भारत के गणतंत्र दिवस 2016 पर फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद की भारत यात्रा के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का राज-भोज अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 25.01.2016

डाउनलोड : भाषण भारत के गणतंत्र दिवस 2016 पर फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद की भारत यात्रा के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का राज-भोज अभिभाषण(हिन्दी, 445.44 किलोबाइट)

spमहामहिम, राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद,

भारत और फ्रांस के शिष्टमंडलों के विशिष्ट सदस्य,

विशिष्ट अतिथिगण,

देवियो और सज्जनो,

राष्ट्रपति ओलांद, मुझे इस अत्यंत विशेष अवसर पर,जो कई अर्थों में ऐतिहासिक है,पर भारत आगमन पर आपका और आपके शिष्टमंडल के माननीय सदस्यों का स्वागत करते हुए प्रसन्नता हुई है। कल जब आप भारत के67वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे तब फ्रांस ऐसे देश के रूप में इतिहास रचेगा जिसे पांचवीं बार यह सम्मान प्रदान किया गया है। कल परेड में भारतीय सैन्य दस्ते के साथ कदम से कदम मिलाकर आपका विशिष्ट फ्रेंच पैदल सेना दस्ता चलेगा तो वे एक बार पुन: पहली बार इस प्रकार से विदेशी टुकड़ी होने का इतिहास रचेगा। मैं तीन वर्ष पूर्व आपके साथ यहां अपनी बैठक को अत्यंत प्रसन्नता के साथ याद करता हूं और इस बार हमारे गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में पुन: भारत आगमन पर मैं आपका स्वागत करने पर सौभाग्यशाली अनुभव करता हूं।

मेरे लिए, यह निर्माणशील इतिहास ही नहीं,हमारी दोनों सभ्यताओं और हमारे दोनों राष्ट्रों के बीच स्थायी संबंधों का साक्षी है;यह हमारे स्थायी चिरस्थायी और कार्यनीतिक साझीदारियों के प्रति एक सम्मान है। यह हमारे राष्ट्रीय ध्येय वाक्यों‘स्वतंत्रता,समता,बंधुत्व’तथा‘सत्यमेव जयते’के प्रतीक हैं जो मिलकर विश्व को शांति और न्याय के सार्वभौमिक आदर्श प्राप्त करने के लिए पूरी शक्ति से प्र्रेरित करता रहेगा।

महामहिम, देवियो और सज्जनो,

भारत और फ्रांस के बीच मैत्री हमारी जनता के आदर्शों और आकांक्षाओं की गहरी समानता से प्रेरित है। हमारी सभ्यताएं शताब्दियों के दौरान एक-दूसरे से जुड़ी रही हैं। हम ऐसे विश्व में रहने की साझी संकल्पना से बद्ध हैं,जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता, स्वाधीनता और समानता पर निर्मित है,जो बहुलवाद और लोकतंत्र का सम्मान करता है,जो सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की आकांक्षा करता है। हमारे घनिष्ठ चिरस्थायी मैत्री संबंध भावी वर्षों में सुदृढ़ होंगे क्योंकि वे इस समृद्ध,अविचल नींव पर स्थापित हैं।

आज फ्रांस रक्षा, अंतरिक्ष और नागरिक परमाणु सहयोग जैसे कार्यनीतिक क्षेत्रों में भारत का अग्रणी साझीदार है। हमारी रक्षा साझीदारी अनेक दशक पुरानी है। इसलिए मुझे प्रसन्नता है कि रक्षा उत्पादन और विनिर्माण में संयुक्त उद्यमों के माध्यम से ‘भारत में निर्माण’पहल में फ्रांस के निजी उद्यमों की सुदृढ़ भागीदारी से ये सम्बंध और प्रगाढ़ होने जा रहे हैं।

अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारा घनिष्ठ सहयोग अब पांच दशक पुराना है तथा यह हमारी पृथ्वी के संसाधनों के बारे में विश्व की जानकारी,जलवायु परिवर्तन से लड़ने की हमारी क्षमता तथा अंतरिक्ष के अनोखे रहस्यों को जानने में लगातार योगदान दे रहा है। सभी को टिकाऊ और वहनीय ऊर्जा उपलब्ध करवाने के लिए नाभिकीय ऊर्जा प्रयोग हेतु हमारे प्रयास में फ्रांस भी एक प्रमुख साझीदार है।

विज्ञान और अनुसंधान, शिक्षा,संस्कृति और स्वास्थ्य में हमारा सहयोग बढ़ता जा रहा है,मुझे प्रसन्नता है कि फ्रांस सरकार और फ्रांस के उद्योग प्रमुख हमारी महत्वाकांक्षी विकास पहलों,अवसंरचना,स्मार्ट सिटी,स्वच्छ ऊर्जा,रेल और कौशल विकास में भारत के साथ सक्रिय साझीदारी कर रहे हैं।

महामहिम, मुझे प्रसन्नता है कि आपने भारत की अपनी यात्रा चंडीगढ़ से आरंभ की जो प्रतिभावान ली कार्बुसियर का स्मृति स्थल है। कल भारत-फ्रांस पुरातत्व टीम की2.6मिलियन वर्ष पूर्व के ऐतिहासिक प्रमाणों की खोज का अनावरण तथा मंगल ग्रह की खोज में प्रस्तावित भारत-फ्रांस साझीदारी इतिहास की गहराइयों के नाप से लेकर नक्षत्रों और गमन की खोज में सहयोग,हमारी साझीदारी के ये अद्भुत विस्तार साथ-साथ हैं।

राष्ट्रपति महोदय, चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है,यह एक ऐसा प्रदेश है जहां एक शताब्दी से अधिक समय पूर्व हजारों भारतीय सैनिक प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस युद्ध में लड़े और उनमें से लगभग दस हजार आज फ्रांस की स्वतंत्रता के लिए जीवन बलिदान करने के बाद फ्रांस की विभिन्न कब्रगाहों में दफन हैं।

हमारे दोनों देशों को तब की भांति अब असहिष्णुता,उग्रवाद और आतंकवाद की शक्तियों से मुक्ति के लिए कृतसंकल्प होकर लड़ना चाहिए। पेरिस और पठानकोट में कायरतापूर्ण आतंकी हमलों ने हमारे जैसे देशों को मानवता और मानव सभ्यता के अस्तित्व के प्रति खतरे का मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल दिया है।

हमें जलवायु परिवर्तन की साझी चुनौती से भी लड़ने की जरूरत है। महामहिम,हम जलवायु पर पेरिस समझौता करने के प्रति आपके नेतृत्व और प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं जिससे भावी पीढ़ियों के लिए धरती की रक्षा के हमारी एकजुट प्रयास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। हमें सतत् जीवनशैलियों के माध्यम से सतत विकास के पथ पर विश्व की प्रगति सुनिश्चित करनी होगी।

महामहिम, हमने नव वर्ष की शुरुआत नूतन आशाओं और स्वप्नों तथा अपने सम्मुख चुनौतियों पर मिलकर विजय प्राप्त करने के संकल्प के साथ की है। हम कठिन दौर में रह रहे हैं जिसमें हिंसा,कट्टरतावाद और असमानता व्याप्त है। परंतु हम उत्कृष्ट नवान्वेषण,महान रचनात्मकता,अद्वितीय वैश्विक संबंधों के युग में भी रह रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आपकी यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंध को नए शिखर पर पहुंचाने तथा सभी के लिए शांति,स्थिरता और समृद्धि के हमारे साझे प्रयास में नई शुरुआत की द्योतक है।

देवियो और सज्जनो, इन्हीं शब्दों के साथ,आइए मिलकर भारत और फ्रांस की जनता के बीच सदैव विद्यमान मैत्री तथा हमारे दोनों के बीच निरंतर घनिष्ठ सहयोग की कामना करें।

देवियो और सज्जनो, आइए हम सब मिलकर:

- महामहिम राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद के अच्छे स्वास्थ्य;

- फ्रांस की मित्र जनता की निरंतर प्रगति,समृद्धि और कुशलता;

- हमारी दोनों जनता और देशों के बीच चिरस्थायी मैत्री की,कामना करें।

वाइव ला फ्रांस और

जय हिंद!

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