अफगानिस्तान इस्लामी गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री मोहम्मद अशरफ गनी के सम्मान में आयोजित राजभोज के अवसर पर माननीय राष्ट्रपति का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 28.04.2015
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महामहिम,
श्री मोहम्मद अशरफ गनी,
अफगानिस्तान इस्लामी गणराज्य के राष्ट्रपति,
विशिष्ट अतिथिगण,
महामहिम, भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर आपका तथा आपके शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों का स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मुझे इस बात की विशेष खुशी है कि आपने राष्ट्रपति भवन में ठहरकर हमें सम्मान प्रदान किया है।
राष्ट्रपति जी,
यद्यपि आप अपने पूर्व दायित्वों के तहत यहां पहले कई बार आ चुके हैं परंतु यह यात्रा खास है। इस बार आप अफगानिस्तान में राष्ट्रीय एकता सरकार के मुखिया के रूप में तथा एक ऐसे गौरवशील राष्ट्र के राष्ट्रपति के रूप में भारत आए हैं जिसके साथ भारत के प्रगाढ़ सांस्कृतिक, धार्मिक तथा सभ्यतागत रिश्तों का लंबा इतिहास है। हमारे लिए यह सदैव गर्व की बात रही है कि भारत अफगानिस्तान का प्रथम कार्यनीतिक साझीदार है। हमें खुशी है कि हमारे दोनों राष्ट्रों के बीच दीर्घकालीन मैत्री के रिश्तों में आबद्ध हमारा द्विपक्षीय सहयोग, अत्यधिक रचनात्मक तथा उपयोगी रहा है।
महामहिम,
हम यह मानते हैं कि भारत और अफगानिस्तान के बीच स्थाई भरोसा तथा आपसी सद्भावना राजनीतिक एवं कार्यनीतिक संबंधों से कहीं आगे है। हमारे साझा इतिहास तथा भूगोल हमारे प्रगाढ़ रिश्तों के विकास में महत्वपूर्ण कारक हैं। इस ऐतिहासिक सच्चाई के चलते अफगानिस्तान के संघर्ष के उपरांत आर्थिक पुनर्निर्माण के प्रयास में इसके साथ सहयोग के लिए भारत में मजबूत तथा निरंतर समर्थन मौजूद रहा है। पिछले चौदह वर्षों के दौरान भारत और अफगानिस्तान ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए बहुत सी परियोजनाएं कारगर ढंग से कार्यान्वित की हैं। 2011 में हमारे दोनों देशों ने हमारे बहुआयामी संवाद तथा सहयोग के लिए सावधानीपूर्वक निर्मित ढांचा प्रदान करने के लिए एक कार्यनीतिक साझीदारी करार पर हस्ताक्षर किए थे। हमें विश्वास है कि अगले कुछ वर्षों में अफगानिस्तान में विभिन्न सेक्टरों तथा इसके सामाजिक और आर्थिक प्रगति के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव दिखाई देंगे। हम तहेदिल से इसकी कामना करते हैं।
महामहिम,
हम अपने अफगानी भाइयों के साथ,राष्ट्र निर्माण तथा समावेशी विकास की अपनी क्षमताओं तथा अनुभव को बांटने में गौरव का अनुभव करते हैं। हम इसके लिए पूर्णत: वचनबद्ध हैं तथा जैसी भी आपको जरूरत होगी उनके प्रयासों में सहयोग प्रदान करने में हमें खुशी होगी। महामहिम,अफगानिस्तान के साथ हमारे संबंध न तो किसी निश्चित तिथि तक हैं और न ही इसकी कोई समय-सीमा है। एक मित्र तथा पड़ोसी के रूप में भारत सदैव अफ़गानिस्तान के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।
हमें इस बात का पूर्ण अहसास है कि अफगानिस्तान की एकता, स्वतंत्रता, सुरक्षा तथा स्थिरता न केवल उसके लिए बल्कि भारत तथा हमारे पूरे पड़ोस में शांति और प्रगति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस उद्देश्य के लिए,अपने निजी सेक्टरों के बीच और अधिक सुदृढ़ व्यवसाय तथा निवेश संबंधों की स्थापना करते हुए आने वाले वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों को अपनी कार्यनीतिक साझीदारी को मजबूत तथा विविधीकृत करने की जरूरत है। राष्ट्रपति जी, मुझे विश्वास है कि इस राजकीय यात्रा के दौरान हमारी सरकार के साथ आपके विचार-विमर्श से आपको हमारे उद्देश्य तथा प्रतिबद्धता का स्पष्ट अनुभव होगा।
महामहिम, इन्हीं शब्दों के साथ मैं एक बार फिर से भारत में और राष्ट्रपति भवन में आपका स्वागत करता हूं तथा आपको और आपके विशिष्ट शिष्टमंडल को आरामदायक प्रवास तथा अत्यंत सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
देवियो और सज्जनो, इन्हीं शब्दों के साथ, आइए हम सब मिलकर:
-महामहिम,अफगानिस्तान इस्लामी गणराज्य के राष्ट्रपति के अच्छे स्वास्थ्य,
- अफगानिस्तान में शांति तथा इसकी जनता की समृद्धि; तथा
- भारत और अफगानिस्तान के बीच स्थाई मैत्री और सहयोग के लिए, कामना करें।
धन्यवाद,