फियो स्वर्ण जयंती और फियो निर्यात श्री एवं निर्यात बंधु पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
विज्ञान भवन, नई दिल्ली : 04.05.2016
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मैं इस संध्या पर भारतीय निर्यात संगठन परिसंघ (फियो) की स्वर्ण जयंती के अवसर पर यहां आकर बहुत प्रसन्न हूं।
2. भारत का सकल घरेलू उत्पाद विकास 7.6 प्रतिशत है तथा इसके आने वाले वर्षों में7.7 और 7.9प्रतिशत होने की संभावना हैं। हम नुकसान में नहीं हैं क्योंकि भारत को वर्तमान में विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से सबसे अधिक विकास दर हासिल है। इसलिए वृद्धि गति निश्चित रूप से मजबूत सकारात्मक संकेत है। अनेक अन्य मैक्रो-आर्थिक मापक स्पष्ट रूप से हमारी अर्थव्यवस्था को प्रदर्शित करते हैं। जैसे कि खाद्य महंगाई वृहत रूप से पर्याप्त पूर्ति प्रबंधन में निहित है। कमजोर वैश्विक और घरेलू मांग के कारण दबाव में औद्योगिक क्षेत्र इस वर्ष फरवरी में2 प्रतिशत वृद्धि से वसूली के कुछ संकेत दर्शा रहे हैं। सरकार स्वस्थ वित्तीय प्रबंधन के प्रति मजबूती से कटिबद्ध हैं। वर्ष2015-16 के लिए वित्तीय घाटा 3.9 प्रतिशत के बजटीय स्तर पर बना रहा। वर्ष2016-17 के लिए 3.5प्रतिशत के लक्ष्य से हम वित्तीय समेकन हासिल करने के लिए नियम के अनुसार हैं। मुझे विश्वास है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था की विकास क्षमता को पूरी तरह साकार कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि विकास महत्वपूर्ण है पंरतु सभी नागरिकों को लाभान्वित करने के लिए इसे और अधिक सार्थक होना चाहिए। इसलिए यह अत्यावश्यक है कि हमारे घरेलू कारोबार वातावरण में ऐसे सतत,स्थिर और समावेशी विकास को बढ़ावा मिले जिसमें समाज के सभी वर्ग शामिल हों।
3. हमारे भूमंडलीकरण अर्थव्यवस्था को विकास संभावना के प्रति बाह्य क्षेत्र विवेचनात्मक है। वैश्विक आर्थिक गिरावट ने वैश्विक मांग को कम करके भारत के निर्यात को प्रभावित किया है। यह किंचित चिंता का विषय है कि हमारे निर्यात दिसम्बर 2014 से लगातार कम होते जा रहे हैं। वर्ष2015-16 में भारतीय व्यापार निर्यात261 करोड़ अमरीकी डालर रहा,जिससे 15 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। भारतीय सेवा निर्यात अपेक्षाकृत बेहतर थे। शायद इसलिए कि अमरीका जिस राष्ट्र का निर्माण करना है वह ऐसा भारत होना चाहिए जो अपने सभी नागरिकों के लिए एक सम्मानजनक और संतुष्टिपूर्ण जीवन सुनिश्चित करे। इसे एक स्वच्छ भारत,स्वस्थ भारत, डिजीटल रूप से सशक्त भारत,शिक्षित और कुशल भारत तथा एक सहनशील सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण भारत बनना है जहां अंतिम व्यक्ति देश की गाथा का एक हिस्सा समझे। मेरी सरकार इस संबंध में बहुत सी पहल कर रही है।
भारत में निर्माण अभियान से कारोबार करने की आसानी तथा घरेलू उद्योग में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ाकर विनिर्माण तेज होगा। स्टार्ट-अप भारत कार्यक्रम नवान्वेषण को बढ़ावा देगा तथा नए युग की उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करेगा। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन में2022 तक 300मिलियन युवाओं को कुशल बनाने की परिकल्पना की गई है। मुझे विश्वास है कि आयुद्ध निर्माणियों की इन सभी पहलों में भूमिका निभानी है। इन सभी में,आप सभी को एक सार्थक भूमिका निभानी होगी।
रक्षा प्रापण कार्यप्रणाली को स्वदेशी रूप से अभिकल्पित,विकसित और विनिर्माणअस्त्र प्रणालियों और आधारों की पर बल देकर सुचारू किया गया है। रक्षा उत्पादन नीति, 49 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सीमा को बढ़ाने से भारत में निर्माण अवधारणा से बदल गई है। देश की रक्षा तैयारी में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में निजी सरोकारों को प्रोत्साहित किया गया है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहे हैं कि हमारी सशस्त्र सेनाओं को विश्व के सबसे सक्षम और परिष्कृत शस्त्रीकरण से सुसज्जित किया गया है। आयुद्ध निर्माणियों को इन पहलों में बढ़त बनानी चाहिए।
मुझे जानकर प्रसन्नता हुई है कि भारतीय आयुध निर्माणी संगठन ने रक्षा मंत्री द्वारा निर्धारित रुपये13500 करोड़ के लक्ष्य की तुलना में2015-16 में रुपये 14132 करोड़ का अब तक का सबसे अधिक टर्नओवर प्राप्त किया है। बधाई। मेरा विश्वास है कि भारतीय आयुद्ध निर्माणियां2018 तक रुपये 20,000करोड़ का निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर लेंगी।
मुझे जानकर खुशी हुई है कि भारत में निर्माण आयुद्ध निर्माणियां बोर्ड द्वारा पूरी भावना के साथ चलाया जा रहा है। आयुद्ध निर्माणियां बोर्ड ने स्वदेशी रूप से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण धनुष155 एमएम×45कैलिबर आर्टिलरी गन सिस्टम विकसित किया है। इसकी मैदानी इलाके में38 किलोमीटर की प्रभावी सीमा है और इसमें उन्नत दिन और रात्रि सीधी गोलाबारी प्रणाली है। आयुद्ध निर्माणियां बोर्ड155 एमएम×52कैलिबर आर्टिलरी गन के फायरिंग परीक्षण में भी सफल हुआ है तथा अगली पीढ़ी के आर्टिलरी प्लेटफॉर्म आरंभ करने में पूर्णतः सक्षम है। आयुद्ध निर्माणी बोर्ड,वास्तव में 155×52कैलिबर गन प्रणालियों में राष्ट्र को आत्मनिर्भर बना सकता है।
मुझे यह जानकर भी प्रसन्नता हुई है कि आयुद्ध निर्माणी बोर्ड ने अनेक नए उत्पाद सफलतापूर्वक विकसित किए हैं जिनमें पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली, 5.56 एमएम संशोधित असाल्ट राइफल तथा 40 एमएम पूर्ण-खंडित युद्धक विमान रोधी आयुद्ध सामग्री प्रमुख रूप से शामिल है। आयुद्ध निर्माणी बोर्ड को भारतीय वायुसेना के लिए कम खतरा क्षेत्र बम भी विकसित किए हैं। नौसेना के लिए आयुद्ध निर्माणी बोर्ड ने आरजीबी-12 और आरजीबी-60रॉकेट को स्वदेशी रूप से तैयार किया है। आयुद्ध निर्माणी बोर्ड के स्मर्च रॉकेट,पिनाका एमके 2 तथा विविध शीर्ष युक्त84 एमएम कार्ल गुस्ताव टैंक रोधी रिकॉयललैस राइफल का नवीनतम रूप विकसित और निर्मित करने की योजनाएं है।
मैं आप सभी से कहना चाहूंगा कि आपके पास अपने ज्ञान को बढ़ाने,अपने कौशल को निखारने तथा विभिन्न अनुभव अर्जित करने के लिए एक आदर्श कार्यस्थल है। इसके बावजूद आपको इस सच्चाई से गर्व और संतोष प्राप्त होगा कि आप ना केवल श्रेष्ठ हथियार और आयुध सामग्री निर्मित करते हैं बल्कि देश की सशस्त्र सेनाओं को मजबूत बना रहे हैं तथा इससे राष्ट्रीय सुरक्षा तैयारियों में भी योगदान दे रहे हैं। यद्यपि अपने प्रबंधकीय और तकनीकी कौशल को आजमाते समय यह कभी ना भूलें कि प्रत्येक नाकाम गोली या हथियार से उस सैनिक का जीवन खतरे में पड़ जाता है जो इस महान राष्ट्र की सुरक्षा और एकता के लिए अपना कर्तव्य निभा रहा है। यह केवल हथियार और युद्ध सामग्री निर्मित करना ही नहीं है बल्कि समय पर सुपुर्दगी सुनिश्चित करते हुए तथा हमारी सशस्त्र सेनाओं,अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों के हाथ मजबूत बनाते हुए बेहतर उत्पाद प्रदान करना भी है।
वर्तमान में निरंतर बदलते वातावरण में,आयुद्ध निर्माणी बोर्ड को समय के साथ प्रतिस्पर्द्धात्मक और प्रासंगिक होने के लिए स्वयं का नवप्रवर्तन करना होगा। आयुद्ध निर्माणी बोर्ड ने अपने समक्ष वर्तमान चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं इसलिए आप युवाधिकारियों को महान चुनौतियों से सामना करवाया जाता है और मुझे विश्वास है कि आप परिवीक्षा प्रशिक्षण के दौरान तकनीकी और प्रबंधकीय योगदान से युक्त प्रतिभावान शैक्षिक जीवनवृत्त के द्वारा इन चुनौतियों को पूरा करने में सक्षम हैं।
कल आपका है। राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्रति आपकी निष्ठा हमारे भावी विकास की दिशा को तय करेगी। अपने सपनों को पूरा करने की यात्रा आरंभ करने के लिए जब आप तैयार हो रहे हैं तो मैं राष्ट्र निर्माण की अपनी छोटी सी जांच सूची आपको बताना चाहूंगा।
हम राष्ट्र निर्माण के लिए काम करते हैं यदिः
-हम उपभोग से ज्यादा उत्पादन करते हैं;
-हम लेने से ज्यादा देते हैं;
-हम आराम करने से ज्यादा काम करते हैं;और
-हम बात करने से ज्यादा सोचते हैं।
आपको यह जांच सूची उपयोगी लगेगी।
मैं एक उज्ज्वल भविष्य के लिए आपको शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि आप एक ऐसे समावेशी भारत के निर्माण में योगदान करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे जहां इस महान देश के हर एक नागरिक को अपने जीवन के प्रत्येक पहलू में संतुष्टि प्राप्त होगी।
धन्यवाद।