भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Audit Diwas Celebrations में सम्बोधन
नई दिल्ली : 16.11.2023
डाउनलोड : भाषण (हिन्दी, 111.45 किलोबाइट)
आज आयोजित हो रहे तीसरे Audit दिवस के अवसर पर सबसे पहले मैं भारत में Audit व्यवस्था के लिए कार्यरत लगभग 45 हजार लोगों की टीम के प्रत्येक सदस्य को बधाई देती हूं। आज के ही दिन यानी 16 नवंबर को, वर्ष 1860 में भारत के प्रथम Auditor General को नियुक्त किया गया था। इस तरह देश की वर्तमान audit व्यवस्था के पीछे एक 160 वर्षों से भी लंबी अवधि की विरासत विद्यमान है।
C&AG के नेतृत्व में सरकार के audit समुदाय ने integrity, governance और system building को मजबूत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके लिए मैं आप सब की और आपके पूर्ववर्ती कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सराहना करती हूं।
आज विश्व-समुदाय में भारत की अग्रणी स्थिति audit के क्षेत्र में भी दिखाई देती है। भारत द्वारा G20 की अध्यक्षता की सर्वत्र सराहना की गई है। विश्व की कुल GDP में G20 देशों का लगभग 85% हिस्सा है। इसलिए G20 देशों में Financial propriety तथा सुशासन को और सुदृढ़ बनाने का विश्व-व्यापी लाभ होगा। भारत द्वारा G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत के C&AG, श्री गिरीश चन्द्र मुर्मु जी ने G20 देशों के Supreme Audit Institutions की अध्यक्षता की। इसके लिए मैं आपको बधाई देती हूं। भारत द्वारा SAI 20 की अध्यक्षता के दौरान, Blue Economy और Responsible Artificial Intelligence के मुद्दों पर ज़ोर दिया जाना, भविष्य के बारे में road-map तैयार करने का अच्छा प्रयास है। अन्य अंतर-राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का C&AG संस्थान अग्रणी भूमिका निभा रहा है। Supreme Audit Institutions का मार्गदर्शन करना भारत के C&AG संस्थान के global leader in public sector auditing बने रहने के vision के सर्वथा अनुरूप है।
External Auditor के रूप में भारत के C&AG द्वारा United Nations से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण संस्थानों का audit किया गया है। अन्य अनेक प्रतिष्ठित अंतर-राष्ट्रीय संस्थान audit के लिए भारत की C&AG की टीम की सेवाएं प्राप्त करते हैं। यह C&AG टीम की विश्व-स्तरीय दक्षता का प्रमाण है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इस टीम द्वारा अनेक देशों को audit के क्षेत्र में सक्षम बनाने के लिए सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
मुझे विश्वास है कि आप सब financial audit, compliance audit तथा performance audit के क्षेत्रों में विश्व की अन्य Supreme Audit Institutions के लिए नए प्रतिमान और आदर्श स्थापित करेंगे।
देवियो और सज्जनो,
जैसा कि सभी जानते हैं, वर्ष 1857 के स्वाधीनता संग्राम के परिणाम-स्वरूप वर्ष 1858 में ब्रिटिश हुकूमत ने East India Company के शासन संबंधी अधिकारों को समाप्त करके भारत की व्यवस्था को सीधे British Crown के अधीन स्थानांतरित कर दिया। तब से लेकर द्वितीय विश्व-युद्ध तक के कालखण्ड के दौरान Colonial Systems को मजबूत बनाने के लिए अनेक कानून और संस्थान बनाए गए। आज हम स्वाधीन भारत की विकास यात्रा के अमृत काल से गुजर रहे हैं। इस दौर में colonial mind-set से बाहर आकर समता-मूलक और लोकतान्त्रिक सोच के साथ आगे बढ़ने को एक राष्ट्रीय प्राथमिकता का दर्जा दिया गया है। मेरा मानना है कि परंपराओं और व्यवस्थाओं में जो कुछ उपयोगी है उसे हम जारी रखें तथा जो कुछ समता, लोकतन्त्र तथा त्वरित विकास के अनुरूप नहीं है उसे छोड़ दें या सुधारें।
हमारे संविधान निर्माताओं ने सुशासन और राष्ट्र-निर्माण के हित में Comptroller and Auditor-General of India को विशेष अधिकार और दर्जा प्रदान किया। यह अधिकार संसदीय प्रणाली के तहत प्रदान किया गया। इस संदर्भ में डॉक्टर बाबासाहब आंबेडकर के एक महत्वपूर्ण वक्तव्य का अक्सर उल्लेख किया जाता है। C&AG के महत्व के विषय में बाबासाहब ने कहा था:
“I am of the opinion that this dignitary or officer is probably the most important officer in the Constitution of India. He is the one man who is going to see that the expenses voted by Parliament are not exceeded, or varied, from what has been laid down by Parliament.”
बाबासाहब के इस वक्तव्य में यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि संसद का निर्णय सर्वोपरि है। संसद का निर्णय, जनता की आकांक्षाओं को परिलक्षित करता है। आज हमारे देशवासी वर्ष 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं। C&AG सहित, देश के सभी महत्वपूर्ण संस्थानों और समुदायों को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान देना है।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि C&AG द्वारा Centre for Data Management and Analytics की स्थापना सहित अनेक ऐसे कदम उठाए हैं जिनमें भविष्य के अनुरूप digital technology तथा अन्य आधुनिक पद्धतियों का उपयोग किया जा रहा है। भविष्य के प्रति यह सजगता उपयोगी सिद्ध होगी।
देवियो और सज्जनो,
वर्ष 1949 में अंगीकृत किए गए हमारे संविधान के मूल अंग्रेजी पाठ में Comptroller and Auditor-General of India तथा अधिकृत हिन्दी अनुवाद में ‘भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक’ पदनाम दिया गया है। लेकिन आज C&AG की पूरी टीम से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसे नियंत्रक और परीक्षक के रूप में योगदान दें जो देश की विकास यात्रा में सहयात्री भी हो तथा मार्गदर्शक भी हो। निकट भविष्य में भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनाने में आप सब की विशेष भूमिका रहेगी।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा से युक्त आज की बाजार व्यवस्था का प्रभाव सभी संस्थानों एवं उद्यमों के लिए प्रासंगिक है। नैतिकता पर आधारित प्रतिस्पर्धा की क्षमता देश के सभी उद्यमों एवं कार्यकलापों में निरंतर बढ़नी चाहिए। Financial propriety तथा legality सुनिश्चित करते हुए accelerated growth and development के राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आने वाले अवरोधों को दूर करना, C&AG सहित, सुशासन के लिए जिम्मेदार प्रत्येक संस्था एवं व्यक्ति के प्रभावी योगदान की कसौटी है।
मैं चाहूंगी कि auditor को आलोचक नहीं बल्कि सुशासन का सूत्रधार समझा जाए; ऐसा मार्गदर्शक समझा जाए जिसकी scrutiny से सही राह पर चलने की सीख मिलती है।
मुझे विश्वास है कि भारत की नई प्रतिष्ठा, नई आकांक्षाओं और नए लक्ष्यों के अनुरूप C&AG की टीम सदैव तत्पर रहेगी तथा नैतिकता-पूर्ण त्वरित विकास को बल प्रदान करेगी। मैं आप सब के स्वर्णिम भविष्य की मंगलकामना करती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!