भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह – 2023 में सम्बोधन
नई दिल्ली : 14.12.2023
डाउनलोड : भाषण (हिन्दी, 115.74 किलोबाइट)
आज ऊर्जा संरक्षण दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। मैं आज पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी ऊर्जा संरक्षकों और energy efficiency बढ़ाने के लिए नवाचार और नवीनतम technology का प्रयोग करने वाले पुरस्कार विजेताओं को बधाई देती हूँ। मुझे विश्वास है कि आप सब द्वारा ऊर्जा संरक्षण और sustainable living की दिशा में किए गए कार्य अन्य लोगों और संस्थाओं को प्रेरित करेंगे। मैं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता के तहत, चित्रकारी के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण के महत्व को प्रदर्शित करने वाले सभी बच्चों की सराहना करती हूँ और उन्हें बहुत-बहुत बधाई देती हूं।
सभी लोगों का सुख और स्वास्थ्य, प्रकृति के संरक्षण और अच्छे स्वास्थ्य में निहित है। अगर हम उपलब्ध संसाधनों का optimal utilization करते हैं तो प्रकृति पर और धरती माता पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा और सभी की ऊर्जा संबंधी और अन्य जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसके साथ ही सभी stakeholders को energy efficiency और innovation को बढ़ावा देना होगा। नवीनतम technologies का उपयोग करके ऊर्जा की बचत के उपायों का प्रचार-प्रसार करना होगा और उन्हें बड़े पैमाने पर इस्तेमाल में भी लाना होगा।
देवियो और सज्जनो,
ऊर्जा की बचत ऊर्जा का उत्पादन है - यह संदेश बहुत ही उपयोगी है। इस संदेश को प्रसारित करने के लिए हम सब को मिलकर हर संभव प्रयास करना चाहिए। अगर हम विश्व भर में ऊर्जा स्रोतों के विकास और उपयोग की बात करें तो यह कहा जा सकता है कि अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी में commercial energy का प्रमुख साधन कोयला था और बीसवीं सदी में कोयले के साथ-साथ oil और natural gas का भी उपयोग बढ़ा। वैश्विक ऊर्जा पटल पर भारत न्यायपूर्ण Energy Transition का प्रबल समर्थन करता रहा है तथा इस दिशा में सक्रिय एवं अग्रणी भूमिका निभाई है। कल दुबई में COP 28 की बैठक सम्पन्न हुई है। उस बैठक के declaration में शामिल कई महत्वपूर्ण सुझाव भारत की अध्यक्षता में G20 में लिये गये ऊर्जा सम्बन्धी दिशा-निर्देशों के अनुरूप हैं। इक्कीसवीं सदी में energy efficiency बढ़ाने तथा renewable energy का उपयोग बढ़ाने पर विश्व समुदाय को निरंतर सक्रिय रहना होगा।
हमें, wind, solar तथा small और micro hydro projects से ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना होगा और पूरे देश में ऐसी ऊर्जा का उपयोग भी बढ़ाना होगा। Renewable energy का अधिक प्रयोग करने के साथ-साथ हमें यह भी प्रयास करना होगा कि कम से कम संसाधनों के उपयोग से अधिक ऊर्जा का उत्पादन हो सके यानि - More energy from less resources. इसके साथ ही अपने sustainability efforts में triple bottom line के concept के साथ हमें आगे बढ़ना चाहिए। किसी भी व्यापार से केवल economic benefit ही नहीं बल्कि environmental और social benefit भी होना चाहिए।
देवियो और सज्जनो,
Renewable energy sources ऊर्जा के अक्षय स्रोत हैं। Fossil fuels की खपत कम करने के प्रयास आज पूरे विश्व में हो रहे हैं। Climate change और environmental pollution की चुनौतियों को देखते हुए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न summits और conferences निरंतर आयोजित हो रहे हैं। भारत clean energy के क्षेत्र में सदा एक जिम्मेदार और अग्रणी देश के रूप में सामने आया है। लेकिन भारत यह बात भी समय-समय पर स्पष्ट करता रहा है कि fossil fuel पर निर्भरता कम जरूर हो रही है पर हमारे देश में fossil fuel based energy भी अनिवार्य है। भारत clean coal technologies को बढ़ावा दे रहा है जिससे कि कोयला निकालने और उपयोग करने की प्रक्रियाएं अधिक efficient और environment friendly हों। अभी दुबई में हुए COP-28 सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने LEAD IT 2.0 का शुभारंभ किया है जिसके तहत inclusive and just industry transition पर जोर दिया जाएगा। यह पर्यावरण को लेकर भारत की प्रतिबद्धता का परिणाम ही है कि Climate change performance Index की ranking में हमारा देश दस वर्षों की अवधि में तीसवें से सातवें स्थान पर पहुंच गया है। मैं इस विशेष उपलब्धि के लिए सभी देशवासियों को बधाई देती हूं।
Ensure access to affordable, reliable, sustainable and modern energy for all - यह Sustainable Development Goals के तहत सातवां लक्ष्य है। इसी वर्ष G-20 Development Ministers Meeting में भारत ने सभी SDGs को हासिल करने के उद्देश्य से Seven Year Action Plan जारी किया है। यह विश्व स्तर पर sustainable, inclusive और fair transitions को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। सभी SDGs को हासिल करने में यह action plan बहुत उपयोगी सिद्ध होगा, ऐसा मेरा विश्वास है।
देवियो और सज्जनो,
हाल ही में WHO, World bank और अन्य संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि भारत में 2014 से 2020 की अवधि में परिवहन के लिए renewable energy का उपयोग दो गुना हो गया है। इस Report में अन्य क्षेत्रों में भी स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के भारत के प्रयासों की सराहना की गई है। ऊर्जा के क्षेत्र में उपयोगी नीतियों, कार्यों, प्रयासों और नए उपयोगों के लिए मैं सभी stakeholders, विशेष रूप से केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री और उनकी पूरी टीम को बधाई देती हूँ। लेकिन अभी इस दिशा में सभी stakeholders को काफी आगे जाना है।
भारत के वर्ष 2030 तक Nationally Determined Contributions के लक्ष्य को हासिल करने की यात्रा में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के ‘Green Energy Open Access Rules, 2022’ और Renewable purchase obligations जैसे प्रयासों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। 'LiFE' यानि Lifestyle for Environment के अनुरूप अब भारत ने "Green credit" की पहल की है जो हमारी परंपराओं से जुड़ी पर्यावरण संरक्षण की पद्धतियों को प्रोत्साहित करती है। मैँ आशा करती हूँ यह सभी प्रयास हमारे स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।
देवियो और सज्जनो,
बच्चे देश का भविष्य भी हैं और change agents भी। यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि पाँचवी से दसवीं कक्षाओं के बच्चे इतनी जागरूकता और संवेदनशीलता के साथ ऊर्जा से जुड़ी सुंदर चित्रकला का प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसी प्रतियोगिताओं से बच्चों की कला, कल्पनाशीलता और प्रतिभा को भी बढ़ावा मिलता है। अगर आज स्कूल जाने वाले सभी बच्चे प्रकृति के अनुरूप जीवन- शैली को अपनाना शुरू कर दें तो निश्चित ही हम inclusive और sustainable development के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। मैं ऐसी प्रतियोगिताएं आयोजित करने वाले संस्थानों को बधाई देती हूँ।
अंत में, सभी पुरस्कार विजेताओं को मैं फिर से शुभकामनाएं और बधाई देती हूँ। मैं कामना करती हूँ कि भारत सहित पूरा विश्व समुदाय स्वच्छ ऊर्जा के सक्षम उपयोग की दिशा में और तेजी से आगे बढ़े।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!