भारत की राष्ट्रपति सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के 20वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 12.02.2024
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 12 फरवरी, 2024 को सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के 20वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज हर ओर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बात हो रही है। भारत सरकार और राज्य सरकारें देश के विकास के लिए एआई के लाभ को देशवासियों के विकास के लिए उपयोग में लाने के लिए अनेक कार्यक्रम लागू कर रही हैं। बड़ी तकनीकी कंपनियां भी भारत की एआई क्षमताओं का उपयोग करने के लिए नई परियोजनाएं शुरू कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एसवीएनआईटी जैसे प्रौद्योगिकी संस्थानों को देश के 'एआई स्किल गैप' को कम करने की दिशा में कॉर्पोरेट क्षेत्र, गैर-सरकारी संगठनों और अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एआई और मशीन लर्निंग जैसी नवीनतम और तेजी से बदलती प्रौद्योगिकियों की वैश्विक दौड़ में भारत को आगे बढ़ाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों को राष्ट्र निर्माण के लिए अपने तकनीकी कौशल, समस्या निवारण कौशल और नवीन सोच का उपयोग करने में विज्ञान को अपना मार्गदर्शक बनाना चाहिए। उन्हें न केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इंजीनियरिंग समाधान खोजने हैं बल्कि नवाचार, दक्षता और समावेश के नए मानक भी स्थापित करने हैं। उन्हें न केवल अपनी नौकरी और करियर के बारे में ही नहीं सोचना है, बल्कि नए उद्योगों और रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए अपने ज्ञान, अल्युम्नी नेटवर्क और तकनीकी कौशल का भी उपयोग करना है।
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को अपने आने वाले जीवन और पेशे के लिए कुछ आदर्श बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उन्हें सही रास्ते का चुनाव करने में कभी कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने उनसे हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहने को कहा। उन्होंने कहा कि उनका यह जुड़ाव उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगा साथ ही जीवन को सार्थक बनाने में भी उपयोगी सिद्ध होगा।
राष्ट्रपति ने इंजीनियरिंग कॉलेजों और संस्थानों में लड़कियों की बढ़ती संख्या देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अपना करियर बनाने के लिए लड़कियों की सराहना की। उन्होंने सभी एनआईटी से अधिक से अधिक लड़कियों को इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानों में अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम, अभियान या कार्यशालाएं आयोजित करने का आग्रह किया।