भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के तृतीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं

राष्ट्रपति भवन : 26.10.2024

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 26 अक्तूबर, 2024 को रायपुर में पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के तृतीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जड़ी-बूटियों का अकूत भंडार है। ग्रामीण और जनजातीय भाई-बहन बीजा और धावड़ा जैसे पेड़ों के औषधीय महत्व के बारे में जानते हैं। इस पारंपरिक ज्ञान भंडार को दस्तावेज के रूप में रखकर और इसका मानकीकरण करके इन्हें विलुप्त होने से बचाया जा सकता है। शोध को बढ़ावा देकर ऐसी जानकारी का व्यापक स्तर पर विज्ञान-सम्मत उपयोग किया जा सकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मलेरिया, लिम्फैटिक फाइलेरियासिस और टीबी जैसी  संक्रामक बीमारियों का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं हो पाया है। भारत सरकार इन रोगों के उन्मूलन के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। स्वास्थ्यकर्मी, अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में, सामान्य लोगों को स्वास्थ्य  समस्याओं के बारे में जागरूक कर सकते हैं। वे नीति निर्माताओं और  सामान्य जनता के बीच एक सेतु के रूप में कार्य कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में जाकर डॉक्टर जनता की वास्तविक समस्याओं से  अवगत हो पाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने से उनका चिकित्सकीय अनुभव समृद्ध होगा तथा समाज एवं देश के प्रति कर्तव्य-बोध मजबूत होगा। उन्होंने डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे अपने पेशेवर जीवन के कुछ वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों को समर्पित करने पर विचार करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षकों और डॉक्टरों के प्रति सम्मान की भावना का उपयोग लोगों को सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक बनाने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, वे लोगों को समझा सकते हैं कि नशीले पदार्थों के सेवन से उनका स्वास्थ्य तो खराब होता ही है, उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी खराब होती है। इसी तरह चिकित्सक, लोगों को रक्तदान और अंगदान के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत समारोह की खुशी मनाने के साथ-साथ अपने भविष्य के बारे में संकल्प लेने का भी अवसर है। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे अपने भविष्य की रूप-रेखा बनाते समय यह ध्यान रखें कि उनकी शिक्षा में समाज का भी योगदान है। उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि समाज ने उनकी शिक्षा में जो निवेश किया है उसे समाज को लौटाना उनका कर्तव्य है।

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने बताया कि नागरिकों का अच्छा स्वास्थ्य समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य से लोगों की उत्पादकता और रचनात्मकता बढ़ती है। इसलिए  छत्तीसगढ़ को विकसित बनाने में राज्य के स्वास्थ्यकर्मियों की अहम भूमिका होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दो इंजीनियरिंग और दो मेडिकल संस्थानों में सम्बोधन के दौरान उन्होंने युवाओं में नए भारत की झलक देखी है - वह नया भारत जो पूरी मजबूती के साथ विश्व में अपना उचित स्थान पाने के लिए आगे बढ़ रहा है।

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