नौसेना प्रमुख द्वारा सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

विशाखापत्तनम : 06.02.2016

डाउनलोड : भाषण नौसेना प्रमुख द्वारा सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण(हिन्दी, 256.65 किलोबाइट)

इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू का आयोजन करते हुए इस जनसमूह को संबोधित करना मेरे लिए एक विशिष्ट सम्मान और अपूर्व सौभाग्य है। विशिष्ट सरकारी अधिकारियों,नौसेना अधिकारियों तथा विश्व के 50देशों के गणमान्यजनों की आज के बैठक विश्व शांति तथा मानवता साझे हित के लिए संगठित और एकजुट होकर कार्य करने की प्रत्येक की सहज आकांक्षा को प्रतिबिंबित करती है।

भारत प्राचीनकाल से एक समुद्रीय राष्ट्र रहा है और सिंधु घाटी के बाद हमारे विश्व के अन्य देशों के साथ व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध थे। हमारे समुद्री यात्री कई शताब्दियों तक विश्व के सुदूर कोनों तक शांति का संदेश लेकर गए। इतिहास हमें बताता है कि भारत का व्यापार और वाणिज्य तथा एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में इसकी मौजूदगी इसके चारों ओर सुरक्षित और भयरहित समुद्रों पर निर्भर है। वास्तव में,यह एक निर्विवाद सत्य है कि सभी राष्ट्रों की स्वतंत्रता और समृद्धि तथा विश्व शांति और अमन समुद्रों और महासागरों की सुरक्षा और स्थिरता पर टिकी हुई है। अविभाज्य समुद्रों की अवधारणा आज एक राजनीतिक,आर्थिक और कार्यनीतिक वास्तविकता बन चुकी है। राष्ट्रों की आर्थिक प्रगति सभी के प्रयोग के लिए खुले सुरक्षित समुद्रों पर निर्भर है। समुद्रों में स्थिरता कायम रखना सभी राष्ट्रों का साझा दायित्व है तथा विश्व समुदाय के साझे लाभ के प्रयासों को मिलाना तथा भावी पीढ़ी के लिए एक बेहतर और अधिक समृद्ध भविष्य निर्मित करना उनका दायित्व है।

विश्व के महासागरों में उभरती हुई समुद्री सुरक्षा चुनौतियों ने नौसेनाओं के दायित्व को बढ़ा दिया है। विशाल जल विस्तार हमारे साझे आर्थिक विकास के राजमार्ग हैं जो दूरस्थ देशों को मैत्री के बंधन से जोड़ते हैं। हमारे साझे वैश्विक राजमार्गों के संरक्षण और सुरक्षा तथा समुद्र में सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष तौर से भारतीय नौसेना समान विचारों वाले समुद्री राष्ट्रों से सदैव सक्रिय रूप से जुड़ी रही है। इस इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में आपके युद्धपोतों,कार्मिकों और प्रतिनिधिमंडलों की उपस्थिति हम ‘समुद्रों के माध्यम से संगठित’को प्रदर्शित करने के हमारे प्रयासों को सही प्रतिबिंबित करती है और हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाती है। इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू2016 विश्व के समुद्रों की सुरक्षा,हिफाजत और स्थिरता बढ़ाने के प्रयास को एकजुट करने के लिए राष्ट्रों को प्रेरित करता है।

मैं एक बार पुन: उन सभी को धन्यवाद करता हूं जो अपने शानदार पोत,विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल के साथ हमारे साथ शामिल हुए हैं तथा इस समारोह को एक ठोस सफलता प्रदान की है। मुझे विश्वास है कि इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू2016 और सभी संबंधित समारोह मैत्री संबंध को और सुदृढ़ बनाने तथा उसके आधार पर,समुद्रों में सद्भावना को बढ़ावा दे सकेंगे।

विश्व के कुछ सर्वोत्कृष्ट श्वेत वर्दीधारी कुशलजनों के बीच बिताए गए इस शानदार दिन,बंगाल की खाड़ी के शांत समुद्र में अनेक राष्ट्रों के लहराते ध्वजों को देखना,सटीक विन्यास के साथ पंक्तिबद्ध तथा पूर्ण लयबद्धता के साथ संचालित शानदार पोत,पनडुब्बी और युद्धक विमान,वाद्य वृंद की संगीत लहरी और इस उत्सव भरी संध्या की स्मृतियां आने वाले अनेक वर्षों तक हमारे साथ रहेंगी। ऐसा प्रतीत होता है कि समूचा विश्व इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू2016 के इस प्रमुख संदेश की घोषणा करता है कि हम सभी‘समुद्रों के माध्यम से संगठित’हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे सभी अतिथि अपने विशाखापत्तनम प्रवास की स्मृतियां संजोकर रखेंगे तथा इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू2016 में अपनी भागीदारी को याद रखेंगे।

मैं इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू की परिकल्पना तथा इस शानदार समारोह को कार्यान्वित करने के लिए भारतीय नौसेना को बधाई देता हूं। वर्तमान इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू का भव्य संचालन हमारे वर्दीधारी पुरुषों और महिलाओं के कार्य कौशल और योग्यता तथा नौसेना के नेतृत्व की सुदृढ़ संकल्पना का प्रमाण है। मैं उन सभी की सराहना करता हूं जिन्होंने इस समारोह के उत्कृष्ठ नियोजन और आयोजन में अनेक महीनों तक अथक कार्य किया है।

मैं यहां उपस्थित प्रत्येक को शांत वायु,समुद्री यात्रा और उनके भावी प्रयासों के सफल होने के लिए शुभकामनाएं देता हूं।


धन्यवाद।

जयहिंद!

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