भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का MNIT के 18वें दीक्षांत समारोह में संबोधन
जयपुर : 18.09.2024
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आज के दीक्षांत समारोह में उपाधि और पदक पाने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। आपकी इस सफलता में आपकी मेहनत और लगन के साथ-साथ आपलोगों के माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षकों के सहयोग और मार्गदर्शन का भी महत्वपूर्ण योगदान है। मैं उनकी भी सराहना करती हूं। आज मैंने जो 20 स्वर्ण पदक दिए हैं उनमें से 12 पदक हमारी बेटियों ने प्राप्त किए हैं जबकि उपाधि प्राप्त करने वाले कुल विद्यार्थियों में लगभग 29 प्रतिशत ही बेटियां हैं। पदक विजेताओं में बेटियों का यह अनुपात इस बात का प्रमाण है कि अगर उन्हें समान अवसर दिए जाएं तो वे अपेक्षाकृत अधिक उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं। मुझे बताया गया है कि इस वर्ष का सबसे बड़ा placement package एक बेटी को मिला है। मैं आज उपाधि और पदक प्राप्त करने वाली सभी बेटियों को विशेष बधाई देती हूं।
Research और Development के क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी न केवल देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारी बेटियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी आवश्यक है। यह प्रसन्नता का विषय है कि हाल के वर्षों में STEMM में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि हुई है। यह भी एक सराहनीय तथ्य है कि MNIT की faculty में लगभग एक-तिहाई महिलाएं हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में यह अनुपात और भी बेहतर होगा।
देवियो और सज्जनो,
NITs की स्थापना गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। ये संस्थान प्रौद्योगिकी में दक्ष और निपुण मानव संसाधन उपलब्ध कराने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। NITs के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए इन्हें ‘Institutions of National Importance’ का दर्जा दिया गया है।
NIT system में आधे विद्यार्थी गृह राज्य से आते हैं जबकि आधे विद्यार्थी All India rank के आधार पर अन्य राज्यों से आते हैं। इस प्रकार यह system जहां एक ओर स्थानीय प्रतिभा को निखरने का अवसर देता है वहीं दूसरी ओर देश की ‘विविधता में एकता की भावना’ को मजबूत करने का भी काम करता है।
देवियो और सज्जनो,
भारत को research तथा innovation hub बनाने में NIT जैसे तकनीकी संस्थानों की भूमिका अहम है। मुझे बताया गया है कि इस संस्थान में स्थापित Innovation and Incubation Centre ने अब तक अनेक start-up कार्यक्रम आयोजित किए, जिससे बड़ी संख्या में प्रतिभागी लाभान्वित हुए हैं। यहां के Incubation Centre में लगभग 125 start-up पंजीकृत हो चुके हैं जो रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं।
यह प्रसन्नता का विषय है कि MNIT कई विदेशी संस्थाओं के साथ मिल कर शोध परियोजनाओं पर काम कर रहा है। आपके संस्थान द्वारा वर्ष 2023-24 में 35 शोध परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। अब तक इस संस्थान को करीब 50 patents भी मिले हैं। यहां स्थापित Regional Academic Centre for Space उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।
चौथी औद्योगिक क्रांति के इस दौर में चुनौतियों के साथ नए-नए अवसर भी आ रहे हैं। इन अवसरों का लाभ उठा कर भारत को technology के क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र बनाने में हमारे तकनीकी संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। MNIT में Artificial Intelligence और Data Engineering विभाग की स्थापना इस संस्थान द्वारा समय की मांग के अनुरूप अपने को ढ़ालने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
आपके इन प्रयासों के बल पर मेरा विश्वास मजबूत होता है कि MNIT उत्कृष्टता हासिल करने के लिए तत्पर है। यह खुशी की बात है कि आपका संस्थान NIRF की India Rankings 2024 के Engineering category में देश के 50 शीर्षस्थ संस्थाओं में शामिल है। इसके लिए मैं संस्थान के निदेशक, faculty, विद्यार्थियों और पूरे staff को बधाई देती हूं। मैं आशा करती हूं कि आप और अधिक परिश्रम करेंगे तथा MNIT को देश के शीर्ष 10 संस्थाओं में स्थान दिलाएंगे।
MNIT के पास तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में छह दशकों का अनुभव है। यह अनुभव अपेक्षाकृत नए संस्थानों के मार्गदर्शन में सहायक सिद्ध हो सकता है। मुझे बताया गया है कि MNIT पिछले 10 वर्षों से IIIT कोटा का मार्गदर्शन कर रहा है। इसके लिए मैं आपके संस्थान की सराहना करती हूं तथा आशा करती हूं आप कुछ अन्य संस्थानों की भी hand-holding करेंगे।
देवियो और सज्जनो,
आज स्नातक होने वाले विद्यार्थी भले ही इस संस्थान से चले जाएंगे, लेकिन यहां से उनका जुड़ाव सदा बना रहेगा। NITs के पूर्व विद्यार्थी देश-विदेश की प्रतिष्ठित संस्थाओं से जुड़े हैं। सभी NITs को उन विद्यार्थियों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करना चाहिए, उनके अनुभवों एवं संसाधनों से लाभ उठाना चाहिए।
आपका यह campus, platinum rated green campus है। यहां एक मेगा वाट का सोलर पावर प्लांट कार्यरत है। इस वर्ष पहली बार प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों ने इस campus में अपने नाम के पौधे लगाए हैं जिनकी वे अगले चार वर्षों तक देख-भाल भी करेंगे। ये सभी कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। आप सभी को अपने व्यक्तिगत जीवन में भी ऐसे प्रयास करने चाहिए जिनसे पर्यावरण का कम से कम नुकसान हो। आप सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए नई-नई तकनीकें विकसित करने चाहिए।
प्यारे विद्यार्थियों,
आप अब अपने जीवन के एक नए चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं। आपके समक्ष नई-नई चुनौतियां और अवसर होंगे। मुझे विश्वास है कि इस संस्थान में प्राप्त ज्ञान और कौशल के बल पर आप उन चुनौतियों का सामना करने और उभरते अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।
आपके संस्थान का ध्येय वाक्य है “योगः कर्मसु कौशलम्”। इसका मतलब है कर्म की कुशलता ही योग है। भगवद गीता का यह उपदेश आपको प्रेरित करता है कि आप जो भी कार्य करें पूरी दक्षता और निष्ठा से करें। मेरा मानना है कि आपकी महत्वकांक्षाएं राष्ट्र की अपेक्षाओं के अनुरूप होनी चाहिए। आपके कर्मयोगी भाव से समाज और राष्ट्र की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए। जो संस्थान ‘Institution of National Importance’ हो उसके विद्यार्थियों से nation first की भावना से कार्य करने की अपेक्षा स्वाभाविक है।
प्यारे विद्यार्थियों,
हमने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया है। राष्ट्रीय विकास को नेतृत्व प्रदान करना आपका कर्तव्य है। आपको अपने देश को आगे बढ़ाना है। आप अपनी विद्या और दृढ़ संकल्प के बल पर व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ देश के भविष्य को स्वरूप प्रदान करने के लिए आगे बढ़ें। मैं आपको हार्दिक शुभकामनाएं और आशीर्वाद देती हूं।
धन्यवाद,
जय हिंद!
जय भारत!