नामिबिया विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
विंडहोक, नामिबिया : 17.06.2016
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1. मुझे नामिबिया विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज प्रात: आपके बीच में होने में सचमुच गर्व है। मैं शैक्षिक समुदाय,विशेषकर नई पीढ़ी और नामिबिया के भावी नेताओं के बीच होने में विशेष रूप से प्रसन्न हूं।
2. मेरे प्रतिनिधिमंडल में भारतीय प्रधानमंत्री के राज्यमंत्री,डॉ. जितेन्द्र सिंह, लोकसभा निचले सदन के सदस्य,श्री सुरेन्द्रजीत सिंह अहलुवालिया,राज्यसभा, भारतीय संसद के उच्च सदन के सदस्य,श्री मनसुख मंडाविया युवा भारत शामिल हैं। हम आपके लिए हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई लेकर आए हैं। युवा भारत उभरते हुए नामिबिया को विशेषकर आगे बढ़ते हुए युवाओं को शुभकामनाएं देता है।
देवियो और सज्जनो,
3. जब भारत को 1947में स्वतंत्रता मिली थी तो लोगों को ऐसा लगा कि उनकी उपलब्धि तब तक अपूर्ण रहेगी जब तक नामिबिया में लंबे समय से रह रहे उनके भाई और बहन विदेशी शासन की दासता सहन करते रहेंगे। भारत इस देश के लोगों के साथ उनकी स्वतंत्रता आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा था। राजनयिक मिशन स्वैपो आयोजित करने वाले प्रथम देश के रूप में हमें गर्व है। जब आपके लोगों की वीरतापूर्ण संघर्ष को अंतत: सफलता मिली और नामिबिया की मुक्त और स्वतंत्र राज्य सामने आया तो नामिबिया के संस्थापक राष्ट्रपति के रूप में जाने जाने वाले डॉ. सैम निजोमा,ने विश्व के नेता और भारत के एक परम मित्र के रूप में प्रशंसा की। मैं अभी दोपहर में उनसे मिलने जाऊंगा।
देवियो और सज्जनो,
4. मेरी राजकीय यात्रा- 1995से राज्य के प्रमुख के रूप में किसी भारतीय की पहली यात्रा,इस महत्व को रेखांकित करती है कि भारत,नामिबिया और अन्य क्षेत्रों के साथ उसके संबंधों को स्फूर्तिदायक बनाने को महत्व देता है।
5. भारत नामिबिया के साथ साझेदारी के प्रति कटिबद्ध है जैसा कि आपके लोग सरकार के नामिबियाई‘‘विजन 2030’’और ‘‘हारांबी प्रोस्पेरिटी प्लान’’के अपने विकासात्मक लक्ष्यों का अनुसरण करते हैं और राष्ट्रीय आकांक्षाओं की पूर्ति करते हैं।
6. नामिबिया में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन और पर्याप्त खनिज संपदा मौजूद है। पर्यावरण अनुकूल तरीकों से उनको प्रभावी रूप से निष्कर्षण और मूल्य संवर्द्धन से नामिबिया के खनन क्षेत्र के सतत विकास में सहायता मिलेगी। हमारे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्यम इस दिशा में आपके साथ जुड़ने के लिए तैयार हैं। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भारत और नामिबिया के बीच सफल आर्थिक आदान-प्रदान अत्यधिक क्षमता को रेखांकित करता है जिसका दोहन किया जाना है।
7. हमारे द्विपक्षीय वार्ता में हमारी सहायता के लिए प्राथमिकता दिए गए क्षेत्रों में शामिल हैं मानव संसाधन विकास,शिक्षा एव सांस्कृतिक आदान प्रदान। इस संदर्भ में मैं भारत के मेक इन इंडिया,स्टार्ट अप इंडिया और 100 स्मार्ट सिटी जैसे फ्लैगशिप कार्यक्रमों का उल्लेख करना चाहूंगा क्योंकि वे नामिबिया में भी सफल मॉडल साबित हो सकते हैं।
8. अब तक आईटीईसी कार्यक्रम के अंतर्गत भारत में1000 से अधिक नामिबियाई नागरिक प्रशिक्षित हो चुके हैं। भारतीय सरकारी और निजी विशेषज्ञ विभिन्न नीति निर्धारणों में नामिबिया सरकार को सहायता पहुंचाने के लिए तैनात किए गए हैं। मुझे आपको सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि कल राष्ट्रपति जिंगोब के साथ सरकारी विचार-विमर्श के बाद नामिबिया में सूचना प्रौद्योगिकी का एक उत्कृष्टता केंद्र गठित करने के लिए एक कार्यालय ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। यह कार्यालय ज्ञापन नामिबियाई आईसीटी छात्रों और व्यवसायिकों की क्षमता और कौशल स्तर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण रूप से सहायक होगा। हम नामिबियाई सरकार के परामर्श से यथाशीघ्र इस केंद्र की स्थापना करेंगे।
9. अक्तूबर, 2015में नई दिल्ली में तीसरे भारत अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन के समापन पर भारत ने2015 से 2020तक पांच वर्ष की अवधि में अफ्रीकी भागीदारों को उपलब्ध कुल 50,000 छात्रवृत्तियों की घोषणा की गई। अफ्रीका के लिए दस बिलियन अमरीकी डॉलर का ऋण घोषित किया गया जो अफ्रीकी संघ,क्षेत्रीय आर्थिक समुदाय और अलग अलग देशों के साथ सहमत परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समान रूप से पांच वर्ष से अधिक अवधि के लिए था। मेरी सरकार ने अफ्रीका में मानव संसाधन विकास,अवसंरचना और सहायता अनुदान के अंतर्गत लगभग 600मिलियन डॉलर की परियोजना स्वीकृत की है। वर्ष 2008में आईएएफएस-1 के द्वारा अफ्रीकी संघ के साथ जुड़ने की शुरुआत से भारत ने अफ्रीका को40,000 छात्रवृत्तियां दी हैं जिन्होंने भारत में उच्चतर शिक्षा के60 संस्थानों में 300प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए।
10. इसके अतिरिक्त भारत में छ: महीने की अवधि के लिए भारत में अपनी रुचि के अग्रसर अग्रणी अनुसंधान कार्य के लिए नामिबियाई अनुसंधानकर्ताओं के लिए वार्षिक रूप से कम से कम आठ सीवी रमण फैलोशिप स्लॉट्स उपलब्ध हैं। मैं नामिबियाई छात्रों और अनुसंधानकर्ताओं को इस अवसर पर भारत में अनुसंधान और नवाचार में विकास सहयोग के इस अवसर का उपयोग करने का आमंत्रण देता हूं।
देवियो और सज्जनो,
11. भारत देश के विकास के लिए गुणवत्ता शिक्षा और अनुसंधान को उच्च महत्व देता है। लोकतंत्र के राष्ट्रपति के रूप में मैं भारत में उच्च शिक्षा के116 केंद्रीय संस्थाओं से अधिक का कुलाध्यक्ष रहा,मैंने सदैव हमारे छात्रों में जिज्ञासा की भावना भरने और अनुसंधान और नवोन्वेष के प्रति संवर्द्धित प्रतिबद्धता के महत्व पर जोर दिया है। मैं अत्यंत उत्साही,प्रेरित शिक्षकों के पूर्ण रूप् से संचालित एक समूह का समान रूप से विकास करना चाहता हूं जो इन उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता करेगा। मुझे विश्वास है कि ये देश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र को ऊर्जान्वित करने के लिए प्रमुख घटक हैं क्योंकि वे प्रगति और विकास के निर्विवाद वाहक हैं। यद्यपि यह विनिर्माणक क्षेत्र है जो रोजगार उत्पन्न करता है,यह शिक्षा है जो देश को इसकी कमजोरी से ऊपर उठने,न्यायसंगत रूप से मसलों के निपटान और विज्ञान एंव तकनीकी के फ्रंटियर्स को प्रौद्योगिकीय प्रगति और समग्र विकास के पथ पर तीव्रता से बढ़ती है।
12.हमारे दोनों देश भाग्यशाली हैं कि हमारे युवा विचारों और उद्यम के साथ पूरित हो रहे हैं। भारत43,000 स्टार्ट अप के अनुमान सहित आज विश्व में तीसरे सबसे बड़े स्टार्ट अप्स पारितंत्र के रूप में उभर रहा है। नि:संदेह इन स्टार्ट अप के संस्थापकों के72 प्रतिशत 35वर्ष की आयु से कम हैं। उनका साहस प्रभावशाली और अकसर सरल है। व्यवसाय मॉडल-अनविर्य वस्तुओं के वितरण और वहनीय स्वास्थ्य देखभाल से लागत प्रभावी कृषि प्रौद्योगिकी और ऑनलाइन मार्केंटिंग तक हैं। इनके नवोन्वेष हमारी अर्थव्यवस्था- हस्तशिल्प से लेकर शिक्षा और परिवहन तक प्रत्येक क्षेत्र में सकारात्मक तीव्रता लाया है। इन स्टार्ट अप्स के द्वारा उत्पन्न रोजगार समेकित वृद्धि को बनाए रखता है और लाखों नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की क्षमता रखता है। मैं यह उल्लेख कर रहा हूं क्योंकि मुझे विश्वास है कि उनके युवाओं को संचालित करते हुए, अन्य विकासशील अर्थव्यवसायें भी सामाजिक आर्थिक परिवर्तन के लिए उनकी दोहन ना की गई क्षमताओं को चैनलाइज करेंगी।
देवियो और सज्जनो,
13. भारत में आज जलवायु परिवर्तन के प्रभाव,खाद्य और पेयजल की कमी से निपटने और सतत,स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का प्रभावकारी रूप से दोहन करने संबंधी प्रबंध करने के लिए मूल अनुसंधान पर बहुत जोर है। हमारा देश प्रौद्योगिकीय क्रांति के पथ पर है जो अपेक्षानुसार हमारे लोगों को सशक्त करेगा। भारत विश्व का चौथा देश है जिसमें मंगल के अंतरिक्ष मिशन मंगलयान को उपलब्ध किया है- और यह अपने पहले प्रयास में सबसे पहले सफल रहा है और वह भी एक मामूली व्यय पर।
14. भारत की स्वतंत्रता के समय पर भारत की कमजोर कृषि के कारण खाद्यान्न आयात करने की आवश्यकता होती थी। तथापि जल्द ही विज्ञान और सरकारी नीति के बीच उपयुक्त योजना और संवाद,हमारे वैज्ञानिकों की उत्कृष्टता और हमारे किसानों की नि:स्वार्थ कड़ी मेहनत के कारण हमारे देश ने कृषि उत्पादकता में एक क्रांति देखी। एक देश जो खाद्यान का एक निवल आयातक था,आज अपनी विशाल आबादी की पूर्ति के लिए पर्याप्त भोजन पैदा करता है। इस हरित क्रांति के द्वारा हम अपने आप को आत्मनिर्भर- यहां तक कि खाद्यान्न का मुख्य निर्यातक भी बना सके।
15. चिकित्सा,बायोटक्नोलाजी और सूचना प्रौद्योगिकी में भी भारत में एक विशेष क्रांति आई है जिसने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। हमारे मोबाइल फोन की सघनता लगभग74.55 है और अमरीका और चीन के बाद हम इंटरनेट के उपयोग में तीसरे स्थान पर हैं। नैनो- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी,सौर्य ऊर्जा, टीके और औषधि का अविष्कार अन्य क्षेत्र हैं जिनपर भारत वर्तमान में केंद्रित है। मेरी सरकार की एक प्रमुख पहल‘‘इनोवेशन इन साईंस परस्यूट फॉर इंसपायर्ड रिसर्च’’अथवा इंस्पायर है। इस योजना के अंतर्गत 13लाख से अधिक पुरस्कारों को स्वीकृत किया गया है और प्रदर्शन और विशिष्टता के लिए सैकड़ों नवोन्मेषों का चयन किया गया है।
देवियो और सज्जनो,
16. वैज्ञानिक जिज्ञासा,मानव बुद्धि की एक सबसे सृजनकारी आवेगों में से एक है। यह मौलिक प्रश्नों के उत्तर देती है और मानव जाति के अग्रणी होने में प्रमुख भूमिका निभाती है। आधुनिक समाज और राष्ट्र अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास के परिणामों पर निर्मित है। हमारे द्वारा अपनायी गई विज्ञान और प्रौद्योगिकीयां भारत के प्रथम प्रधानमंत्री,श्री जवाहरलाल नेहरू के प्रति आभार है जिन्होंने कहा , ‘भविष्य विज्ञान से और उन लोगों से संबंधित हैं जो विज्ञान से मैत्री करते हैं।’मैं यह बात आपके सामने दोहराता हूं क्योंकि मुझे विश्वास है कि ये शब्द आपके भीतर ज्ञान की अग्नि प्रज्ज्वलित करेंगे।
17. प्रिय छात्रों,मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप आने वाले समय में उस दिन की उम्मीद करते हैं जब आप नामिबिया में नवोन्वेष और प्रौद्योगिकी विकास के प्रकंपित नए क्षेत्र में योगदान देकर गौरवान्वित महसूस करेंगे।
18. मैं यह जानकर अति प्रसन्न हूं कि इस विश्वविद्याल के छात्रों ने नामिबियाई विश्वविद्यालयों के साथ एक बहु अनुशासनात्मक साझेदारी में एक सोलर टैक्सी का पहला प्रोटेटाइप हाल ही में संचालित किया है।
19. मैं आपको आपकी शैक्षिक और अत्यंत उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
20. इन शब्दों के साथ मैं एक बार फिर से मुझे सहक्रियाओं संवाद का यह अवसर देने के लिए धन्यवाद देता हूं। ईश्वर आप पर कृपा करे।
धन्यवाद।