वर्ष 2015 के अशोक फैलो द्वारा भेंट के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

नई दिल्ली : 12.02.2016

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sp1. मुझे वर्ष 2015के अशोक फैलो के इस युवा, उद्यमशील समूह से मिलकर प्रसन्नता हुई है। सर्वप्रथम,मैं आपको और ‘अशोक जन नवान्वेषक’के प्रतिनिधियों का राष्ट्रपति भवन में हार्दिक स्वागत करता हूं।

2. ‘अशोक जन नवान्वेषक’सामाजिक उद्यमियों का एक विश्वव्यापी नेटवर्क है जिसमें वे लोग शामिल हैं जिनके पास जरूरी सामाजिक समस्याओं के नवान्वेषी समाधान हैं। यह सामाजिक उद्यमियों को परिवर्तन दूत के रूप में विचार और कार्य करने के लिए एक सक्षम मंच उपलब्ध करवाता है। यह गर्व का विषय है कि इस संगठन ने अपनी स्थापना के विगत 35वर्षों के दौरान भारत के चुने गए 380से अधिक फैलो सहित बयासी देशों के तीन हजार से अधिक अशोक फैलो को परामर्श सहयोग दिया है।

3. मुझे बताया गया है कि अशोक अपने फैलो को चुनने के लिए एक कड़ी चयन प्रक्रिया अपनाता है। अभ्यर्थियों और उनके नवान्वेषकों को प्रणाली परिवर्तनकारी विचार,उद्यमशील गुणवत्ता, सर्जनात्मकता,नैतिक संघटन और सामाजिक प्रभाव जैसे मानदंडों को पूरा करना पड़ता है। यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष2015 के अशोक फैलो ने जो यहां उपस्थित है,शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण, स्वास्थ्य देखभाल तथा शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में नवान्वेषी समाधान तैयार किए हैं।

मित्रो,

4. ऐसी बहुत सारी सामाजिक जरूरतें हैं जिन्हें सार्वजनिक,निजी और नागरिक समाज संस्थान पूरी तरह पूरा नहीं कर पाए हैं। इसी प्रकार,लोगों में व्यापक क्षमता है जिसे यदि प्रयोग किया जाए तो सामान्य पुरुषों और महिलाओं की आवश्यकताओं का पूरा किया जा सकता है। विद्यार्थियों,पेशेवरों, जन-साधारण तथा स्थानीय समुदायों के नवान्वेषण बसंत ऋतु की तरह लाखों लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला सकते हैं।

मित्रो,

5. नवान्वेषण की प्रक्रिया ज्ञान को सामाजिक कल्पना और आर्थिक सम्पत्ति में बदल देती है। इससे जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रतिभाओं को समाज के साथ जोड़ने का प्रोत्साहन मिलता है। भारत में नवान्वेषण की दीर्घ परंपरा रही है। समय-समय पर हमारे देशों के सामान्य जन ने अपनी दैनिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए नए समाधान खोजे हैं। नवान्वेषण के प्रयास को प्रभावित करने वाले उत्प्रेरक मूलभूत अस्तित्व से लेकर विकास की प्रेरणा तक बहुत सारे हैं। हमारे समाज के विभिन्न क्षेत्रों के अनेक वर्गों और कई स्तरों पर नवान्वेषी क्षमता का लाभ उठाने के लिए एक उपयुक्त माहौल आवश्यक है।

6. एक ओर नवान्वेषकों के बीच सम्पर्क के लिए एक समावेशी वातावरण का निर्माण तथा दूसरी ओर शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों और बाजार शक्तियां आवश्यक हैं। इस प्रकार के नेटवर्क के निर्माण में सफल देश नवान्वेषण अग्रणी बन गए हैं। शैक्षिक संस्थानों और नवान्वेषकों को एक समावेशी नवान्वेषण प्रणाली के दायरे के अंतर्गत लाने के प्रयास के तौर पर,राष्ट्रपति भवन में एक नवान्वेषण आवास विद्वान कार्यक्रम आरंभ किया गया था। मैं आपको बताना चाहूंगा कि नवान्वेषण विद्वानों के दो बैच,वर्ष2014 में पांच विद्वानों का एक समूह तथा वर्ष2015 में दस विद्वानों का दूसरा समूह,अब तक आए हैं। राष्ट्रपति भवन में अपने प्रवास के दौरान,सम्बद्ध भागीदारों के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए वे परामर्श और संयोजन प्रदान कर रहे हैं।

मित्रो,

7. शैक्षिक संस्थानों की समाज में नवान्वेषण को प्रोत्साहन देने की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। भारत के712 विश्वविद्यालयों तथा 36000से अधिक कॉलेजों के उच्च शिक्षा संस्थानों का विशाल नेटवर्क नवरान्वेषक वातावरण के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। इस प्रक्रिया में उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रेरित करने के लिए,मैं उच्च शिक्षा क्षेत्र के अग्रणियों से अपने इलाके की संस्थाओं और नवान्वेषणों के बीच संयोजन स्थापित करने तथा नवान्वेषण क्लब भी निर्मित करने का आग्रह करता रहा हूं। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि साठ से अधिक केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों में नवान्वेषण क्लब स्थापित किए गए हैं। वे जन सामान्य की अधूरी आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त करने तथा नवान्वेषणों की खोज,प्रसार और सराहना के प्रोत्साहन के लिए एक मंच मुहैया करवाते हैं। एक बार इन अधूरी आवश्यकताओं की जानकारी मिल जाने पर,अध्यापन और अनुसंधान प्रक्रिया उपयुक्त रूप से पुन: उन्मुख की जा सकती है।

8. पहली बार,मार्च 2015 में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय नवाचार प्रतिष्ठान के सहयोग से सप्ताह भर चलने वाला‘नवान्वेषण समारोह’आयोजित किया गया। इसमें बुनियादी नवान्वेषकों द्वारा तैयार की गई नई प्रौद्योगिकियां तथा उत्पादन प्रदर्शित किए गए। समारोह में समावेशी नवान्वेषण तथा नवान्वेषण वित्तपोषण पर वैश्विक गोलमेज बैठकों में विशिष्ट विचारकों,नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों,उद्यमियों और वित्त प्रदाताओं की भागीदारी हुई। दूसरा नवान्वेषण समारोह इस वर्ष मार्च में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाएगा। आप इस समारोह में भाग लेने पर विचार कर सकते हैं। भारत और विदेश के प्रख्यात प्रतिभागियों की उपस्थिति इस समारोह के सभी नवान्वेषकों और प्रतिभागियों को एक विश्व मंच उपलब्ध करवाएगा।

9. इन्हीं शब्दों के साथ,मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। मैं आपके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। अपने स्वप्नों को पूरा करने का प्रयास करें क्योंकि ऐसा करके आप अपने देश और देशवासियों के स्वप्नों को पूरा करेंगे।

धन्यवाद।

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