समारोहिक स्वागत के तदुपरांत प्रेस और शिष्टमंडल के लिए भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का उद्बोधन

येरुसलम, इज़राइल : 14.10.2015

1. मैं आज यहां आकर बहुत प्रसन्न हूं। यह भारत के राष्ट्रपति की इज़राइल की प्रथम ऐतिहासिक राजकीय यात्रा है। मैं राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन और इज़राइल की जनता को मेरे और मेरे शिष्टमंडल के हार्दिक स्वागत और शानदार आतिथ्य के लिए धन्यवाद करता हूं।

2. मेरे यहां पहुंचते ही मैं याद वार्शेम गया और वहां स्मारक पर सभी पुरुषों,महिलाओं और बच्चों की स्मृति में प्रार्थना की।

3. मेरे साथ माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री,श्री थावरचंद गहलोत और भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि भी आए हैं। प्रख्यात शिक्षाविदों का समूह भी मेरे साथ आया है।

4. मैं इज़राइल के महामहिम राष्ट्रपति,प्रधान मंत्री और अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ विचार-विमर्श करने के लिए उत्सुक हूं। हम साझे हितों के अनेक प्रकार के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। मेरे शिष्ट मंडल के मेरे अधिकारी और वरिष्ठ शिक्षाविद हमारी द्विपक्षीय कार्यसूची को आगे बढ़ाने के लिए अपने समकक्षों से मिलेंगे और सहयोग और साझीदारी के नए रास्ते खोजेंगे। मैं महामहिम,विपक्ष के माननीय नेता,श्री इस्साक हरज़ोग से मिलूंगा और मैं नेसेट में जाने के लिए भी उत्सुक हूं।

5. भारत इज़राइल के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्त्व देता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत और इज़राइल के संबंधों में काफी प्रगति हुई है। हम रक्षा और कृषि से लेकर विज्ञान,अनुसंधान और नवान्वेषण तक अनेक क्षेत्रों में सहयोग और कार्य कर रहे हैं। हम पूरकताओं के ऐसे नए क्षेत्रों की भी खोज और पहचान कर रहे हैं जिनमें महत्त्वपूर्ण क्षमता को साकार किया जा सके। हम इस बात से सहमत हैं कि परस्पर लाभकारी सहयोग के प्रचुर अवसर हैं। एशिया और विश्व के दो अग्रणी ज्ञान सम्पन्न अर्थव्यवस्थाओं के रूप में,भारत और इज़राइल की बहुत सी खूबियां हैं और एक दूसरे के अनुभव से बहुत कुछ सीखना है।

6. राष्ट्रपति रिवलिन,प्रधानमंत्री,बेंजामिन नेतान्याहू और मैं इस अवसर पर अनेक वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा करेंगे जो वर्तमान में हम दोनों देशों के समक्ष हैं जिनमें आतंकवाद और उग्रवाद का बढ़ता खतरा,जलवायु परिवर्तन के संबंध में हमारी समान चिंता और वैश्विक शासन ढांचे में सुधार की तत्काल आवश्यकता शामिल हैं। हाल में हुई हिंसा से हम व्यथित हैं। भारत आतंकवाद की निंदा करता है। हमने सदैव सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया है। मैं इस क्षेत्र में हाल के घटनाक्रम के संबंध में इजराइली नेतृत्व का आकलन करना चाहूंगा जिसने समग्र विश्व में चिंता पैदा कर दी है और जिसका भारत पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

7. मेरी यात्रा का आशय हमारे दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करना तथा हमारी मित्रता,परस्पर विश्वास और समझ को बढ़ाना है। भारत हमारे अपने-अपने देशों के लोगों की प्रगति और विश्व के इस भू-भाग में शांति के लिए इज़राइल के साथ अपने घनिष्ठ सहयोग को बढ़ाने की उम्मीद करता है।

धन्यवाद।

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