फिलीस्तीन के महामहिम राष्ट्रपति, श्री महमूद अब्बास के सम्मान में आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 16.05.2017
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फिलीस्तीन के महामहिम राष्ट्रपति, महमूद अब्बास,
विशिष्ट अतिथिगण,
देवियो और सज्जनो,
मैं अत्यंत प्रसन्नता के साथ राष्ट्रपति महोदय आपका और आपके शिष्टमण्डल के विशिष्ट सदस्यों का हार्दिक स्वागत करता हूं।
महामहिम, मुझे अक्तूबर, 2015 की आपके मनोरम देश की अपनी यात्रा की मधुर स्मृति है। मेरी सम्पूर्ण यात्रा के दौरान फिलीस्तीन की मित्र जनता की सद्भावना ने मुझ पर एक स्थाई छाप छोड़ी है। मुझे प्रसन्नता है कि आपकी राजकीय यात्रा ने मुझे एक बार फिर राष्ट्रपति भवन में आपका स्वागत करने तथा आपकी सरकार और जनता के हार्दिक आतिथ्य सत्कार का प्रत्युत्तर देने का अवसर प्रदान किया है।
राष्ट्रपति महोदय,भारत फिलीस्तीन के साथ अपनी चिरस्थायी मैत्री और घनिष्ठ सहयोग को अत्यंत महत्त्व देता है। वर्षों के दौरान हमारा द्विपक्षीय संबंध साझे हित के बहुत से अन्य क्षेत्रों को शामिल करते हुए व्यापक हुआ है। भारत फिलीस्तीन की जनता के विकास लक्ष्यों को पूरा करने में सहायता के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध रहेगा।
महामहिम, फिलीस्तीन की जनता को उनका अपना देश होने की आकांक्षा और स्वयं अपने भविष्य का निर्माता होने के लिए भारत सुदृढ़ सहयोग देता रहा है।1938 में हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने फिलीस्तीन के विभाजन और धर्म के आधार पर राष्ट्र निर्माण की अपने देश की अस्वीकृति व्यक्त की थी।
1947 के बाद,भारत ने संयुक्त राष्ट्र आम सभा में फिलीस्तीन के विभाजन के विरुद्ध मतदान किया।1974 में फिलीस्तीन जनता के एक मात्र और वैध प्रतिनिधि के रूप में फिलिस्तीन मुक्ति संगठन को मान्यता देने वाला भारत प्रथम गैर अरब राष्ट्र था तथा1988 में फिलीस्तीन राष्ट्र को मान्यता देने वालों में से एक था।
हमें उस समय खुशी हुई थी जब संयुक्त राष्ट्र आम सभा में फिलीस्तीन का दर्जा गैर सदस्यीय प्रेक्षक राष्ट्र से बढ़ाने तथा अप्रैल, 2015 में संयुक्त राष्ट्र परिषद में अन्य प्रेक्षक राष्ट्रों के ध्वज के साथ फिलीस्तीन के ध्वज की स्थापना के पक्ष में 29 नवम्बर, 2012को मतदान किया गया।
इन प्रयासों के साथ-साथ भारत ने अरब शांति पहल तथा कुआरटैट रोड मैप के प्रति समर्थन व्यक्त किया है। हमने निरंतर संयुक्त राष्ट्र आम सभा और इसकी सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों के कार्यान्वयन का समर्थन किया है। हमें जनवरी, 2017 में पेरिस में आयोजित मध्य-पूर्व शांति प्रक्रिया सम्मेलन में भाग लेकर प्रसन्नता हुई थी।
अब हमें एक स्वतंत्र और सम्प्रभु फिलीस्तीन राष्ट्र की स्थापना के लिए फिलीस्तीन और इजराइल के बीच वार्ता के पुन: आरम्भ होने की गहरी उम्मीद है। हमारी कामना है कि एक फिलीस्तीन राष्ट्र का निर्माण,जोकि राष्ट्रों के समूह का पूर्ण सदस्य है,महामहिम, आपकी जनता के लिए आपकी स्थायी व्यक्तिगत विरासत बन जाए।
भारत को तकनीकी और वित्तीय सहायता के द्वारा फिलीस्तीन के राष्ट्र निर्माण प्रयास में योगदान करके प्रसन्नता हुई है। मुझे यह जानते हुए खुशी हुई है कि फिलीस्तीन की मेरी राजकीय यात्रा के दौरान घोषित अधिकांश परियोजनाएं श्रेष्ठ प्रगति कर रही हैं। मुझे यह जानकर भी प्रसन्नता हुई है कि 12मिलियन अमरीकी डॉलर के फिलीस्तीन भारत टैक्नो पार्क,जिसकी मेरी यात्रा के दौरान घोषणा की गई थी,का शिलान्यास कर दिया गया है।
राष्ट्रपति महोदय,हमारी दोनों सरकारें एक आधुनिक राष्ट्र की सुदृढ़ नींव के निर्माण के लिए मानव संसाधनों में निवेश की अनिवार्यता से परिचित हैं। मेरी सरकार को भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदान किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में700 से अधिक फिलीस्तीनी नागरिकों की मेजबानी करके प्रसन्नता हुई है।
इसके अतिरिक्त यह संतोष का विषय है कि हमारी सरकारें सुरक्षा,सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, कृषि, शिक्षा,संस्कृति, स्वास्थ्य देखभाल और खेलों के क्षेत्र में हमारे परस्पर सहयोग को घनिष्ठ बनाने पर सहमत हो गई हैं। हमारी सरकारों द्वारा आरंभ किया गया युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम हमारी जनता के बीच आपसी समझ को बढ़ाने के लिए हमारे भावी नेताओं की साझीदारी स्थापित करने में सहायता करेगा।
महामहिम, यह अभूतपूर्व विश्व चुनौतियों का समय है। आतंकवाद की बुराई दुर्भाग्यवश अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष एक सबसे बड़ा खतरा है। भारत मानता है कि आतंकवाद किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं हो सकता। राष्ट्र नीति के साधन के रूप में इसका प्रयोग खतरनाक और निंदनीय है। हमारा विश्वास है कि इस खतरे से प्रभावी रूप से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की घनिष्ठ समन्वय और एकजुट प्रयास आवश्यक हैं।
मुझे विश्वास है कि आपकी राजकीय यात्रा हमारे सहयोग के सभी पहलुओं की मिलकर समीक्षा करने के लिए तथा इसे और बढ़ाने के लिए उठाए जाने वाले अगले कदमों पर निर्णय करने का अवसर होगी। भारत हमारे संयुक्त प्रयासों के परिणामों की उम्मीद करता है।
इन्हीं शब्दों के साथ,राष्ट्रपति महोदय, मैं एक बार पुन: आपका स्वागत करता हूं और भारत की अत्यंत सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
देवियो और सज्जनो,आइए हम सब मिलकर:
- राष्ट्रपति अब्बास के स्वास्थ्य और कुशलता;
- भारत और फिलीस्तीन की स्थायी मैत्री;
- इस क्षेत्र की शांति और फिलीस्तीन राष्ट्र की जनता की निरंतर प्रगति और समृद्धि की कामना करें।