ताजिकिस्तान के महामहिम राष्ट्रपति श्री इमोमाली राहमोन के सम्मान में आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 17.12.2016
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ताजिकिस्तान गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति,श्री इमोमाली राहमोन,
एक बार पुन: राष्ट्रपति भवन में आपका स्वागत करना अत्यंत प्रसन्नतादायक है। मुझे सितंबर, 2012की आपकी पूर्व यात्रा की मधुर स्मृति है। भारत के राष्ट्रपति के रूप में मेरे पद ग्रहण करने के बाद भारत की राजकीय यात्रा करने वाले आप प्रथम राष्ट्राध्यक्ष थे। हमारे राजनयिक संबंधों की25वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर,आज आपकी यात्रा हमारे राष्ट्रों के बीच स्थायी मैत्री का प्रमाण है।
आप लंबे समय से भारत के घनिष्ठ मित्र रहे हैं। आप सहृदय लोगों के नेता के रूप में आए हैं जिनके साथ प्राचीन काल से हमारे भ्रातृत्व संबंध हैं। महान सिर दरिया और अमु दरिया देश के सबसे प्राचीन निवासी होने के कारण ताजिकों का उपमहाद्वीप के लोगों के साथ घनिष्ठतम सभ्यतागत संबंध रहा है। ताजिकिस्तान वर्तमान भारत के विशाल हिस्से तक फैले हुए कुषाण साम्राज्य का एक भाग भी था।
पूरे इतिहास में, हमारे बीच ज्ञान,विचारों, पंथनिरपेक्ष और धार्मिक परंपराओं का प्रचुर आदान-प्रदान होता रहा है जिनसे हमने अपनी संस्कृतियों और भाषाओं को विलक्षण तरीके से जोड़ा है। महान रूमी,शेख सादी, अमीर खुसरो देहलवी और मिर्जा अब्दुल कादिर बेदिल जैसे कवियों और दार्शनिकों तथा सदरुद्दीन आईनी,रुदाकी और अन्य आधुनिक विद्वानों का हमारे दोनों देशों में समान रूप से आदर किया जाता है।
1991 में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरने पर भारत ताजिकिस्तान को मान्यता देने वाले पहले देशों में से था। तभी से,हमारा सहयोग दृढ़ता और मजबूती से बढ़ा है। हम अपने संबंध के प्रति आपकी व्यक्तिगत वचनबद्धता को महत्त्वपूर्ण मानते हैं जिसने इसे एक सुदृढ़ बहुआयामी कार्यनीतिक साझीदारी बनाने में अत्यधिक योगदान दिया है।
हमारे आर्थिक सहयोग में अत्यधिक संभावना है। हम दोनों अवसरंचना और उद्योग,व्यापार और परिवहन, ऊर्जा और क्षमता निर्माण सहित अनेक क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करना चाहते हैं। भारत,समुद्री परिवहन, सड़क और रेल द्वारा ताजिकिस्तान और अन्य मध्य एशियाई देशों के साथ और अधिक संपर्क निर्मित करने के लिए अपने मित्रों और पड़ोसियों के साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में हमारे घनिष्ठ सहयोग की सराहना करता है। हमारे बहुत से वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर एक समान विचार हैं। भारत,संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए अपनी उपयुक्त दावेदारी तथा संघाई सहयोग संगठन में अपनी सदस्यता को ताजिकिस्तान के समर्थन के प्रति आभारी है।
हमारे क्षेत्र में शांति और स्थिरता की साझी संकल्पना वाले पड़ोसियों के रूप में,हम दोनों अपनी साझी चिंताओं के प्रभावी समाधान के लिए अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ बनाना चाहते हैं। विश्व और विशेषकर हमारा क्षेत्र आज आतंकवाद के बढ़ते खतरे का सामना कर रहा है। भारत और ताजिकिस्तान दोनों सभी रूपों और अभिव्यक्तियों वाले इस खतरे के विरुद्ध हैं। पंथनिरपेक्ष और बहुलवादी समाज के रूप में हमारी जनता शांति से रहने की इच्छुक है। हमारे लिए,हमारे राष्ट्रों का विकास और प्रगति सबसे महत्त्वपूर्ण है।
हम अफगान नेतृत्व और अफगान नियंत्रण में शांति प्रक्रिया के माध्यम से इसकी जनता के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को साकार करने के लिए हमारे परस्पर मित्र और पड़ोसी अफगानिस्तान की सहायता करने के लिए भी वचनबद्ध हैं। मुझे बहुत आशा है कि हमारा वर्तमान विचार-विमर्श और घनिष्ठ समन्वय इन उद्देश्यों को पूर्ण करने में सफल रहेगा।
सरकार के साथ विचार-विमर्श तथा संपन्न हुए समझौते नि:संदेह आने वाले दिनों में हमारे सहयोग की कार्यसूची निर्धारित करेंगे। पूर्व में हमारे संयुक्त प्रयासों के परिणाम पर संतुष्टि के साथ विचार करने पर,हमें भविष्य में और अधिक सफलता का विश्वास है।
महामहिम, इन्हीं शब्दों के साथ,मैं एक बार फिर आपका स्वागत करता हूं। मैं आपको और आपके महत्त्वपूर्ण शिष्टमंडल को भारत की सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
देवियो और सज्जनो, आइए हम सब मिलकर:—
- ताजिकिस्तान गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति,श्री इमोमाली राहमोन की कुशलता और खुशहाली;
- ताजिकिस्तान की मित्र जनता की निरंतर प्रगति और समृद्धि;तथा
- हमारे दोनों देशों के बीच स्थायी मैत्री और सहयोग की कामना करते हैं।