भारत की माननीया राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्रीय लेखा परीक्षा और लेखा अकादमी, शिमला में वर्ष 2021 और 2022 बैच के आईएएएस प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन।
शिमला : 19.04.2023
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राष्ट्रीय लेखापरीक्षा और लेखा अकादमी में आपके बीच आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। आपकी संस्था देश के वित्तीय सरोकारों के प्रहरी तैयार करती है। आप अपने दायरे में आने वाले संस्थानों के अच्छे वित्तीय प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार हैं। मैं आप सभी को सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने और प्रतिष्ठित सेवा में जगह बनाने के लिए बधाई देती हूं।
यह आपके लिए गर्व की बात है कि आपको नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) और भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के अधिकारियों के रूप में जवाबदेही और पारदर्शिता के सिद्धांतों को लागू करने का अवसर प्राप्त हुआ है। सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था का कार्य केवल निरीक्षण करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि बेहतर नीति निर्माण के लिए आवश्यक इनपुट प्रदान करने का भी है। सीएजी, भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग और अपने सक्षम अधिकारियों के माध्यम से इन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कार्य कर रहा है। आप सबका यह कर्तव्य है कि आप संविधान के आदर्शों को बनाए रखें और राष्ट्र निर्माण के प्रति सच्चाई और प्रतिबद्धता के साथ काम करें ।
प्रिय अधिकारियों,
मुझे बताया गया है कि नेशनल एकेडमी ऑफ ऑडिट एंड अकाउंट्स भारत, भूटान और मालदीव के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है और न केवल देश के भीतर बल्कि हमारे पड़ोसी मित्र में भी जवाबदेही और व्यावसायिकता के गुण प्रदान कर रहा है। मुझे विश्वास है कि जैसा व्यापक प्रशिक्षण आपने प्राप्त किया है, उसने आपके युवा मस्तिष्क को आपके पेशेवर क्षेत्र में सामने आने वाली जिम्मेदारियों और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया है।
हमारे सार्वजनिक संसाधनों के उपयोग के बारे में वित्तीय रिपोर्टिंग, उत्तरदायित्व, और शासन के अंगों को मजबूती प्रदान करने में एकरूपता लाने के लिए भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा की देश भर में व्यापक रूप से फैली हुई है। आपकी सेवा केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को उनके लेखा और लेखापरीक्षा इनपुट में सहायता करती है जो समय- समय पर होने वाले परिवर्तन के समाधानकर्ता और सार्वजनिक नीति निर्माण के संकेत प्रदान करने का कार्य करती है।
ऑडिट प्रक्रिया के डिजिटलीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकर मुझे प्रसन्नता हुई है। हाल ही में शुरू की गई एक भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग एक प्रणाली कई भाषाओं वाली एक वेब-सक्षम आईटी एप्लिकेशन और एक मोबाइल ऐप डिजिटल इंडिया की दृष्टि के अनुरूप एक प्रशंसनीय पहल है। पारदर्शिता और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए ब्लॉकचेन, डेटा एनालिटिक्स, वर्चुअल ऑडिट रूम जैसी तकनीकों का व्यापक रूप से उपयोग किया किया जाना चाहिए। लेकिन, प्रौद्योगिकी हाथ से कार्य करने की आवश्यकता का स्थान नहीं ले सकती है और लिया भी नहीं जाना चाहिए। आप, युवा अधिकारियों को निर्णय लेने और नीतियों को लागू करने के दौरान राष्ट्र और उसके नागरिकों से संबंधित मुद्दों के संबंध में मानववादी दृष्टिकोण और संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए।
प्रिय युवा अधिकारियों,
मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई कि यहां उपस्थित अधिकारियों में महिला अधिकारियों की संख्या लगभग 45 प्रतिशत है। मुझे यह भी बताया गया है कि आप देश के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं और विविध शैक्षिक पृष्ठभूमि से हैं। मुझे विश्वास है कि इस प्रतिष्ठित संस्थान में प्रशिक्षण के दौरान आपके द्वारा प्राप्त कौशल आपकी विविध शैक्षिक पृष्ठभूमि के साथ मिलकर आपको अधिक समझ और प्रभावकारिता के साथ लेखाकार, लेखा परीक्षक और सलाहकार के रूप में कार्य करने में मदद देगा। मैं, आपसे शासन प्रणाली में सुधार और दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में रचनात्मक समीक्षा और समालोचनात्मक सोच के माध्यम से सकारात्मक योगदान देने का आग्रह करती हूं।
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा के अधिकारी वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, खाद्य और कृषि संगठन, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अनेक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय और बहुपक्षीय संगठनों में बाहरी लेखा परीक्षकों के रूप में कार्यरत हैं और उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की लेखा परीक्षा में विश्व स्तर पर विश्वसनीयता हासिल की है। मुझे विश्वास है कि युवा अधिकारी के रूप में आप सब इस वैश्विक उपलब्धि से प्रेरणा लेंगे और सार्वजनिक संसाधनों पर स्वतंत्र और विश्वसनीय सहयोग प्रदान करने के विजन को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
प्रिय अधिकारियों,
आपको पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों क्षेत्रों में पूर्ण सच्चाई और ज्ञान उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। लेखापरीक्षा का प्राथमिक उद्देश्य कमियाँ तलाशने की जगह प्रक्रियाओं और नीतियों में सुधार करना है। इसलिए लेखापरीक्षा सिफारिशों को स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ संप्रेषित करना आवश्यक है। इससे नागरिकों को अधिकतम लाभ पहुँचाने के लिए सार्वजनिक सेवाओं और उनके वितरण में सुधार और मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी। आपको हमेशा देश के नागरिकों की भलाई को ध्यान में रखना होगा और अपने दृष्टिकोण में निष्पक्षता रखनी होगी। अमृतकाल में आप सबको भारत की बढ़ोतरी और विकास में बहुत बड़ा योगदान देना है। मैं, आपसे हर समय आपके शारीरिक, मानसिक और पेशेवर स्वास्थ्य को बनाए रखने का भी आग्रह करती हूं ताकि आप अपने व्यक्तिगत और पेशेवर कार्यों को अधिक दक्षता से पूरा कर सकें।
मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य और शानदार करियर की कामना करती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!