस भी है। निर्वाचन आयोग ने हमारे लोकतंत्रात्मक गणराज्य की सेवा के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस दौरान, निर्वाचन आयोग ने 18 लोकसभा चुनाव एवं 400 से अधिक विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न कराये हैं। इन चुनावों में निष्पक्ष और समावेशी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सभी देशवासियों और मतदाताओं की ओर से मैं वर्तमान और पूर्ववर्ती निर्वाचन आयुक्तों, कर्मचारियों तथा election machinery से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूं।
हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान के निर्माण तथा उसे लागू करने की प्रक्रिया में निर्वाचन आयोग तथा चुनाव प्रणाली को सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी। 26 नवंबर 1949 के दिन संविधान को अंगीकृत किया गया था। संविधान के कुछ विशेष अनुच्छेद उसी दिन से लागू कर दिये गए थे। उन थोड़े से अनुच्छेदों में निर्वाचन आयोग के निर्देशन और नियंत्रण में होने वाली चुनाव प्रक्रिया से जुड़ा अनुच्छेद 324 भी है। प्रथम गणतन्त्र दिवस के एक दिन पहले निर्वाचन आयोग का गठन होना भी राष्ट्र निर्माताओं द्वारा चुनाव प्रक्रिया तथा निर्वाचन आयोग के महत्व को रेखांकित करता है।
संविधान को अंगीकृत करने के एक दिन पहले, यानी 25 नवंबर 1949 के दिन, बाबासाहब आंबेडकर ने, संविधान सभा में दिये गए अपने ऐतिहासिक सम्बोधन में, इस बात को विस्तार के साथ समझाया था कि भारत में लोकतान्त्रिक प्रक्रिया प्राचीन काल से ही विद्यमान थी। अनेक ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत-माता लोकतन्त्र की जननी है। हम सभी देशवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि हमारा लोकतन्त्र विश्व का प्राचीनतम लोकतन्त्र होने के साथ-साथ विश्व का सबसे विशाल, विविधतापूर्ण, युवा, समावेशी और संवेदनशील लोकतन्त्र भी है। आधुनिक विश्व के लिए भारत का लोकतन्त्र एक अनोखा उदाहरण है। हमारी चुनाव प्रणाली तथा प्रबंधन से विश्व के अनेक देश सीख ले रहे हैं।
निर्वाचन आयोग के प्रबंधन, मतदाताओं की भागीदारी, सुरक्षाकर्मियों तथा election machinery में सहयोग देने वाले नागरिकों के बल पर भारतीय लोकतन्त्र द्वारा जिस विशाल पैमाने पर चुनाव आयोजित किए जाते हैं वह पूरे विश्व में अतुलनीय है। वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव को सम्पन्न कराने में पूरे देश में 10 लाख से अधिक polling stations पर सुरक्षाकर्मियों, polling officers तथा कर्मचारियों सहित लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस चुनाव में लगभग 65 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। इस संख्या की विशालता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि European Union के 27 देशों की कुल आबादी लगभग 44 करोड़ है।
देवियो और सज्जनो,
हमारे समावेशी लोकतन्त्र की प्रभावशाली झलक चुनावों में देखने को मिलती है। पिछले तीन लोकसभा चुनावों में लगातार 66 percent से अधिक मतदान के लिए मैं निर्वाचन आयोग और मतदाताओं को बधाई देती हूं। इन चुनावों में महिलाओं की बढ़ती हुई भागीदारी हमारे समाज और देश के समग्र विकास का महत्वपूर्ण संकेत है। मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि निर्वाचन आयोग ने 85 वर्ष से अधिक आयु के वयोवृद्ध मतदाताओं, दिव्यांग मतदाताओं तथा सुदूर क्षेत्रों में बसे जनजातीय मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु विशेष प्रयास किये हैं। इस प्रकार, निर्वाचन आयोग ने समावेशी और संवेदनशील चुनाव प्रबंधन का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है। चुनाव प्रक्रिया और प्रबंधन को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा आधुनिक technology, software, applications और पद्धतियों के उपयोग की मैं सराहना करती हूं।
देवियो और सज्जनो,
आज Electors Photo Identity Card प्राप्त करने वाले युवा मतदाताओं को मैं बधाई देती हूं। मताधिकार से युक्त होकर, ऐसे सभी नए मतदाता, हमारे गणतन्त्र में, एक नयी जिम्मेदारी निभाने के लिए सक्षम हो गए हैं। मतदान के संवैधानिक अधिकार के साथ-साथ कुछ जिम्मेदारियां भी जुड़ी हुई हैं।
National Voters’ Day हमारे लोकतन्त्र का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। मतदान से जुड़े अधिकार और कर्तव्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना आज के इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य है। मुझे बताया गया है कि जिला और राज्य स्तर पर भी National Voters’ Day से जुड़े आयोजन किए जा रहे हैं। लोकतंत्र के इस उत्सव में प्रशासन और जनता की भागीदारी बढ़ाने के इस प्रयास के लिए मैं निर्वाचन आयोग को साधुवाद देती हूं।
मेरा मानना है कि मतदान से जुड़े आदर्श और जिम्मेदारियां हमारे लोकतन्त्र के प्रमुख आयाम हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की गयी Voters’ Pledge से सभी नागरिकों का मार्गदर्शन हो सकता है। मैं चाहूंगी कि मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो। मतदाताओं में लोकतन्त्र के प्रति पूर्ण आस्था के साथ-साथ यह दृढ़-संकल्प भी होना चाहिए कि वे हर प्रकार की संकीर्णता, भेद-भाव तथा प्रलोभन से ऊपर उठकर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रबुद्ध मतदाता हमारे लोकतन्त्र को मजबूत बनाते हैं।
देवियो और सज्जनो,
मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा लोकतन्त्र विश्व-समुदाय के लिए नए आदर्श प्रस्तुत करता रहेगा और इस यात्रा में हमारे मतदाता तथा निर्वाचन आयोग, भागीदारी और उत्कृष्टता के नए प्रतिमान स्थापित करते रहेंगे। इसी विश्वास के साथ, मैं भारत के जीवंत लोकतन्त्र के उज्ज्वल भविष्य की मंगल-कामना करती हूं और अपनी वाणी को विराम देती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!