भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय विदेश सेवा 2022 बैच के प्रोबेशनर्स द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन।

राष्ट्रपति भवन : 01.08.2023

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय विदेश सेवा 2022 बैच के प्रोबेशनर्स द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन।(हिन्दी, 79.31 किलोबाइट)

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA, SMT. DROUPADI MURMU ON THE OCCASION OF CALL ON BY THE PROBATIONERS OF INDIAN FOREIGN SERVICE 2022 BATCH

मैं, राष्ट्रपति भवन में आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूं। सकारात्मक ऊर्जा और नए विचारों से भरे युवाओं के साथ बातचीत करके मुझे हमेशा खुशी होती है।

मैं, आप सभी को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने पर बधाई देती हूं। विदेश में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना बड़े सौभाग्य की बात है। हालाँकि, इस विशेषाधिकार के लिए आपको गर्व, समर्पण और विनम्रता के साथ लोगों और राष्ट्र की सेवा करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।

मुझे यह देखकर खुशी हुई कि युवा भारतीय राजनयिकों का यह समूह भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है, और विदेश सेवा में महिला-पुरुष अनुपात में सुधार को भी दर्शाता है। यह सेवा और हमारे राष्ट्र के लिए अच्छा संकेत है।

प्यारे अधिकारियो,

आपके गहरे प्रशिक्षण अनुभव के बारे में सुनकर अच्छा लगा। आपने न केवल यह सीखा है कि हमारे राष्ट्रीय हित बाहरी दुनिया से कैसे जुड़े हुए हैं, बल्कि आपने भारत के लाभ के लिए वैश्विक एजेंडे को आकार देने के लिए आवश्यक साधन और कौशल की भी जानकारी प्राप्त की है।

भारतीय राजनयिक बनने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भारत की भूमिका और प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है - वैश्विक विकास के संचालक के रूप में भी और वैश्विक व्यवस्था में एक मजबूत आवाज के रूप में भी।

आज, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मुश्किल वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है: चाहे वह सतत विकास हो, जलवायु परिवर्तन हो, साइबर सुरक्षा हो, आपदाओं से निपटना हो या उग्रवाद और आतंकवाद से मुकाबला करना हो।

आप जैसे युवा राजनयिकों के लिए, यह नई चुनौतियों के साथ-साथ अपूर्व अवसर भी है।

प्यारे अधिकारियो,

भारत की प्रोफ़ाइल बढ़ रही है, इसलिए आपको न केवल अपने पारंपरिक कर्तव्यों को पूरा करना होगा, बल्कि देश के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक हितों को पूरा करने के लिए नई जिम्मेदारियाँ भी निभानी होंगी। इसमें नई प्रौद्योगिकी साझेदारी का पता लगाना, भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए बाजार बनाए रखना, मानवीय सहायता प्रदान करना और हमारे प्रवासी भारतवंशियों को सहायता प्रदान करना शामिल हो सकता है। आप सब को बहुमुखी और व्यवस्थानुसार परिवर्तनीय होना होगा, पूरी जानकारी रखनी होगी और कई भूमिकाएँ निभाना सीखना होगा।

अब जबकि आप सब इन बड़ी जिम्मेदारियों को निभाने की तैयारी कर रहे हैं, मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि आप कुछ बातों को हमेशा ध्यान में रखें:

सबसे पहले, विदेश में आपके सभी प्रयासों और गतिविधियों का अंतिम उद्देश्य अपने देश में वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना होना चाहिए। आपको इस उद्देश्य को तब भी नहीं भूलना चाहिए जब आप दुनिया भर में नई तकनीक, नए बाज़ार, नए संसाधन आपूर्तिकर्ता और नए रणनीतिक साझेदारों की तलाश कर रहे हों। भारत की प्रगति और समृद्धि में आपकी भूमिका और योगदान उतना ही जरूरी है जितना कि सिविल सेवा की अन्य शाखाओं में आपके सहयोगियों का, और इस बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपको उनके साथ मिलकर काम करना है।

दूसरा, आप सब को दुनिया भर में 33 मिलियन की बड़ी संख्या के भारतवंशियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को सावधानीपूर्वक विकसित करना और बढ़ावा देना होगा। मैंने स्वयं विदेश में भारतीय मूल के हमारे भाइयों और बहनों की ऊर्जा और प्रतिबद्धता देखी है – आप सब को इसका उपयोग हमारे राष्ट्र की भलाई के लिए और उनके निवास वाले देशों के साथ हमारे संबंधों को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए।

तीसरा, यह हमेशा याद रखें कि विदेशों में भारतीय नागरिकों के लिए, भारतीय मिशन घर से दूर उनका घर हैं। कांसुलर सेवाओं और सामुदायिक आउटरीच में संवेदनशीलता और मानवीयता से काम लिया जाना चाहिए। मैं, आपसे आग्रह करूंगी कि आप नियमित रूप से हमारे समुदाय के सदस्यों से मिलें और उनके कल्याण का ध्यान रखें। संकट के समय में जिनका कोई नहीं है आप सबको ही उनकी मदद करनी होती है।

वंदे भारत मिशन, ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन कावेरी के दौरान हमारे राजनयिकों ने विदेशों में हमारे हजारों राष्ट्रिकों को भारत में उनके घरों पर वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत की है उनके यह अनुकरणीय प्रयास थे।

प्यारे अधिकारियो,

आपको मानवीय सहायता, आपदा और महामारी राहत में प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता (रिसपोडर्स) के रूप में भारत द्वारा निभाई जा रही भूमिका को भी जारी रखनी है- ये सभी प्रयास आज पूरी दुनिया में भारत द्वारा हासिल अपार सद्भावना और सम्मान में योगदान करते हैं।

आप में से कई अधिकारी पहले से ही भारत के G20 की अध्यक्षता तक होने वाले कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। आपको इतने महत्वपूर्ण मेगा-इवेंट के आयोजन का प्रत्यक्ष अनुभव मिल रहा है। हमारी G20 अध्यक्षता अद्वितीय है, क्योंकि भारत इस मंच का उपयोग ग्लोबल साउथ के सरोकारों और प्राथमिकताओं को सामने लाने के लिए कर रहा है। मैं, आप सब को एक यादगार और सफल जी20 लीडर्स शिखर सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं देती हूं।

प्यारे अधिकारियो,

आप एक ऐसी प्रतिष्ठित सेवा में हैं, जिसने हमें कई सम्मान दिलाए हैं। आप सब हमारे द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। मेरा विश्वास है कि आप सब देश की विकास यात्रा में समर्पण और निष्ठा के साथ अपना योगदान देंगे। इस यात्रा में, उन लोगों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के प्रति हमेशा सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील रहें जिनकी आप सेवा करते हैं – विशेषकर वंचित लोगों की।

अंत में, मैं आप सब के भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं। आप जहां भी सेवाएँ दें अपने देश का नाम ऊंचा रखें और भारत की गौरवशाली परंपराओं को जीवित रखें।

धन्यवाद!  
जय हिन्द!  
जय भारत!  

 

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