राष्ट्रपति ने भद्राचलम और रामप्पा मंदिरों में तीर्थयात्रा परियोजनाओं की आधारशिला रखी; भद्राचलम में ईएमआरएस का उद्घाटन किया और जनजाति पुजारी सम्मेलन को संबोधित किया
राष्ट्रपति भवन : 28.12.2022
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 28 दिसंबर, 2022 को भद्राचलम में प्रसाद योजना के अंतर्गत भद्राचलम मंदिर समूह में तीर्थ सुविधाओं के विकास की आधारशिला रखी। इसके बाद, उन्होंने भद्राचलम में वनवासी कल्याण परिषद-तेलंगाना राज्य द्वारा आयोजित समाख्या सरलम्मा जनजाति पुजारी सम्मेलन का उद्घाटन किया और तेलंगाना के कोमाराम भीम आसिफाबाद और महबूबाबाद जिलों में जनजातीय कार्य मंत्रालय के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का वर्चुअल उद्घाटन किया।
सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि तेलंगाना के प्रसिद्ध मंदिरों में लाखों तीर्थ यात्रियों का आवागमन होता है। उन्होंने कहा कि देशी-विदेशी पर्यटकों में बहुत बड़ी संख्या तीर्थ यात्रा करने वाले लोगों की होती है। इस प्रकार घरेलू पर्यटन के विकास में तीर्थ स्थलों के पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान होता है। ऐसे पर्यटन से लोगों की आजीविका और आय में भी वृद्धि होती है तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है । उन्होंने 'प्रसाद' योजना के तहत तीर्थ स्थलों के विकास के माध्यम से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए पर्यटन मंत्रालय की सराहना की।
यह देखते हुए कि जनजातीय समाज, विशेष रूप से कोया समुदाय के लाखों भाई-बहन समाख्या सरलम्मा की पूजा-अर्चना के लिए एकत्रित होते हैं, राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे पर्व और सम्मेलन हमारी सामाजिक समरसता को मजबूत करते हैं। इन गतिविधियों से हमारी परंपराएं पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहती हैं। उन्होंने कहा कि निरंतर अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और रीति-रिवाजों को निरंतर जीवंत बनाए रखना अनिवार्य है। इससे हमारी विरासत का संरक्षण भी होता है। उन्होंने इस सम्मेलन के आयोजन के लिए वनवासी कल्याण परिषद, तेलंगाना की सराहना की। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि परिषद वनवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रगति के सभी आयामों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी हमारे समाज और देश के समग्र विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि महिलाओं को आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए परिषद द्वारा विकास केन्द्र भी चलाए जा रहे हैं। ग्रामीण विकास के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए परिषद द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने इस तरह के कल्याणकारी और विकासात्मक कार्यों के लिए परिषद की सराहना की।
इसके बाद, राष्ट्रपति ने वारंगल जिले में रामप्पा मंदिर (रुद्रेश्वर मंदिर) का दौरा किया, जहां उन्होंने पर्यटन के अवसंरचना विकास कार्य और कामेश्वरालय मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य की आधारशिला रखी।